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Uttarakhand Election: इन विधानसभा सीटों पर रहा त्रिकोणीय मुकाबला, बदल गए हार-जीत के समीकरण

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Published : Mar 12, 2022, 10:32 PM IST

Updated : Mar 13, 2022, 8:16 AM IST

उत्तराखंड की कुछ सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय नहीं होता तो बेशक चुनाव नतीजों में बदलाव जरूर दिखाई देता. राज्य की 33 विधानसभा सीटें ऐसी थी, जहां त्रिकोणीय मुकाबले में कई सीटों पर बीजेपी को फायदा हुआ तो कई पर कांग्रेस को नुकसान झेलने पड़ा.

Uttarakhand 33 seats triangular contest
33 सीटों पर रहा त्रिकोणीय मुकाबला

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटें हासिल की हैं. जिसके चलते प्रदेश में बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. वहीं, इस चुनाव में ऐसी कई सीटें थीं, जिनमें मुकाबला त्रिकोणीय होने से हार जीत के समीकरण ही बदल गए. इन सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही नुकसान झेलना पड़ा. हालांकि, इन त्रिकोणीय मुकाबलों में अधिकांश सीटों पर कांग्रेस को ज्यादा क्षति पहुंची है.

इस चुनाव में बीजेपी ने बहुमत से ज्यादा सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन अगर कुछ सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय नहीं होता तो बेशक चुनाव नतीजों में बदलाव जरूर दिखाई देता. राज्य की 33 विधानसभा सीटें ऐसी थी, जहां त्रिकोणीय मुकाबले में कई सीटों पर बीजेपी को फायदा हुआ तो कई पर कांग्रेस को नुकसान झेलने पड़ा. त्रिकोणीय मुकाबले के चलते ही बसपा ने इस चुनाव दो सीटें हासिल की तो दो निर्दलीय प्रत्याशी भी जीतकर आए. जिससे पता चलता है कि बसपा, आम आदमी पार्टी, यूकेडी समेत निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी इस चुनाव में कड़ी टक्कर दी.

इन विधानसभा सीटों पर रहा त्रिकोणीय मुकाबला: उत्तराखंड की जसपुर, बागेश्वर और बाजपुर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया. इस तीनों ही सीटों में कांग्रेस के प्रत्याशी को भारी नुकसान हुआ. इस क्रम में भीमताल विधानसभा सीट पर लाखन सिंह नेगी बीजेपी के बागी रहे, जिन्होंने मुकाबले को त्रिकोणीय किया. हालांकि, इस सीट पर बीजेपी के सिंबल पर लड़ने वाले राम सिंह कैड़ा ने ही जीत हासिल की.

वहीं, धनौल्टी विधानसभा सीट पर बीजेपी के बागी महावीर सिंह राजगढ़ ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया और इससे बीजेपी को भारी नुकसान हुआ. बावजूद इसके यहां भी बीजेपी के ही प्रीतम सिंह पंवार ने जीत हासिल की. इस चुनाव में घनसाली सीट पर कांग्रेस के भीम लाल आर्य ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया, जिसके कारण बीजेपी के शक्ति लाल शाह को चुनाव जीतने में ज्यादा मुश्किल नहीं आई.

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में झबरेड़ा, ज्वालापुर, काशीपुर, खानपुर, भगवानपुर सीटों में बसपा के प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया और इसमें सीधे तौर पर बीजेपी को फायदा हुआ. वहीं, खानपुर विधानसभा सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय रहा. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में निर्दलीय उमेश कुमार ने जीत हासिल की. हालांकि, इस हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को तीन ही सीटें हासिल हुईं. जबकि, कांग्रेस के हिस्से इस चुनाव में 5 सीटें आई. वहीं, दो सीटें बसपा और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की.

वहीं, कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर बीजेपी के बागी टीका प्रसाद मैखुरी ने चुनाव लड़ा लेकिन यहां भी बीजेपी के ही प्रत्याशी ने जीत हासिल की. हालांकि, कांग्रेस को यहां नुकसान झेलना पड़ा. काशीपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के त्रिलोक सिंह ने जीत हासिल की. जबकि यहां मुकाबला चतुष्कोणीय रहा, यहां पर आम आदमी पार्टी और बीएसपी ने इस मुकाबले को दिलचस्प किया और दोनों ही प्रत्याशियों ने कांग्रेस की हार को सुनिश्चित कर दिया.

इस चुनाव में कोटद्वार विधानसभा सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय रहा, यहां पर बीजेपी के बागी धीरेंद्र सिंह चौहान ने मुकाबले को त्रिकोणीय कर दिया. हालांकि, इसके बाद भी बीजेपी प्रत्याशी ऋतु खंडूड़ी ने यहां आसानी से चुनाव जीत लिया. वहीं, नरेंद्र नगर विधानसभा सीट पर यूकेडी के सरदार सिंह पुंडीर ने भले ही मुकाबले को त्रिकोणीय नहीं किया लेकिन उन्होंने 2000 से ज्यादा वोट लेकर परिणामों को प्रभावित किया.

