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नए साल से सरकारी अस्पतालों में इलाज होगा महंगा, दून अस्पताल में मिलेगी रियायत - New Year 2020

राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों में नए साल से इलाज महंगा होने जा रहा है. हालांकि, दून अस्पताल के मरीजों को राहत मिल गई है. दून मेडिकल कॉलेज में मरीज पुरानी दरों पर ही इलाज करा सकेंगे.

Dehradun Hindi News
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Published : Dec 31, 2019, 8:51 PM IST

देहरादून: नए साल पर सरकारी अस्पतालों में इजाल महंगा होने जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों में नए साल से इलाज महंगा हो जाएगा. अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन से लेकरएडमिशन शुल्क समेत अन्य जांचों में 10 फीसदी तक का इजाफा किया जा रहा है. हालांकि, दून मेडिकल कॉलेज में मरीज पुरानी दरों पर ही अपना इलाज करा सकेंगे.

नए सार पर सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ महंगा.

दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ टम्टा के मुताबिक, 2010 में हुए शासनादेश के तहत उत्तराखंड के तीनों मेडिकल कॉलेजों की ओपीडी, आईपीडी समेत जांचों में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हर साल होती थी, लेकिन दून मेडिकल कॉलेज समेत तीनों मेडिकल कॉलेजों में बीते 2016 से कोई वृद्धि नहीं की गई है.

चिकित्साधीक्षक ने बताया कि जब तक दून अस्पताल जिला अस्पताल के तौर पर चल रहा था. उस दौरान हर साल यहां इलाज में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाती थी, लेकिन दून अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित करने के बाद यहां पुरानी दरें ही लागू रहेंगी. नये साल से दून अस्पताल की ओपीडी में जांच कराने आए मरीज पुरानी दर पर लागू 17 रुपए के पर्चे में अपना रजिस्ट्रेशन का पर्चा बनवा सकते हैं. जबकि, कोरोनेशन और गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में मरीजों को रजिस्ट्रेशन का पर्चा अब 23 रुपये की बजाय 25 रुपये में बनवाना पड़ेगा.

देहरादून: नए साल पर सरकारी अस्पतालों में इजाल महंगा होने जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों में नए साल से इलाज महंगा हो जाएगा. अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन से लेकरएडमिशन शुल्क समेत अन्य जांचों में 10 फीसदी तक का इजाफा किया जा रहा है. हालांकि, दून मेडिकल कॉलेज में मरीज पुरानी दरों पर ही अपना इलाज करा सकेंगे.

नए सार पर सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ महंगा.

दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ टम्टा के मुताबिक, 2010 में हुए शासनादेश के तहत उत्तराखंड के तीनों मेडिकल कॉलेजों की ओपीडी, आईपीडी समेत जांचों में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हर साल होती थी, लेकिन दून मेडिकल कॉलेज समेत तीनों मेडिकल कॉलेजों में बीते 2016 से कोई वृद्धि नहीं की गई है.

चिकित्साधीक्षक ने बताया कि जब तक दून अस्पताल जिला अस्पताल के तौर पर चल रहा था. उस दौरान हर साल यहां इलाज में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाती थी, लेकिन दून अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित करने के बाद यहां पुरानी दरें ही लागू रहेंगी. नये साल से दून अस्पताल की ओपीडी में जांच कराने आए मरीज पुरानी दर पर लागू 17 रुपए के पर्चे में अपना रजिस्ट्रेशन का पर्चा बनवा सकते हैं. जबकि, कोरोनेशन और गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में मरीजों को रजिस्ट्रेशन का पर्चा अब 23 रुपये की बजाय 25 रुपये में बनवाना पड़ेगा.

Intro:नए साल से सरकारी अस्पतालों में इलाज महंगा होने के बाद दून अस्पताल में मरीजों का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। क्योंकि चिकित्सा शिक्षा महकमे के तहत आने वाले दून मेडिकल कॉलेज में फिलहाल पुरानी दरें ही लागू होंगी, राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों में नए साल से इलाज महंगा होने के बाद दून अस्पताल से मरीजों को राहत मिल गई है।
summary- नए साल से सभी सरकारी अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन से लेकर ऐडमिशन शुल्क समेत अन्य जांचों में 10 फ़ीसदी तक का इजाफा किया जा रहा है। लेकिन उत्तराखंड के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज में मरीज पुरानी दरों से ही अपना इलाज करा सकेंगे।


Body:दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ टम्टा के मुताबिक 2010 में हुए शासनादेश के तहत उत्तराखंड के तीनों मेडिकल कॉलेजों की ओपीडी ,आईपीडी समेत जांचों में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी प्रत्येक साल होती थी। लेकिन दून मेडिकल कॉलेज समेत तीनों मेडिकल कॉलेजों में बीते 2016 से कोई वृद्धि नहीं की गई है। डिस्टिक अस्पताल के नियमों के अनुसार जब तक दून अस्पताल जिला अस्पताल के तौर पर चल रहा था उस दौरान प्रत्येक साल यहां इलाज में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाती थी, लेकिन दून अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित करने के बाद यहां पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।

बाइट- डॉक्टर केके टम्टा ,मेडिकल सुपरिटेंडेंट, दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion:राज्य सरकार के स्वास्थ्य महकमे के अधीन आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों में नए साल से इलाज महंगा हो जाएगा जिसमें पंजीकरण से लेकर विभिन्न चिकित्सकीय जांच हो और वार्डों में भर्ती करने आदि का शुल्क 10 फ़ीसदी बढ़ना है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत आने वाले दून अस्पताल में फिलहाल कोई इजाफा नहीं किया जाएगा। जिसके बाद यह तय है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने की मंशा लिए मरीजों को दून मेडिकल कॉलेज में पुरानी दरों पर सस्ता इलाज मुहैया होगा। जिस कारण राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सरकारी अस्पतालों की बजाए दून मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने आए मरीजों की संख्या में इजाफा होना तय है।नये साल से दून अस्पताल की ओपीडी मे जांच कराने आए मरीज पुरानी दर पर लागू 17 रुपए के पर्चे में अपना रजिस्ट्रेशन का पर्चा बनवा सकते हैं, जबकि कोरोनेशन और गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में मरीजों को रजिस्ट्रेशन का पर्चा अब 23 रुपये की बजाय 25 रुपये में बनवाना पड़ेगा।
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