देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा के इतिहास में ऐसा भी पहली बार होगा, जब कोरोना संक्रमण के चलते विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष व उपनेता प्रतिपक्ष सदन में मौजूद नहीं रहेंगे. इस बार सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा. सरकार की ओर से नौ अध्यादेश विधेयक के रूप में और 10 नए विधेयक पेश किए जाएंगे. विधानसभा ने साफ किया है कि जिन विधायकों की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव होगी, उन्हें ही सदन में प्रवेश दिया जाएगा.
इतना ही नहीं कोविड-19 को देखते हुए तमाम विधायकों के पहले ही कोविड टेस्ट करा लिए गए हैं. इसके साथ ही विधानसभा के परिसर से लेकर सदन के भीतर तक विधानसभा सदस्यों का तीन बार थर्मल स्क्रीनिंग और तीन बार हैंड सैनिटाइज कराया जाएगा.
वर्चुअल जुड़ेंगे 15 विधानसभा सदस्य
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए विधानसभा प्रशासन ने पहले ही इस बात पर जोड़ दिया था कि कम से कम विधायक सदन में शामिल हों, क्योंकि मुख्य रूप से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सदन की कार्यवाही को संचालित करना है. इसी क्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी तमाम सदस्यों से से अनुरोध किया था कि जो विधायक वर्चुअल शामिल हो सकते हैं, वो विधायक वर्चुअल शामिल हो.
लिहाजा, इसी क्रम में 15 विधायक वर्चुअल भागीदारी पर अपनी सहमति भी दे चुके हैं. जिनमें विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, बिशन सिंह चुफाल, चंदन राम दास, नवीन दुम्का, संजीव आर्य, जार्ज आईवान ग्रेगरी मैन, भरत चौधरी, राजकुमार, गणेश जोशी, ऋतु खंडूड़ी, दिलीप रावत, महेश नेगी, पुष्कर सिंह धामी, चंद्रा पंत व हरभजन सिंह चीमा शामिल हैं.
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विधानसभा के 300 मीटर परिधि में लगाया गया धारा 144
विधानसभा सत्र को लेकर जिला प्रशासन ने विधानसभा के 300 मीटर की परिधि में धारा 144 लगा दी है. ऐसे में सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की नारेबाजी और लाउडस्पीकर का प्रयोग, सरकारी भवनों में नारे लिखना, भड़काऊ भाषण, भ्रामक प्रचार-प्रसार पर रोक रहेगी.
इसके साथ ही विधानसभा के 300 मीटर परिधि से बाहर जुलूस और सार्वजनिक सभा का आयोजन बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जाएगा. इतना ही नहीं विधानसभा सत्र की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए विधानसभा के चारों ओर 300 मीटर परिधि पर बैरिकेडिंग भी लगा दी गई है.
विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष समेत कई सदस्य आ चुके हैं कोरोना पॉजिटिव
विधानसभा मॉनसून सत्र से पहले ही विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. इसके साथ ही सत्र में शामिल होने वाले अन्य विधानसभा सदस्यों के भी सोमवार से कोरोना टेस्ट कराए जा रहे हैं. जिसमें भी कई सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
हालांकि, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और हरीश धामी पहले ही कोरोना संक्रमित पाए गए थे तो वहीं, सोमवार को हुए कोरोना टेस्ट में उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा, राज्यमंत्री धन सिंह रावत, बीजेपी विधायक पुष्कर सिंह धामी भी पॉजिटिव पाए गए हैं.
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लिखित में दिया जाएगा विधायको के प्रश्नों का उत्तर
विधानसभा सत्र के दौरान जनता इस उम्मीद में बैठी होती है कि उनकी समस्याओं का मुद्दा सदन के भीतर उठेगा. इसी को लेकर विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं से जुड़े प्रश्न लगाते हैं, लेकिन इस मॉनसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं चलेगा. लिहाजा, सभी विधायकों के प्रश्नों का उत्तर उन्हें लिखित रूप में दिया जाएगा.
विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने बताया कि करीब 1053 प्रश्न आए हैं. इन सभी प्रश्नों का जवाब विधायकों को लिखित रूप में दिया जाएगा. हालांकि, विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि सदन के भीतर प्रश्नकाल नहीं चलाया जाएगा.
करीब 18 विधेयक होंगे पारित
विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल चलने पर पहले ही रोक लगा दी गई है. लिहाजा, सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद ही करीब 18 से 20 विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे और विधेयक को पढ़े जाने के बाद इन सभी विधेयक को पारित कर दिया जाएगा. जिसमें उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2020, महामारी अधिनियम (संशोधन) 2020 विधेयक को प्रतिस्थापित, विधायकों के वेतन कटौती संबंधी विधेयक समेत अन्य विधायक सदन के पटल पर रखे जाएंगे.
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सदन के भीतर कांग्रेस का हंगामा करने की उम्मीद टूटी
उत्तराखंड विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के कुल 11 विधायक हैं. जिसमें से कई विधायक कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा, कांग्रेस विधायक हरीश धामी भी संक्रमित पाए गए हैं. जिनका इलाज चल रहा है.
लिहाजा, अब कांग्रेस के पास एक बड़ी समस्या आन पड़ी है कि वह सदन के भीतर किस तरह से जनता की समस्याओं को उठाने के साथ ही सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे. इतना ही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस के कई विधायक वर्चुअल भी जुड़ रहे हैं. ऐसे में सदन के भीतर विपक्षी दल कांग्रेस के कुछ ही विधायक नजर आएंगे.