देहरादून: राजधानी देहरादून शहर में स्मार्ट सिटी के तहत पांच चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए लगाया गया ट्रैफिक वॉल्यूम सेंसर (Traffic Volume Sensor) अपने पहले ही चरण फेल होता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत की पड़ताल में यह सच सामने आया है कि जिन चौहारों पर इस प्रणाली को लगाया गया है, वहां अभी भी जाम की समस्या बनी हुई है और ट्रैफिक को मैनुअल तरीके के सुचारू करना पड़ रहा है.
दरअसल, देहरादून में लंबे समय से बदहाल चल रही ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए स्मार्ट सिटी देहरादून के तहत ट्रैफिक लाइट के Odd Time सिस्टम को बंद करने का निर्णय लिया गया है. ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए शहर के 5 चौराहों पर तकनीक (Traffic Volume Sensor) को लगाया गया है, जिसमें ट्रैफिक लाइट टाइम के हिसाब से नहीं बल्कि ट्रैफिक वॉल्यूम के हिसाब से काम कर रही है.
स्मार्ट सिटी की तरफ से पहले चरण में देहरादून शहर के 5 चौराहों पर Traffic Volume Sensor लगाया गया है लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में यह व्यवस्था धड़ाम नजर आई है. दीपावली त्योहार मद्देनजर सड़कों पर बढ़ते वाहनों के दबाव को कम करने के लिए इन चौराहों पर मैनुअल तरीके से ट्रैफिक कंट्रोल किया जा रहा था.
ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिककर्मियों ने दबी जुबान में माना कि चौराहों पर ट्रेफिक वॉल्यूम सेंसर सही तरह से काम नहीं कर रहा है. ऐसे में लोग पहले से ज्यादा जाम से जूझते नजर आ रहे हैं. फिलहाल मैनुअल तरीके से ही ट्रैफिक को बहाल रखने का प्रयास जारी है. बता दें, पहले चरण में दिलाराम चौक, दर्शन लाल चौक, किशन नगर चौक, फव्वारा चौक और सहस्त्रधारा चौक पर इस प्रणाली को लगाया गया है.
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इससे पहले इन 5 चौराहों पर यह माना जा रहा था कि ट्रैफिक लाइट टाइम सिस्टम लागू होने के चलते जाम की स्थिति बनी रहती हैं. इसी कारण यहां पर Traffic Volume Sensor के जरिए ट्रैफिक संचालित कवायद शुरू की गई थी, जो फिलहाल सफल होती नहीं दिख रही है. लोग अभी भी लंबे जाम से जूझ रहे हैं.
उधर, त्योहारी सीजन के मद्देनजर शहर में पार्किंग व्यवस्था के लिए पुलिस मुख्यालय ने इनामुल्लाह बिल्डिंग के समीप पुराना (दिल्ली) बस अड्डा और सेंट थॉमस स्कूल के सामने रेंजर्स ग्राउंड को अस्थाई पार्किंग स्थल बना दिया है, जिससे लोगों को अपने वाहन इधर-उधर पार्क नहीं करने पड़ेंगे.
क्या है नई तकनीकि: स्मार्ट सिटी के अंतर्गत पहले चरण में शहर के प्रमुख 5 चौराहों और तिराहों में ATCS (Adaptive Traffic control system) के तहत VI (Vehicle Actuated) मोड पर कर दिया गया है. इस सिस्टम के अंतर्गत Traffic Volume को Sensor की सहायता से measure किया जाएगा. सरल शब्दों में कहें तो ट्रैफिक सिग्नल पर जिस तरह से यातायात का दबाव और जाम की स्थिति होगी, उस ओर के ट्रैफिक सेंसर से ग्रीन सिग्नल हो जाएगा. इस तरह चौक चौराहों में ट्रैफिक वॉल्यूम सेंसर की सहायता से ग्रीन सिग्नल कर यातायात को सुचारू रखा जाएगा.