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टिहरी जिले की प्रताप नगर विधानसभा सीट में पंकज व्यास ने चुनाव लड़कर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाई और परिणामों को प्रभावित कर दिया. वहीं, नैनीताल की रामनगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी संजय नेगी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और मुकाबले को त्रिकोणीय किया. ऐसे में इस सीट पर बीजेपी को लाभ मिला और कांग्रेस के हाथ से यह सीट चली गई.

उधमसिंहनगर जिले की रुद्रपुर विधानसभआ सीट में बीजेपी से बागी राजकुमार ठुकराल ने भी बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले को त्रिकोणीय कर 26 हजार से ज्यादा वोट पाने में कामयाबी हासिल की. हालांकि, बावजूद इसके बीजेपी के शिव अरोड़ा ने यहां जीत हासिल की. इस तरह त्रिकोणीय मुकाबले में सितारगंज, देवप्रयाग, डीडीहाट, केदारनाथ, लक्सर, मंगलौर, टिहरी और यमुनोत्री सीट पर भी जीत हार प्रभावित हुई है.

वैसे तो प्रदेश में 33 विधानसभा सीटों पर जीत-हार का आंकड़ा तीसरे प्रत्याशी ने प्रभावित किया, लेकिन बहुजन समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को भारी नुकसान किया. खास तौर पर हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले की 20 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को 8 सीटों पर इसका जबरदस्त फायदा हुआ.

वहीं, प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबले को लेकर राजनीतिक जानकार नीरज कोहली कहते हैं कि प्रदेश भर में अधिकतर सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले को लेकर कांग्रेस को ही नुकसान हुआ है. इसकी बड़ी वजह बहुजन समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी रहे. दरअसल, इन पार्टी के प्रत्याशियों ने कांग्रेस के वोट बैंक पर ही सेंधमारी की है.

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राज्य भर में वोट बैंक पर स्थिति को देखें तो प्रदेश में 8.31% यानी कुल 4,47,032 वोट निर्दलीयों को मिले. उधर, आम आदमी पार्टी को 3.31 % यानी कुल 1,78,134 वोट मिले. बहुजन समाजवादी पार्टी को भी प्रदेश में 4.82% कुल 2,59,371 वोट मिले हैं. जबकि, नोटा पर भी विरोध सुबह 8% कुल 46,840 वोट डाले गए हैं. इस तरह कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य में 18% वोट भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी प्रत्याशियों को मिले हैं और इन्हीं 18% वोटों से प्रदेश में कई सीटों पर जीत हार के समीकरण को बदला है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटें हासिल की हैं. जिसके चलते प्रदेश में बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. वहीं, इस चुनाव में ऐसी कई सीटें थीं, जिनमें मुकाबला त्रिकोणीय होने से हार जीत के समीकरण ही बदल गए. इन सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही नुकसान झेलना पड़ा. हालांकि, इन त्रिकोणीय मुकाबलों में अधिकांश सीटों पर कांग्रेस को ज्यादा क्षति पहुंची है.

इस चुनाव में बीजेपी ने बहुमत से ज्यादा सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन अगर कुछ सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय नहीं होता तो बेशक चुनाव नतीजों में बदलाव जरूर दिखाई देता. राज्य की 33 विधानसभा सीटें ऐसी थी, जहां त्रिकोणीय मुकाबले में कई सीटों पर बीजेपी को फायदा हुआ तो कई पर कांग्रेस को नुकसान झेलने पड़ा. त्रिकोणीय मुकाबले के चलते ही बसपा ने इस चुनाव दो सीटें हासिल की तो दो निर्दलीय प्रत्याशी भी जीतकर आए. जिससे पता चलता है कि बसपा, आम आदमी पार्टी, यूकेडी समेत निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी इस चुनाव में कड़ी टक्कर दी.

इन विधानसभा सीटों पर रहा त्रिकोणीय मुकाबला: उत्तराखंड की जसपुर, बागेश्वर और बाजपुर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया. इस तीनों ही सीटों में कांग्रेस के प्रत्याशी को भारी नुकसान हुआ. इस क्रम में भीमताल विधानसभा सीट पर लाखन सिंह नेगी बीजेपी के बागी रहे, जिन्होंने मुकाबले को त्रिकोणीय किया. हालांकि, इस सीट पर बीजेपी के सिंबल पर लड़ने वाले राम सिंह कैड़ा ने ही जीत हासिल की.

