देहरादून: उत्तराखंड में ब्लैक लिस्ट हो चुके निर्माणदायी संस्था उत्तरप्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर शासन जल्द मेहरबान हो सकता है. निर्माण निगम को दून मेडिकल कॉलेज के लिए रिवाइज रेट देने की तैयारी चल रही है. निगम ने रिवाइज रेट के तौर पर 20 करोड़ रुपये अधिक की डिमांड रखी थी. सूत्रों के अनुसार निगम की इस डिमांड को जल्द पूरा किया जा सकता है. हालांकि विभागीय स्तर पर अधिकारी फिलहाल आंकलन करने की बात कह रहे हैं.
दरअसल, राज्य में दून मेडिकल कॉलेज निर्माण की जिम्मेदारी यूपी निर्माण निगम के पास है. लेकिन करीब 6 साल होने के बावजूद अबतक इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. इस बीच यूपी निर्माण निगम ने ओपीडी और ओटी के लिए रिवाइज रेट सरकार को भेजकर करोड़ों रुपए बढ़ाए जाने की मांग की थी. सूत्रों के अनुसार अब मामले में 65 करोड़ की डिमांड को देखते हुए 61 करोड़ के बजट की मंजूरी देने की तैयारी की जा रही है. जबकि इसके निर्माण के दौरान 45 करोड़ 53 लाख की डीपीआर मंजूर हुई थी.
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रिवाइज रेट को मंजूरी देने की स्थिति में निर्माण निगम द्वारा की गई देरी का खामियाजा राज्य को भुगतना पड़ सकता है. दून मेडिकल कॉलेज में ओटी निर्माण पर भी निर्माण निगम रिवाइज रेट की मांग कर रहा है. ऐसे में यदि ओपीडी निर्माण में रिवाइज रेट की मंजूरी मिलती है, तो कॉलेज के निर्माण में भी आने वाले समय में रिवाइज रेट का प्रस्ताव मंजूर हो सकता है.
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मानें तो सरकार आने के बाद उन्होंने फौरन एजेंसी पर रोक लगाई थी. उन्होंने कहा कि निर्माण निगम के द्वारा जो कार्य किये जा रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द खत्म करने के आदेश दिए गए हैं. हालांकि रिवाइज रेट पर वे भी कन्नी काट गये.
प्रदेश में यूपीआरएनएन के पिछले रिकॉर्ड और सुस्त गति से निर्माण कार्यों के लिए निर्माण एजेंसी पर पेनल्टी लगाई जानी चाहिए थी. लेकिन बजाय उसके रिवाइज रेट के तहत करोड़ों रुपये देने की तैयारी चल रही है. जो अधिकारियों की कार्यशैली को संदेह के घेरे में डालता है.