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उत्तराखंड विधानसभा सत्र: कानून व्यवस्था पर विपक्ष ने किया वॉकआउट, पटल पर रखा गया ये संशोधित विधेयक

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Published : Jun 25, 2019, 11:17 PM IST

मदन कौशिक ने पिछली सरकार और इस सरकार में हुई आपराधिक घटनाओं के तुलनात्मक आंकड़े सदन में पेश किए.  लेकिन सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कांग्रेस ने सदन में हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर दिया.

विधानसभा सत्र

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा. लंच के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल दागे. वहीं सरकार से संतुष्टि जनक जवाब नहीं मिलने पर सदन में कांग्रेसी विधायकों ने हंगामा किया. जिस कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. हंगामें के बीच मंगलवार को सरकार ने आयुष विभाग का संशोधित विधेयक पटल पर रखा.

पढ़ें- पुकार रहा गांव, आ जा रहे परदेसी... आ अब लौटें...

सदन में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश समेत कांग्रेस के सभी विधायकों ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं और कानून व्यवस्था को लेकर नियम 310 के तहत चर्चा कराने की मांग की. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कानून व्यवस्था का मुद्दा नियम 58 के तहत सुना.

सदन में हंगामा

कानून व्यवस्था पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तराखंड में बीते पिछले पांच महीनों के अंदर 219 महिला दुराचार के मामले सामने आए हैं. जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने पूछा की सरकार इन मामलों में अबतक क्या कार्रवाई की है?

इसी विषय पर उपनेता प्रतिपक्ष करण महारा और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने सूबे में हुई तमाम उन घटनाओं का जिक्र किया जो कि बलात्कार और महिला उत्पीड़न से जुड़ी हुई थी. इसके अलावा उपनेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला के रिश्तेदार के 15 वर्षीय पुत्र कार्तिकेय का बदरीनाथ धाम में गला रेतकर हत्या करने का मामला भी उठाया.

पढ़ें- उत्तराखंड के 'मिनी कश्मीर' में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन, पर्यटन को लगेंगे पंख

इसके बाद केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने देहरादून विधायक हॉस्टल में अव्यवस्थाओं के साथ-साथ चारधाम हेली सेवा में हो रही कालाबाजारी का विषय भी सदन में उठाया.

विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सदन में मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि किसी भी प्रदेश में आने वाले पर्यटक, निवेश और वहां के माहौल से उस प्रदेश की कानून व्यवस्था का आंकलन किया जाता है. उत्तराखंड इसका जीता जागत उदाहरण है. उत्तराखंड में पर्यटन, निवेश इस सरकार में बढ़ा है, लेकिन विपक्ष द्वारा पिछले 5 महीने में हुई घटनाओं पर जवाब मांगा गया.

पढ़ें- स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि के निधन पर संत समाज में शोक की लहर, विधानसभा अध्यक्ष ने जताया दु:ख

मदन कौशिक ने पिछली सरकार और इस सरकार में हुई आपराधिक घटनाओं के तुलनात्मक आंकड़े सदन में पेश किए. लेकिन सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कांग्रेस ने सदन में हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर दिया. इसी हंगामें के बीच सरकार ने आयुष विभाग से संबंधित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (संशोधित) विधेयक 2019 सदन के पटल पर रखा. जिसे बुधवार को पारित किया जाएगा. विपक्ष के हंगामें के चलते सदन बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा. लंच के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल दागे. वहीं सरकार से संतुष्टि जनक जवाब नहीं मिलने पर सदन में कांग्रेसी विधायकों ने हंगामा किया. जिस कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. हंगामें के बीच मंगलवार को सरकार ने आयुष विभाग का संशोधित विधेयक पटल पर रखा.

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सदन में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश समेत कांग्रेस के सभी विधायकों ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं और कानून व्यवस्था को लेकर नियम 310 के तहत चर्चा कराने की मांग की. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कानून व्यवस्था का मुद्दा नियम 58 के तहत सुना.

सदन में हंगामा

कानून व्यवस्था पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तराखंड में बीते पिछले पांच महीनों के अंदर 219 महिला दुराचार के मामले सामने आए हैं. जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने पूछा की सरकार इन मामलों में अबतक क्या कार्रवाई की है?

इसी विषय पर उपनेता प्रतिपक्ष करण महारा और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने सूबे में हुई तमाम उन घटनाओं का जिक्र किया जो कि बलात्कार और महिला उत्पीड़न से जुड़ी हुई थी. इसके अलावा उपनेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला के रिश्तेदार के 15 वर्षीय पुत्र कार्तिकेय का बदरीनाथ धाम में गला रेतकर हत्या करने का मामला भी उठाया.

पढ़ें- उत्तराखंड के 'मिनी कश्मीर' में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन, पर्यटन को लगेंगे पंख

इसके बाद केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने देहरादून विधायक हॉस्टल में अव्यवस्थाओं के साथ-साथ चारधाम हेली सेवा में हो रही कालाबाजारी का विषय भी सदन में उठाया.

विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सदन में मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि किसी भी प्रदेश में आने वाले पर्यटक, निवेश और वहां के माहौल से उस प्रदेश की कानून व्यवस्था का आंकलन किया जाता है. उत्तराखंड इसका जीता जागत उदाहरण है. उत्तराखंड में पर्यटन, निवेश इस सरकार में बढ़ा है, लेकिन विपक्ष द्वारा पिछले 5 महीने में हुई घटनाओं पर जवाब मांगा गया.

पढ़ें- स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि के निधन पर संत समाज में शोक की लहर, विधानसभा अध्यक्ष ने जताया दु:ख

मदन कौशिक ने पिछली सरकार और इस सरकार में हुई आपराधिक घटनाओं के तुलनात्मक आंकड़े सदन में पेश किए. लेकिन सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कांग्रेस ने सदन में हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर दिया. इसी हंगामें के बीच सरकार ने आयुष विभाग से संबंधित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (संशोधित) विधेयक 2019 सदन के पटल पर रखा. जिसे बुधवार को पारित किया जाएगा. विपक्ष के हंगामें के चलते सदन बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

Intro:Summary- विधानसभा विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही पूरी कल सुबह 11 बजे तक के लिए हुए स्थगित। Note- फीड FTP से (uk_ddn_session adjourned till tomorrow_byte_7205800) नाम से भेजी गई है। एंकर- उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र आज दूसरा दिन काफी हंगामे दार रहा। लंच के बाद सुरु हुए सेशन में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा तो वहीं सरकार द्वारा वाजिब जवाब ना मिलने पर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया तो इसी हंगामे के बीच सदन में आयुष विभाग का संसोधित विधेयक पटल पर रखा गया जिसके बाद सदन कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गया।


Body:वीओ- उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र आज दिन भर हुए तामम मुद्दों पर हंगामे के बाद स्थगित हो गया। भोजन अवकाश के बाद चले सदन में विपक्ष ने सरकार को कानून व्यवस्था पर घेरने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस के तमाम विधायकों ने पिछले दिनों प्रदेश में हुए महिलाओं के साथ हुए दुराचार और तमाम आपराधिक घटनाओं को लेकर कानून व्यवस्था को नियम 310 में चर्चा कराने की मांग की जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने इस विषय को नियम 58 के तहत सुना कानून व्यवस्था पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हिरदेश ने कहा कि पिछले 5 महीनों में 219 महिला दुराचार के मामले सामने आ चुके हैं जिस पर सरकार बताएं कि उन्होंने क्या कार्यवाही की है...? इसी विषय पर गोविंद सिंह कुंजवाल और उपनेता प्रतिपक्ष करण मेहरा ने सूबे में हुई तमाम उन घटनाओं का जिक्र किया जो कि बलात्कार और महिला उत्पीड़न से जुड़ी हुई थी इसके अलावा उप नेता प्रतिपक्ष करण मेहरा ने भाजपा विधायक राजेश शुक्ला के रिश्तेदारों के 15 वर्षीय पुत्र कार्तिकेय का बद्रीनाथ धाम के पास गला रेतकर हुई हत्या का मामला भी सदन में उठाया इसके अलावा कांग्रेस विधायक केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने देहरादून विधायक हॉस्टल में अव्यवस्थाओं के साथ साथ चार धाम हेली सेवा में हो रही कालाबाजारी का विषय भी सदन में उठाया। इस सब के जवाब में मंत्री मंडन कौशिक ने जब देना शुरू किया तो उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश में आने वाले पर्यटक, निवेश और वंहा के माहौल से उस प्रदेश की कानून व्यवस्था का।आंकलन किया जाता है और उत्तराखंड इसका जीत जगत उदाहरण है कि उत्तराखंड में पर्यटन, निवेश इस सरकार में बढ़ा है लेकिन विपक्ष द्वारा पिछले 5 महीने में हुई घटनाओं पर जवाब मांगा गया जिस ओर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने पिछली सरकार और इस सरकार में हुई आपराधिक घटनाओं के तुलनात्मक आंकड़े सदन में पेश किए लेकिन एक बार फिर विपक्ष की वही मांग थी कि वो जो सूचना मांगी गई है उस पर जवाब दें। इसके बाद सरकार की तरफ से जवाब ना आने पर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर लिया। और दोनों तरफ से पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर सदन ना चलने का आरोप मढ़ते रहे। इसी आरोप प्रत्यारोप के बीच सदन में एक आयुष विभाग से सम्बंधित उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय संसोधित अधिनियम 2019 आज सदन में टेबल किया गया जो कि कल सदन में पारित किया जाएगा और इसके बाद सदन कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गया। बाइट- करन मेहरा, उपनेता प्रतिपक्ष बाइट- मदन कौशिक, संसदीय कार्यमंत्री


Conclusion:
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