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केदारनाथ में सोना विवाद पर सतपाल महाराज ने बैठाई जांच, कांग्रेस बोली- ज्यूडिशियल जांच हो - केदारनाथ में सोना विवाद

विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के गर्भगृह में सोने की गुणवत्ता मामले पर जमकर सियासत हो रही है. अब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जांच बैठा दी है तो कांग्रेस ने इस पर भी सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने जांच पर संदेह जताया है और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मांग की है.

Kedarnath Gold Controversy
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत
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Published : Jun 23, 2023, 5:24 PM IST

Updated : Jun 24, 2023, 5:41 PM IST

केदारनाथ में सोने की परत विवाद पर प्रतिक्रियाएं.

देहरादूनः केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत की गुणवत्ता का मामला सुर्खियों में है. विवाद बढ़ता देख पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मामले की उच्चस्तरीय जांच बैठा दी है, लेकिन कांग्रेस ने जांच पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित मामले की जांच यदि ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट से कराई जाती तो अच्छा होता.

Kedarnath Gold Controversy
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत

दरअसल, बीते साल केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया गया था, लेकिन बीते दिनों तीर्थ पुरोहितों ने गर्भगृह में लगे सोने की परत को पीतल में तब्दील होने का आरोप लगा दिया. जिससे मामला एकाएक सुर्खियों में आ गया. मामला तूल पकड़ा तो बदरी-केदार मंदिर समिति को सफाई देनी पड़ी. लेकिन मामला यहीं पर नहीं थमा. कांग्रेस ने मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग कर डाली और सोना गायब करने का आरोप भी मढ़ दिया.
ये भी पढ़ेः आखिर क्यों केदारनाथ धाम से लगातार सामने आ रहे बड़े विवाद? भक्तों की आस्था पर भी पहुंची ठेस!

वहीं, मामला गरमाया तो पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस मामले में सचिव धर्मस्य हरीश चंद्र सेमवाल को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए. सतपाल महाराज का कहना है कि धार्मिक आस्था और पवित्रता के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इसके लिए जांच बैठाई गई है. उधर, कांग्रेस ने जांच पर संदेह जताते हुए इस मामले की जांच सिटिंग जज से कराए जाने की मांग उठाई है.

  • जांच कमेटी में तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ सुनार को भी शामिल किया जाएगा। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

    — Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) June 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि आधिकारिक जांच पर सरकार का दबाव रहता है. ऐसे में जांच के निष्पक्ष परिणाम सामने नहीं आ पाएंगे. उन्होंने कहा कि बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पहले 230 किलो सोना बताया. उसके बाद फिर 23 किलो बताया, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
ये भी पढ़ेः केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामला: कहां गायब हुआ 207 किलो सोना? गणेश गोदियाल ने छोड़े सवालों के 'तीर'

करन माहरा ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग को भी इस मामले में दानदाता की जांच करनी चाहिए. क्योंकि, यह सेक्शन 80 G का मामला है यानी किसी व्यक्ति या संस्था को चंदा या दान में दी गई मदद पर टैक्स छूट देने का अधिकार देता है. उनका कहना है कि टैक्स बचाने के लिए इस तरह से धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करना संवेदनशील मामला है.

Kedarnath Gold Controversy
सोने की परत को लेकर सवाल

उन्होंने बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की भूमिका पर भी संदेह जताया. उन्होंने कहा कि अजेंद्र अजय ने गर्भगृह में फोटो खिंचा कर पोस्ट की थी. जिसमें उन्होंने 230 किलो सोना लगाने की बात कही थी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इतना बड़ा परिवर्तन कैसे आ गया. मंदिर समिति को यदि सोना मिला है तो सॉलिड सोना मिलना चाहिए था. उसमें तांबे की परत चढ़ाने का क्या औचित्य है?
ये भी पढ़ेः पीतल में बदला केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाया गया सोना? तीर्थ पुरोहितों के सवालों पर BKTC ने दिया ये जवाब

केदारनाथ में सोने की परत विवाद पर प्रतिक्रियाएं.

देहरादूनः केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत की गुणवत्ता का मामला सुर्खियों में है. विवाद बढ़ता देख पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मामले की उच्चस्तरीय जांच बैठा दी है, लेकिन कांग्रेस ने जांच पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित मामले की जांच यदि ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट से कराई जाती तो अच्छा होता.

Kedarnath Gold Controversy
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत

दरअसल, बीते साल केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया गया था, लेकिन बीते दिनों तीर्थ पुरोहितों ने गर्भगृह में लगे सोने की परत को पीतल में तब्दील होने का आरोप लगा दिया. जिससे मामला एकाएक सुर्खियों में आ गया. मामला तूल पकड़ा तो बदरी-केदार मंदिर समिति को सफाई देनी पड़ी. लेकिन मामला यहीं पर नहीं थमा. कांग्रेस ने मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग कर डाली और सोना गायब करने का आरोप भी मढ़ दिया.
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वहीं, मामला गरमाया तो पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस मामले में सचिव धर्मस्य हरीश चंद्र सेमवाल को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए. सतपाल महाराज का कहना है कि धार्मिक आस्था और पवित्रता के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इसके लिए जांच बैठाई गई है. उधर, कांग्रेस ने जांच पर संदेह जताते हुए इस मामले की जांच सिटिंग जज से कराए जाने की मांग उठाई है.

  • जांच कमेटी में तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ सुनार को भी शामिल किया जाएगा। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

    — Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) June 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि आधिकारिक जांच पर सरकार का दबाव रहता है. ऐसे में जांच के निष्पक्ष परिणाम सामने नहीं आ पाएंगे. उन्होंने कहा कि बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पहले 230 किलो सोना बताया. उसके बाद फिर 23 किलो बताया, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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करन माहरा ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग को भी इस मामले में दानदाता की जांच करनी चाहिए. क्योंकि, यह सेक्शन 80 G का मामला है यानी किसी व्यक्ति या संस्था को चंदा या दान में दी गई मदद पर टैक्स छूट देने का अधिकार देता है. उनका कहना है कि टैक्स बचाने के लिए इस तरह से धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करना संवेदनशील मामला है.

Kedarnath Gold Controversy
सोने की परत को लेकर सवाल

उन्होंने बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की भूमिका पर भी संदेह जताया. उन्होंने कहा कि अजेंद्र अजय ने गर्भगृह में फोटो खिंचा कर पोस्ट की थी. जिसमें उन्होंने 230 किलो सोना लगाने की बात कही थी. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इतना बड़ा परिवर्तन कैसे आ गया. मंदिर समिति को यदि सोना मिला है तो सॉलिड सोना मिलना चाहिए था. उसमें तांबे की परत चढ़ाने का क्या औचित्य है?
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Last Updated : Jun 24, 2023, 5:41 PM IST
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