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देहरादूनः मिशन 2022 में जुटा उत्तराखंड क्रांति दल, बीजेपी-कांग्रेस पर बोला हमला - यूकेडी

उत्तराखंड में आगामी 2022 में होने जा रहे चुनाव को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल संगठन को मजबूत करने के लिए जुट गया है. यूकेडी स्थायी राजधानी, पलायन, किसानों की समस्या समेत कई मुद्दों को लेकर जनता तक पहुंचेगी.

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उत्तराखंड क्रांति दल
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Published : Feb 9, 2020, 6:17 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड क्रांति दल अभी से ही आगामी 2022 में होने जा रहे चुनाव को लेकर तैयारियों में जुट गया है. इसी कड़ी में यूकेडी ने केंद्रीय कार्यालय में एक बैठक आयोजित की. इस दौरान उन्होंने अन्य राज्यों में क्षेत्रीय दलों की ओर बढ़ते जनता के रुझान और विश्वास को देखते हुए उत्तराखंड में यूकेडी को मजबूत करने पर मंथन किया. साथ ही पुरानी गलतियों को सुधारते हुए राज्य को बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की. वहीं, स्थायी राजधानी गैरसैंण, पलायन समेत अन्य मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस को भी घेरा.

उत्तराखंड क्रांति दल की बैठक.

यूकेडी के जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई ने बताया कि बैठक में 2022 के लक्ष्य को देखते हुए संगठन का ज्यादा विस्तार करने की बात की गई है. जिससे जनता तक ये संदेश पहुंच सके कि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरे विकल्प के रूप में यूकेडी मौजूद है. साथ ही कहा कि यूकेडी, संगठन को मजबूती देने की दिशा में मंडल स्तर पर बैठकें शुरू करने जा रही है. सभी जिलाध्यक्षों से संगठन को मजबूत करने को कहा गया है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली चुनाव को लेकर ज्योतिषाचार्य ने की भविष्यवाणी, जानिए किसके सिर सजेगा ताज

उन्होंने कहा कि स्थायी राजधानी गैरसैंण, पलायन, किसानों की स्थिति जैसे मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस ने गंभीरता से काम नहीं किया है. साथ ही जनता समझ सके कि उत्तराखंड में ये सभी समस्याएं दोनों पार्टियों ने खड़ी की है. उसे तीसरे विकल्प के रूप में यूकेडी ही दूर कर सकती है. उत्तराखंड रक्षा मोर्चा का विलय उत्तराखंड क्रांति दल में हुआ है. ऐसे में यूकेडी का मानना है कि छोटे दलों का विलय होने के बाद उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश में तीसरे विकल्प के रूप में उभरेगी.

देहरादूनः उत्तराखंड क्रांति दल अभी से ही आगामी 2022 में होने जा रहे चुनाव को लेकर तैयारियों में जुट गया है. इसी कड़ी में यूकेडी ने केंद्रीय कार्यालय में एक बैठक आयोजित की. इस दौरान उन्होंने अन्य राज्यों में क्षेत्रीय दलों की ओर बढ़ते जनता के रुझान और विश्वास को देखते हुए उत्तराखंड में यूकेडी को मजबूत करने पर मंथन किया. साथ ही पुरानी गलतियों को सुधारते हुए राज्य को बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की. वहीं, स्थायी राजधानी गैरसैंण, पलायन समेत अन्य मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस को भी घेरा.

उत्तराखंड क्रांति दल की बैठक.

यूकेडी के जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई ने बताया कि बैठक में 2022 के लक्ष्य को देखते हुए संगठन का ज्यादा विस्तार करने की बात की गई है. जिससे जनता तक ये संदेश पहुंच सके कि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरे विकल्प के रूप में यूकेडी मौजूद है. साथ ही कहा कि यूकेडी, संगठन को मजबूती देने की दिशा में मंडल स्तर पर बैठकें शुरू करने जा रही है. सभी जिलाध्यक्षों से संगठन को मजबूत करने को कहा गया है.

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उन्होंने कहा कि स्थायी राजधानी गैरसैंण, पलायन, किसानों की स्थिति जैसे मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस ने गंभीरता से काम नहीं किया है. साथ ही जनता समझ सके कि उत्तराखंड में ये सभी समस्याएं दोनों पार्टियों ने खड़ी की है. उसे तीसरे विकल्प के रूप में यूकेडी ही दूर कर सकती है. उत्तराखंड रक्षा मोर्चा का विलय उत्तराखंड क्रांति दल में हुआ है. ऐसे में यूकेडी का मानना है कि छोटे दलों का विलय होने के बाद उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश में तीसरे विकल्प के रूप में उभरेगी.

Intro: 2022 के लक्ष्य को देखते हुए क्षेत्रीय दल यूकेडी ने केंद्रीय कार्यालय में एक बैठक आयोजित की। बैठक मे यह तय किया गया कि जिस तरह से अन्य राज्यों में क्षेत्रीय दलों की ओर से जनता का रुझान और विश्वास बढ़ा है वैसे ही उत्तराखंड में यूकेडी पुरानी भूलों को सुधारते हुए राज्यों को बचाने के लिए एकजुट हो।


Body: वहीं यूकेडी के जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई ने बताया कि बैठक मे ये तय किया गया कि 2022 के लक्ष्य को देखते हुए संगठन का और विस्तार किया जाये ताकि जनता को यह संदेश पहुंच सके कि भाजपा कांग्रेस के अलावा तीसरे विकल्प के रूप में यूकेडी मौजूद है। आगामी समय मे यूकेडी संगठन को मजबूती देने की दिशा में मंडल स्तर पर बैठकें शुरू करने जा रही है। सभी जिला अध्यक्षों से कहा गया है कि संगठन को मजबूती प्रदान करें ताकि यूकेडी के शीर्ष नेता संगठन को आगे बढ़ाने के लिए बैठकें कर सकें। इससे जनता यह समझ सके कि राजधानी गैरसैंण, पलायन किसानों की स्थिति जैसे मुद्दों पर जो समस्याएं भाजपा और कांग्रेस ने उत्तराखंड में खड़ी की हैं उसे तीसरे विकल्प के रूप में यूकेडी ही दूर कर सकती है।
बाईट- विजय बौड़ाई, जिलाध्यक्ष, देहरादून


Conclusion:दर्शन 2022 के लक्ष्य को देखते हुए उत्तराखंड रक्षा मोर्चा का विलय उत्तराखंड क्रांति दल में हुआ है। ऐसे मे यूकेडी का मानना है कि छोटे दलों का विलय यूकेडी होने के बाद उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश में तीसरे विकल्प के रूप में उभरेगी।
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