ETV Bharat / state

यूपी निर्माण निगम पर मेहरबान उत्तराखंड सरकार, रिवाइज रेट को मिल सकती है मंजूरी

राज्य में दून मेडिकल कॉलेज निर्माण की जिम्मेदारी यूपी निर्माण निगम के पास है. लेकिन करीब 6 साल होने के बावजूद अबतक इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. इस बीच यूपी निर्माण निगम ने ओपीडी और ओटी के लिए रिवाइज रेट सरकार को भेजकर करोड़ों रुपए बढ़ाए जाने की मांग की थी. सूत्रों के अनुसार अब मामले में 65 करोड़ की डिमांड को देखते हुए 61 करोड़ के बजट की मंजूरी देने की तैयारी की जा रही है.

उत्तरप्रदेश निर्माण निगम पर मेहरमान हो सकती है उत्तराखंड सरकार
author img

By

Published : Jul 19, 2019, 10:28 PM IST


देहरादून: उत्तराखंड में ब्लैक लिस्ट हो चुके निर्माणदायी संस्था उत्तरप्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर शासन जल्द मेहरबान हो सकता है. निर्माण निगम को दून मेडिकल कॉलेज के लिए रिवाइज रेट देने की तैयारी चल रही है. निगम ने रिवाइज रेट के तौर पर 20 करोड़ रुपये अधिक की डिमांड रखी थी. सूत्रों के अनुसार निगम की इस डिमांड को जल्द पूरा किया जा सकता है. हालांकि विभागीय स्तर पर अधिकारी फिलहाल आंकलन करने की बात कह रहे हैं.

उत्तरप्रदेश निर्माण निगम पर मेहरमान हो सकती है उत्तराखंड सरकार

दरअसल, राज्य में दून मेडिकल कॉलेज निर्माण की जिम्मेदारी यूपी निर्माण निगम के पास है. लेकिन करीब 6 साल होने के बावजूद अबतक इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. इस बीच यूपी निर्माण निगम ने ओपीडी और ओटी के लिए रिवाइज रेट सरकार को भेजकर करोड़ों रुपए बढ़ाए जाने की मांग की थी. सूत्रों के अनुसार अब मामले में 65 करोड़ की डिमांड को देखते हुए 61 करोड़ के बजट की मंजूरी देने की तैयारी की जा रही है. जबकि इसके निर्माण के दौरान 45 करोड़ 53 लाख की डीपीआर मंजूर हुई थी.

पढे़ं- पौड़ी कैंपस में एडमिशन में दिख रही कमी, शिक्षकों का टोटा बना मुख्य वजह

रिवाइज रेट को मंजूरी देने की स्थिति में निर्माण निगम द्वारा की गई देरी का खामियाजा राज्य को भुगतना पड़ सकता है. दून मेडिकल कॉलेज में ओटी निर्माण पर भी निर्माण निगम रिवाइज रेट की मांग कर रहा है. ऐसे में यदि ओपीडी निर्माण में रिवाइज रेट की मंजूरी मिलती है, तो कॉलेज के निर्माण में भी आने वाले समय में रिवाइज रेट का प्रस्ताव मंजूर हो सकता है.

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मानें तो सरकार आने के बाद उन्होंने फौरन एजेंसी पर रोक लगाई थी. उन्होंने कहा कि निर्माण निगम के द्वारा जो कार्य किये जा रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द खत्म करने के आदेश दिए गए हैं. हालांकि रिवाइज रेट पर वे भी कन्नी काट गये.

प्रदेश में यूपीआरएनएन के पिछले रिकॉर्ड और सुस्त गति से निर्माण कार्यों के लिए निर्माण एजेंसी पर पेनल्टी लगाई जानी चाहिए थी. लेकिन बजाय उसके रिवाइज रेट के तहत करोड़ों रुपये देने की तैयारी चल रही है. जो अधिकारियों की कार्यशैली को संदेह के घेरे में डालता है.


देहरादून: उत्तराखंड में ब्लैक लिस्ट हो चुके निर्माणदायी संस्था उत्तरप्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर शासन जल्द मेहरबान हो सकता है. निर्माण निगम को दून मेडिकल कॉलेज के लिए रिवाइज रेट देने की तैयारी चल रही है. निगम ने रिवाइज रेट के तौर पर 20 करोड़ रुपये अधिक की डिमांड रखी थी. सूत्रों के अनुसार निगम की इस डिमांड को जल्द पूरा किया जा सकता है. हालांकि विभागीय स्तर पर अधिकारी फिलहाल आंकलन करने की बात कह रहे हैं.

उत्तरप्रदेश निर्माण निगम पर मेहरमान हो सकती है उत्तराखंड सरकार

दरअसल, राज्य में दून मेडिकल कॉलेज निर्माण की जिम्मेदारी यूपी निर्माण निगम के पास है. लेकिन करीब 6 साल होने के बावजूद अबतक इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. इस बीच यूपी निर्माण निगम ने ओपीडी और ओटी के लिए रिवाइज रेट सरकार को भेजकर करोड़ों रुपए बढ़ाए जाने की मांग की थी. सूत्रों के अनुसार अब मामले में 65 करोड़ की डिमांड को देखते हुए 61 करोड़ के बजट की मंजूरी देने की तैयारी की जा रही है. जबकि इसके निर्माण के दौरान 45 करोड़ 53 लाख की डीपीआर मंजूर हुई थी.

