देहरादून: दून उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने मंगलवार को जीएसटी अधिकारियों के खिलाफ विभाग के दफ्तर में जमकर हंगामा किया. व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी विभाग आशारोड़ी चेकपोस्ट पर व्यवसायिक वाहनों के नाम पर बेवजह कार्रवाई कर रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं. इसी को लेकर उन्होंने धरना-प्रदर्शन किया.
व्यापारियों का कहना है कि सबसे पहले तो उनका शोषण बंद किया जाए. वहीं उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इसके बाद भी व्यापारियों को बेवजह परेशान किया गया तो वे अनिश्चितकालीन धरना देंगे. व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि आशारोड़ी चेकपोस्ट पर तैनात विभाग के अधिकारियों ने कागजी कार्रवाई के नाम पर वाहनों पर जुर्माना लगाया है. पार्टी ने उस जुर्माना को चुका भी दिया है, लेकिन उसके बाद भी गाड़ियों को नहीं छोड़ा जा रहा है.
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व्यापारियों का आरोप है कि बिल ज्यादा और सामान कम होने पर भी यात्रियों को परेशान किया जा रहा है. ऐसे कई मामले है जिनको लेकर अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं. वाहनों को कई दिनों तक अवैध तरीके से रोका जाता है.
गुजरात निवासी विक्रम नाम के व्यापारी ने बताया कि उनकी गाड़ी के कागज पूरे हैं, लेकिन कल रात से उन्हें अधिकारियों ने कार्यालय में बैठा रखा है. उन्होंने बेवजह परेशान किया जा रहा है. वहीं गुजरात के अन्य के व्यापारी ने बताया कि कल माल के साथ गाड़ी को सेलाकुई ले जाना था, लेकिन उन्हें आशारोड़ी सेल्स टैक्स कार्यालय पर रोक लिया. कागज पूरे नहीं होने के नाम पर उनसे 31 हजार रुपए वसूले गए. कई लोगों को जुर्माना देने के बाद भी नहीं जाने दिया जा रहा है. जुर्माने की रसीद भी नहीं दी जा रही है.
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इस मामले पर भी जीएसटी के अधिकारी विजय प्रकाश सिंह ने बताया कि आशारोड़ी पर स्थिति कार्यालय GST मोबाइल स्क्वाड टीम दस्ते का एक ऑफिस है. यहां अलग-अलग स्थानों से व्यवसायिक सामान वाले मालवाहक वाहन को लेकर आया जाता है और यहीं जीएसटी से संबंधित सभी तरह के इनवॉइस और बिल को चेक किया जाता है. ऐसे कार्यालय राज्य के अलग-अलग जनपदों के प्रवेश द्वार पर हैं, जहां जीएसटी मोबाइल स्क्वायड टीम अपनी कार्रवाई करती है.
जीएसटी मोबाइल स्क्वाड के कमिश्नर विजय प्रकाश सिंह ने बताया कि आशारोड़ी पर जीएसटी मोबाइल ऑफिस पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. जीएसटी कर्मचारियों अधिकारियों का मकसद व्यापारियों का शोषण नहीं है, बल्कि नियमानुसार जीएसटी का टैक्स सरकार के पास जाए इस पर ध्यान देना है. हालांकि इस बात को वे मानते है कि मैन पावर की कमी की वजह से समस्या का निस्तारण करने में थोड़ा समय लगता है.