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आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विषय पर आयोजित होगा दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार

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Published : Apr 19, 2021, 6:03 PM IST

उत्तराखंड में आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए शीघ्र आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए एक उच्चस्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया जाएगा.

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देहरादून

देहरादूनः उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए शीघ्र आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए एक उच्चस्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया जाएगा. समिति में राज्य के अवस्थापित विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के निदेशक एवं विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा.

कार्यक्रम के आयोजन के लिए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति को नोडल अधिकारी नामित किया गया है. आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग के तत्वाधान में आयोजित वर्चुअल बैठक में प्रतिभाग किया.

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बैठक के दौरान धन सिंह रावत ने कहा कि जून महीने में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विषय पर एक राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित किया जाना है. जिसमें राज्य में आने वाली विभिन्न आपदाओं पर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के विषय, विशेषज्ञों एवं संबंधित क्षेत्र के वैज्ञानिकों के सुझावों का संकलन कर कार्ययोजना तैयार की जाएगी. इससे राज्य में आने वाली विभिन्न प्रकार की आपदाओं से आसानी से निपटा जा सकेगा.

इसके लिए विभाग को अपने स्तर से सभी तैयारियां करने के निर्देश दे दिए गए हैं. यही नहीं, वर्चुअल मीटिंग में आईआईटी रुड़की, जीएसआई देहरादून, आईआईएम काशीपुर, सीबीआरआई रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जिओलॉजी देहरादून, उत्तराखंड अंतरिक्ष विभाग, भारतीय मौसम विभाग, यू-सर्क, एनडीआरएफ, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, कुमाऊं विश्वविद्यालय, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा और उत्तराखंड विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया. बैठक में सभी संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों ने मॉनसून शुरू होने से पहले आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को लेकर प्रस्तावित राष्ट्रीय सेमिनार को आवश्यक एवं महत्वपूर्ण बताया.

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बैठक के दौरान विभिन्न संस्थानों के निदेशक, कुलपति एवं विशेषज्ञों ने कहा कि सेमिनार में आपदा संबंधित विभिन्न विषयों को अलग-अलग सेक्टर में विभाजित कर विषय विशेषज्ञों के साथ चर्चा करना आवश्यक है. राज्य में भविष्य में आने वाली तरह-तरह की आपदा संबंधित चुनौतियों से निपटने से एक ठोस कार्ययोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जा सके. सभी वक्ताओं ने इसके लिए एक उच्चस्तरीय क्रियान्वयन समिति के गठन की बात कही. जिसपर सहमति जताते हुए विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कार्यक्रम के नोडल अधिकारी कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी एवं विभागीय सचिव एसए मुरुगेशन को शीघ्र समिति का गठन कर सभी सदस्यों को सूचित करने के निर्देश दिए.

विभागीय मंत्री ने कहा कि क्रियान्वयन समिति के गठन के उपरांत समिति के सदस्यों के साथ एक बैठक आयोजित कर राष्ट्रीय सेमिनार की रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड की तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए उसी समय तय किया जाएगा कि सेमिनार का आयोजन किस माध्यम से किया जाएगा.

देहरादूनः उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए शीघ्र आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए एक उच्चस्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया जाएगा. समिति में राज्य के अवस्थापित विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के निदेशक एवं विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा.

कार्यक्रम के आयोजन के लिए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति को नोडल अधिकारी नामित किया गया है. आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में आपदा प्रबंधन विभाग के तत्वाधान में आयोजित वर्चुअल बैठक में प्रतिभाग किया.

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बैठक के दौरान धन सिंह रावत ने कहा कि जून महीने में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विषय पर एक राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित किया जाना है. जिसमें राज्य में आने वाली विभिन्न आपदाओं पर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के विषय, विशेषज्ञों एवं संबंधित क्षेत्र के वैज्ञानिकों के सुझावों का संकलन कर कार्ययोजना तैयार की जाएगी. इससे राज्य में आने वाली विभिन्न प्रकार की आपदाओं से आसानी से निपटा जा सकेगा.

इसके लिए विभाग को अपने स्तर से सभी तैयारियां करने के निर्देश दे दिए गए हैं. यही नहीं, वर्चुअल मीटिंग में आईआईटी रुड़की, जीएसआई देहरादून, आईआईएम काशीपुर, सीबीआरआई रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जिओलॉजी देहरादून, उत्तराखंड अंतरिक्ष विभाग, भारतीय मौसम विभाग, यू-सर्क, एनडीआरएफ, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, कुमाऊं विश्वविद्यालय, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा और उत्तराखंड विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया. बैठक में सभी संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों ने मॉनसून शुरू होने से पहले आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को लेकर प्रस्तावित राष्ट्रीय सेमिनार को आवश्यक एवं महत्वपूर्ण बताया.

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बैठक के दौरान विभिन्न संस्थानों के निदेशक, कुलपति एवं विशेषज्ञों ने कहा कि सेमिनार में आपदा संबंधित विभिन्न विषयों को अलग-अलग सेक्टर में विभाजित कर विषय विशेषज्ञों के साथ चर्चा करना आवश्यक है. राज्य में भविष्य में आने वाली तरह-तरह की आपदा संबंधित चुनौतियों से निपटने से एक ठोस कार्ययोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जा सके. सभी वक्ताओं ने इसके लिए एक उच्चस्तरीय क्रियान्वयन समिति के गठन की बात कही. जिसपर सहमति जताते हुए विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कार्यक्रम के नोडल अधिकारी कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी एवं विभागीय सचिव एसए मुरुगेशन को शीघ्र समिति का गठन कर सभी सदस्यों को सूचित करने के निर्देश दिए.

विभागीय मंत्री ने कहा कि क्रियान्वयन समिति के गठन के उपरांत समिति के सदस्यों के साथ एक बैठक आयोजित कर राष्ट्रीय सेमिनार की रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड की तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए उसी समय तय किया जाएगा कि सेमिनार का आयोजन किस माध्यम से किया जाएगा.

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