देहरादून: पुलिस और प्रशासन का राजधानी में अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केंद्रों में छापेमारी (Raids in drug de-addiction centers) जारी है. इसी क्रम में देहरादून एसपी सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पटेल नगर क्षेत्र के शिमला बाईपास रोड पर तीन अवैध रूप से चलने वाले तीन नशा मुक्ति केंद्र पर छापेमारी की गई. इस दौरान भारी गड़बड़ियां पाई गईं, जिसके बाद दो रिहैब सेंटर्स को सीज करने के आदेश दिए गये हैं.
डीएम को भेजी गई रिपोर्ट: जिस तीन नशा मुक्ति केंद्रों में छापेमारी की कार्रवाई की गई उसमें लास्ट रिहैब सेंटर, जीवन ज्योति और जीवन दान रिहैब सेंटर शामिल हैं. शिमला बाईपास के गणेशपुर के समीप जीवन ज्योति और लास्ट रिहैब सेंटर (Jeevan Jyoti and Last Rehab Center) को भारी गड़बड़ी के चलते बंद करने की कार्रवाई की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जा रही है. पुलिस और प्रशासन की छापेमारी के दौरान अवैध रूप से संचालित इन दोनों नशा मुक्ति केंद्रों में नशा मुक्ति उपचार की कोई व्यवस्था नहीं पायी गई. वहीं, इन केंद्रों में नशा मरीजों को बिना सुविधाओं के रखे जाने में कई तरह की अव्यवस्थाएं सामने आईं हैं.
इन नशा मुक्ति केंद्रों में एक कमरे में 40-40 युवकों को बुरी हालत में रखने की भी बात सामने आयी है. जानकारी के मुताबिक, नशे के आदी लोगों के परिवारों से अवैध वसूली कर ये रिहैब सेंटर चलाए जा रहे हैं, जिनमें ना तो चिकित्सक की व्यवस्था है और ना ही नशा मुक्त कराने की कोई पर्याप्त व्यवस्था.
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नशा मुक्ति केंद्रों में पुलिस प्रशासन की छापेमारी (Police administration raid) कार्रवाई के दौरान, इन केंद्रों में मानसिक रोगी भी मिले, जिनको पीड़ित परिवारों से मोटी फीस वसूलकर रिहैब सेंटर में रखा जा रहा है लेकिन इनके मानसिक उपचार से संबंधित चिकित्सा की कोई व्यवस्था इन रिहैब सेंटर में नहीं देखी जा रही है. यही कारण है कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद देहरादून में अवैध रूप से संचालित होने वाले नशा मुक्ति केंद्रों में छापेमारी की कार्रवाई की गई. अब इन रिहैब सेंटर्स को बंद करने की रिपोर्ट जिलाधिकारी को संबंधित अधिकारियों द्वारा भेजी जा रही है.
अवैध नशा मुक्ति केंद्रों पर छापेमारी जारी: देहरादून सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान (Dehradun City Magistrate Kusum Chauhan) और एसपी सिटी सरिता डोभाल (SP City Sarita Dobhal) के नेतृत्व में अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केंद्रों में छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है. देहरादून जनपद के शहरी और ग्रामीण इलाकों में एक के बाद एक अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र खोले जा रहे हैं, जहां बिना किसी सुविधाओं के पीड़ित परिवारों से मोटी रकम वसूल कर नशा मुक्ति उपचार के नाम पर नशे के आदी लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित करने की खबरें सामने आ रही है.
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बता दें कि नशा मुक्ति केंद्र के संबंध में शासन प्रशासन की किसी तरह की गाइडलाइन ना होने के चलते राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में बेलगाम तरीके से नशा मुक्ति केंद्र बिना किसी सुविधाओं के मात्र रुपये कमाने के लिए खोला जा रहा है. इन केंद्रों में ना तो कोई विशेषज्ञ चिकित्सक की सुविधा है. ना ही मानसिक और नशा मुक्ति उपचार को लेकर कोई टीम मौजूद है, जो नशा ग्रस्त लोगों का इलाज कर सकें. इतना ही नहीं कई नशा मुक्ति केंद्रों में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की और युवतियों से बलात्कार की शिकायतें भी पूर्व में आ चुकी हैं.