देहरादून/हल्द्वानी/रामनगर: कांग्रेस लगातार पेगासस (Pegasus) फोन टैपिंग मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधने में लगी है. देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में राजभवन कूच किया, लेकिन पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.
इसी कड़ी में हल्द्वानी में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पेगासस (Pegasus) फोन टैपिंग मामले को लेकर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया. साथ ही सरकार से जासूसी बंद करने और उचित कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के माध्यम से जांच कराई जाए. वहीं, रामनगर में भी फोन टैपिंग मामले को लेकर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव तनुज दुर्गापाल के नेतृत्व में रानीखेत रोड पर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया. साथ ही जमकर नारेबाजी की.
उत्तराखंड में भी लगातार कांग्रेस पेगासस (Pegasus) फोन टैपिंग मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधने में लगी है. देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन का कूच किया. पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया. जिसके बाद नाराज प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की. जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पुलिस लाइन भेज दिया.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर इस देश को कमजोर किया जा रहा है. देश के लोकतंत्र पर प्रहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी और उनके स्टाफ की जासूसी करवाई जा रही है. सत्ता में बैठे हुए लोगों के इशारे पर पत्रकारों और कई केंद्रीय मंत्रियों की जासूसी की जा रही है. ऐसे में अगर जरा सी भी नैतिकता इस देश के गृहमंत्री में है तो उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
पढ़ें: पेगासस फोन हैकिंग पर गरमाई उत्तराखंड की राजनीति, CM के बयान पर बिफरे प्रीतम
उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वैसे तो इस सरकार में नैतिकता बची नहीं है. इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर सभी कांग्रेस जनों ने इस जासूसी प्रकरण के खिलाफ राज्यपाल आवास घेराव करने का निर्णय लिया है.
वहीं, हल्द्वानी में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फोन टैपिंग मामले को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द जेपीसी के माध्यम से मामले की जांच कराई जाए.
पढ़ें: खुशखबरी: उत्तराखंड में नर्सिंग के 2800 पदों पर होगी भर्ती, जल्द निकलेगी विज्ञप्ति
कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार नेताओं के साथ-साथ उच्च अधिकारियों, न्यायपालिका में बैठे लोगों के अलावा बड़े पत्रकारों की फोन की जासूसी करवा रही है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा इस तरह से लोगों की जासूसी कराना न्याय संगत नहीं है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने जल्द जासूसी को बंद नहीं किया और इस की उचित जांच नहीं कराई तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर आंदोलन करेंगे.
वहीं, रामनगर में पेगासस (Pegasus) फोन टैपिंग मामले को लेकर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव तनुज दुर्गापाल के नेतृत्व में रानीखेत रोड पर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया. साथ ही जमकर नारेबाजी की.
बता दें कि, युवा कांग्रेस ने केंद्र सरकार का पुतला फूंकते हुए कहा कि सरकार द्वारा जो 2 सेवारत कैबिनेट मंत्रियों, 40 पत्रकारों, विपक्ष के कुछ नेताओं और भारत में अन्य प्रमुख हस्तियों सहित 300 भारतीयों की जासूसी की गई. जैसा कि पेरिस स्थित एनजीओ फॉरबिडन स्टोरी और amnesty इंटरनेशनल द्वारा pegasus spyware का उपयोग करके रिपोर्ट किया गया था.
पढ़ें: सीएम पुष्कर सिंह धामी का पिथौरागढ़ दौरा स्थगित
प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस तनुज दुर्गापाल ने कहा कि मौजूदा सरकार ने भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकार का हनन किया है. यह सरकार विदेशी हाथों की कठपुतली है, उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को 2022 में देश की जनता भारी बहुमत से हराकर अपना रोष प्रकट करेगी.
क्या है पेगासस फोन हैकिंग मामला: संसद के मॉनसूत्र से पहले एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आई. यह रिपोर्ट दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थानों के कंसोर्टियम ने जारी की. इसने देश की सियासत गरमा दी. इसमें कहा गया कि इजरायल के पेगासस स्पाईवेयर की मदद से भारत में कई नेताओं, पत्रकारों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों का फोन हैक किया गया है. रिपोर्ट में 150 से ज्यादा लोगों के फोन हैक करने की बात कही गई है. वहीं, भारत में कम से कम 38 लोगों की निगरानी की बात कही गई. हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. साथ ही यह भी कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां प्राइवेसी मौलिक अधिकार है.