वहीं, धनौल्टी विधानसभा सीट पर बीजेपी के बागी महावीर सिंह राजगढ़ ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया और इससे बीजेपी को भारी नुकसान हुआ. बावजूद इसके यहां भी बीजेपी के ही प्रीतम सिंह पंवार ने जीत हासिल की. इस चुनाव में घनसाली सीट पर कांग्रेस के भीम लाल आर्य ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया, जिसके कारण बीजेपी के शक्ति लाल शाह को चुनाव जीतने में ज्यादा मुश्किल नहीं आई.

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में झबरेड़ा, ज्वालापुर, काशीपुर, खानपुर, भगवानपुर सीटों में बसपा के प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया और इसमें सीधे तौर पर बीजेपी को फायदा हुआ. वहीं, खानपुर विधानसभा सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय रहा. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में निर्दलीय उमेश कुमार ने जीत हासिल की. हालांकि, इस हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को तीन ही सीटें हासिल हुईं. जबकि, कांग्रेस के हिस्से इस चुनाव में 5 सीटें आई. वहीं, दो सीटें बसपा और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की.

वहीं, कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर बीजेपी के बागी टीका प्रसाद मैखुरी ने चुनाव लड़ा लेकिन यहां भी बीजेपी के ही प्रत्याशी ने जीत हासिल की. हालांकि, कांग्रेस को यहां नुकसान झेलना पड़ा. काशीपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के त्रिलोक सिंह ने जीत हासिल की. जबकि यहां मुकाबला चतुष्कोणीय रहा, यहां पर आम आदमी पार्टी और बीएसपी ने इस मुकाबले को दिलचस्प किया और दोनों ही प्रत्याशियों ने कांग्रेस की हार को सुनिश्चित कर दिया.

इस चुनाव में कोटद्वार विधानसभा सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय रहा, यहां पर बीजेपी के बागी धीरेंद्र सिंह चौहान ने मुकाबले को त्रिकोणीय कर दिया. हालांकि, इसके बाद भी बीजेपी प्रत्याशी ऋतु खंडूड़ी ने यहां आसानी से चुनाव जीत लिया. वहीं, नरेंद्र नगर विधानसभा सीट पर यूकेडी के सरदार सिंह पुंडीर ने भले ही मुकाबले को त्रिकोणीय नहीं किया लेकिन उन्होंने 2000 से ज्यादा वोट लेकर परिणामों को प्रभावित किया.

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टिहरी जिले की प्रताप नगर विधानसभा सीट में पंकज व्यास ने चुनाव लड़कर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाई और परिणामों को प्रभावित कर दिया. वहीं, नैनीताल की रामनगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी संजय नेगी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और मुकाबले को त्रिकोणीय किया. ऐसे में इस सीट पर बीजेपी को लाभ मिला और कांग्रेस के हाथ से यह सीट चली गई.

उधमसिंहनगर जिले की रुद्रपुर विधानसभआ सीट में बीजेपी से बागी राजकुमार ठुकराल ने भी बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले को त्रिकोणीय कर 26 हजार से ज्यादा वोट पाने में कामयाबी हासिल की. हालांकि, बावजूद इसके बीजेपी के शिव अरोड़ा ने यहां जीत हासिल की. इस तरह त्रिकोणीय मुकाबले में सितारगंज, देवप्रयाग, डीडीहाट, केदारनाथ, लक्सर, मंगलौर, टिहरी और यमुनोत्री सीट पर भी जीत हार प्रभावित हुई है.

वैसे तो प्रदेश में 33 विधानसभा सीटों पर जीत-हार का आंकड़ा तीसरे प्रत्याशी ने प्रभावित किया, लेकिन बहुजन समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को भारी नुकसान किया. खास तौर पर हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले की 20 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को 8 सीटों पर इसका जबरदस्त फायदा हुआ.

वहीं, प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबले को लेकर राजनीतिक जानकार नीरज कोहली कहते हैं कि प्रदेश भर में अधिकतर सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले को लेकर कांग्रेस को ही नुकसान हुआ है. इसकी बड़ी वजह बहुजन समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी रहे. दरअसल, इन पार्टी के प्रत्याशियों ने कांग्रेस के वोट बैंक पर ही सेंधमारी की है.

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राज्य भर में वोट बैंक पर स्थिति को देखें तो प्रदेश में 8.31% यानी कुल 4,47,032 वोट निर्दलीयों को मिले. उधर, आम आदमी पार्टी को 3.31 % यानी कुल 1,78,134 वोट मिले. बहुजन समाजवादी पार्टी को भी प्रदेश में 4.82% कुल 2,59,371 वोट मिले हैं. जबकि, नोटा पर भी विरोध सुबह 8% कुल 46,840 वोट डाले गए हैं. इस तरह कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य में 18% वोट भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी प्रत्याशियों को मिले हैं और इन्हीं 18% वोटों से प्रदेश में कई सीटों पर जीत हार के समीकरण को बदला है.

Last Updated : Mar 13, 2022, 8:16 AM IST
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