देहरादून: रैणी गांव में दैवीय आपदा का आज पांचवां दिन है. रैणी गांव से लेकर श्रीनगर तक सर्च अभियान जारी है. अभी तक 35 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि 160 से ज्यादा लोग लापता हैं. इसके साथ ही टनल में भी जाने का प्रयास किया जा रहा है.
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान टनल में काफी दूर तक चले गए थे, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि दूसरी तरफ से मलबा बहुत अधिक आ जा रहा है. जिसे निकालने में काफी दिक्कत हो रही है. लेकिन इसके लिए एनटीपीसी की टीम भी लगी हुई है.
वहीं, मुख्य सचिव ने बताया कि जो लोग लापता हैं, उनके लिए राज्य सरकार ने जो एसओपी तैयार की है. उसके अनुमोदन के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है, जो आज शाम तक प्राप्त होने के बाद दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से भी टनल के अंदर निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही टनल में कई जगहों पर ड्रिल किया जा रहा है, ताकि ड्रोन को अंदर भेजा जा सके. हालांकि, ड्रोन अंदर तो चला जाता है, लेकिन फिर वापस आ जाता है. क्योंकि पानी और मलबा भरा होने की वजह से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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मुख्य सचिव ने बताया कि यह रेस्क्यू अभियान कब तक चलेगा यह कहना अभी बहुत मुश्किल है. क्योंकि वर्तमान समय में लगभग पूरी टनल भरी हुई है. मुख्य सचिव ने बताया कि मृतकों के आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से 4-4 लाख और केंद्र सरकार की ओर से 2-2 लाख दिए जाएंगे. इसके साथ ही एनटीपीसी ने अलग से मुआवजा देने का ऐलान किया है, जो ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दिया जाएगा. मुख्य सचिव ने तताया कि जो डेड बॉडी रिकवर कर ली गई हैं, उनको 96 घंटे तक रखा जाएगा, ताकि उनके परिजन शवों की शिनाख्त कर सकें.