पढे़ं- पौड़ी कैंपस में एडमिशन में दिख रही कमी, शिक्षकों का टोटा बना मुख्य वजह

रिवाइज रेट को मंजूरी देने की स्थिति में निर्माण निगम द्वारा की गई देरी का खामियाजा राज्य को भुगतना पड़ सकता है. दून मेडिकल कॉलेज में ओटी निर्माण पर भी निर्माण निगम रिवाइज रेट की मांग कर रहा है. ऐसे में यदि ओपीडी निर्माण में रिवाइज रेट की मंजूरी मिलती है, तो कॉलेज के निर्माण में भी आने वाले समय में रिवाइज रेट का प्रस्ताव मंजूर हो सकता है.

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मानें तो सरकार आने के बाद उन्होंने फौरन एजेंसी पर रोक लगाई थी. उन्होंने कहा कि निर्माण निगम के द्वारा जो कार्य किये जा रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द खत्म करने के आदेश दिए गए हैं. हालांकि रिवाइज रेट पर वे भी कन्नी काट गये.

प्रदेश में यूपीआरएनएन के पिछले रिकॉर्ड और सुस्त गति से निर्माण कार्यों के लिए निर्माण एजेंसी पर पेनल्टी लगाई जानी चाहिए थी. लेकिन बजाय उसके रिवाइज रेट के तहत करोड़ों रुपये देने की तैयारी चल रही है. जो अधिकारियों की कार्यशैली को संदेह के घेरे में डालता है.

Intro:एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...

Summary- उत्तराखंड में यूपी निर्माण निगम पर मुख्यमंत्री की सख्ती के बावजूद दून मेडिकल कॉलेज में रिवाइज रेट देने की तैयारी चल रही है। हालांकि फिलहाल रिवाइज रेट को लेकर विभागीय स्तर पर अधिकारी आंकलन करने की बात कह रहे हैं। 


दून मेडिकल कॉलेज की ओपीडी निर्माण का बजट करोड़ों रुपए बढ़ाए जाने की तैयारी की जा रही है.. खबर है कि विभागीय स्तर पर आकलन के बाद यूपी निर्माण निगम को रिवाइज रेट के लिए स्वीकृति दिए जाने की तैयारी है। 




Body:उत्तराखंड में यूपी निर्माण निगम पर भले ही तमाम अनियमिक्ताओं की शिकायतों के साथ रोक जारी हो लेकिन खबर है कि शासन स्तर पर जल्द दून मेडिकल कॉलेज की ओपीडी निर्माण को लेकर यूपीआरएनएन को तोहफा दिया जा सकता है। आपको बता दे कि राज्य में दून मेडिकल कॉलेज निर्माण की जिम्मेदारी यूपी निर्माण निगम के पास है और करीब 6 साल होने के बावजूद अब तक इसका निर्माण पूरी तरह से नहीं हो पाया है... इस बीच यूपी निर्माण निगम ने ओपीडी और ओटी के लिए रिवाइज रेट भेज कर करोड़ों रुपए बढ़ाए जाने की मांग की थी... जानकारी के अनुसार अब मामले पर 65 करोड़ की डिमांड के सापेक्ष 61 करोड़ के बजट की मंजूरी देने की तैयारी की जा रही है। जबकि इसके निर्माण के दौरान 45 करोड़ 53 लाख की डीपीआर मंजूर हुई थी। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की माने तो सरकार आने के बाद उन्होंने फौरन एजेंसी पर रोक लगाई थी और जो काम उनके द्वारा पहले से किए जा रहे थे उनको जल्द से जल्द खत्म करने के आदेश भी दिए गए हैं।


 बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड

मामले में बड़ी बात यह है कि निर्माण निगम द्वारा की गई देरी का खामियाजा अब राज्य को भुगतना पड़ सकता है। और इसमें अधिकारी जल्द रिवाइज रेट की मंजूरी दे सकते हैं।  दून मेडिकल कॉलेज में ओटी निर्माण पर भी निर्माण निगम रिवाइज्ड रेट की मांग कर रहा है ऐसे में यदि ओपीडी निर्माण में रिवाइज रेट की मंजूरी मिलती है तो कॉलेज के निर्माण में भी आने वाले समय में रिवाइज रेट का प्रस्ताव मंजूर हो सकता है।





Conclusion:प्रदेश में यूपीआरएनएन के पिछले रिकॉर्ड और सुस्त गति से निर्माण कार्यों के लिए जहां निर्माण एजेंसी पर पेनल्टी लगनी चाहिए थी वही उसके रिवाइज्ड रेट के तहत करोड़ों देने की तैयारी की जा रही है जो कि अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

पीटीसी नवीन उनियाल देहरादून
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.