देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा. लंच के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल दागे. वहीं सरकार से संतुष्टि जनक जवाब नहीं मिलने पर सदन में कांग्रेसी विधायकों ने हंगामा किया. जिस कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. हंगामें के बीच मंगलवार को सरकार ने आयुष विभाग का संशोधित विधेयक पटल पर रखा.
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सदन में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश समेत कांग्रेस के सभी विधायकों ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं और कानून व्यवस्था को लेकर नियम 310 के तहत चर्चा कराने की मांग की. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कानून व्यवस्था का मुद्दा नियम 58 के तहत सुना.
कानून व्यवस्था पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तराखंड में बीते पिछले पांच महीनों के अंदर 219 महिला दुराचार के मामले सामने आए हैं. जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने पूछा की सरकार इन मामलों में अबतक क्या कार्रवाई की है?
इसी विषय पर उपनेता प्रतिपक्ष करण महारा और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने सूबे में हुई तमाम उन घटनाओं का जिक्र किया जो कि बलात्कार और महिला उत्पीड़न से जुड़ी हुई थी. इसके अलावा उपनेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला के रिश्तेदार के 15 वर्षीय पुत्र कार्तिकेय का बदरीनाथ धाम में गला रेतकर हत्या करने का मामला भी उठाया.
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इसके बाद केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने देहरादून विधायक हॉस्टल में अव्यवस्थाओं के साथ-साथ चारधाम हेली सेवा में हो रही कालाबाजारी का विषय भी सदन में उठाया.
विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सदन में मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि किसी भी प्रदेश में आने वाले पर्यटक, निवेश और वहां के माहौल से उस प्रदेश की कानून व्यवस्था का आंकलन किया जाता है. उत्तराखंड इसका जीता जागत उदाहरण है. उत्तराखंड में पर्यटन, निवेश इस सरकार में बढ़ा है, लेकिन विपक्ष द्वारा पिछले 5 महीने में हुई घटनाओं पर जवाब मांगा गया.
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मदन कौशिक ने पिछली सरकार और इस सरकार में हुई आपराधिक घटनाओं के तुलनात्मक आंकड़े सदन में पेश किए. लेकिन सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कांग्रेस ने सदन में हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर दिया. इसी हंगामें के बीच सरकार ने आयुष विभाग से संबंधित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (संशोधित) विधेयक 2019 सदन के पटल पर रखा. जिसे बुधवार को पारित किया जाएगा. विपक्ष के हंगामें के चलते सदन बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.