देहरादून: उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को सेवाएं देने में लापरवाही बरतने पर उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा. विद्युत नियामक आयोग ने कार्य निष्पादन के मानकों में संशोधन कर दिया है. आयोग ने विनियम 2022 लागू कर दिया है. जिसके बाद उपभोक्ताओं को सेवाएं देने से जुड़े अलग-अलग मामलों में यूपीसीएल पर नियमों में सख्ती की गई है.
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के विनियम 2022 के नए संशोधन बिजली उपभोक्ताओं की सेवाओं को लेकर कुछ खास बदलाव किए हैं. यह बदलाव उपभोक्ताओं को अच्छी सेवाएं मिले इसके लिए यूपीसीएल पर हर्जाने के रूप में किए गए. नए कार्य निष्पादन के मानक में अब हाई वोल्टेज से घर के टीवी या फ्रिज जैसे उपकरणों के खराब होने पर यूपीसीएल को 10 गुने अधिक हर्जाना देने तक का प्रावधान किया गया है. यही नहीं शहरी क्षेत्रों में 4 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं आने पर भी यूपीसीएल को उपभोक्ताओं को मुआवजा देना होगा. इसके अलावा यूपीसीएल को उपभोक्ताओं की शिकायतों के निस्तारण को लेकर एक प्रक्रिया भी तैयार करनी होगी ताकि इन शिकायतों के निवारण में तेजी आ सके.
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उपभोक्ताओं की सेवाओं जैसे नए कनेक्शन में देरी करने पर भी यूपीसीएल को जुर्माना देना होगा. बिलों में गड़बड़ी होने पर उसके सुधार में देरी करने पर भी यूपीसीएल को इसका हर्जाना भरना होगा. यही नहीं पोल बदलने ट्रांसफार्मर हटाने में देरी पर भी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है.
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उपभोक्ताओं की सेवाओं को लेकर अलग-अलग हर्जाने का प्रावधान है. इसमें बिजली आपूर्ति की बहाली समय पर ना होने की स्थिति में ₹20 प्रति घंटे के हिसाब से मुआवजा देना होगा. यह प्रावधान दुर्गम क्षेत्रों के लिए होगा. वहीं शहरी क्षेत्रों में इसे ₹10 हर्जाने के रूप में रखा गया है. घरेलू उपकरणों के खराब होने की स्थिति में ₹1000 तक का जुर्माना दिया जाएगा. उधर महंगे टीवी, वाशिंग मशीन और दूसरे महंगे उपकरणों के लिए यह जाना ₹3000 रखा गया है. हर्जाने की अधिकतम राशि ₹5000 तक रखी गई है. जबकि पहले यह राशि ₹500 थी. उपभोक्ताओं की बिजली बिल से जुड़ी शिकायतों पर समय से कार्रवाई नहीं होने पर 10% बिल के अनुसार उपभोक्ताओं को देना होगा. इसी तरह समय पर कनेक्शन न देने पर ₹500 तक प्रतिदिन हर्जाना देने का प्रावधान किया गया है.