देहरादूनः उत्तराखंड में बाघों की बढ़ती संख्या जहां प्रदेश के लिए एक अच्छी खबर है, तो वहीं इनके संरक्षण की भी वन विभाग के सामने कई चुनौतियां हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए राज्य में जल्द ही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स गठित करने और वन्यजीवों के अवैध शिकार में शामिल लोगों पर एनएसए और गैंगस्टर तक की कार्रवाई करने की बात कही है.
पिथौरागढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ना केवल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जाकर यहां टाइगर सफारी का लुफ्त उठाया. बल्कि कॉर्बेट में बाघों की सुरक्षा समेत वन कर्मियों की स्थितियों की भी उन्होंने जानकारी ली. यह पहला मौका था जब प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जाकर वन कर्मियों के साथ बाकायदा गश्त करते हुए वन कर्मियों के इस मुश्किल टास्क को समझा. उन्होंने कॉर्बेट के वन विभाग में गश्त करने वाले वन कर्मियों से उनकी चुनौतियों पर भी बात की. साथ ही जंगल के अंदर जाकर व्यवस्थाओं को भी देखा.
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टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि जल्द ही प्रदेश में टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन कर दिया जाएगा. इसके लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) से भी राज्य बात कर रहा है. हालांकि, यह भी चौंकाने वाली बात है कि उत्तराखंड देश का तीसरा सबसे ज्यादा बाघ की संख्या वाला राज्य है. लेकिन अब तक यहां टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन वन विभाग के अधिकारी नहीं कर पाए हैं. बहरहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब इसके लिए जल्द ही औपचारिकताएं पूरी करने की बात कही है.
शिकारियों पर लगेगा गैंगस्टर और NSA: इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाघों की सुरक्षा के लिए वन्यजीवों के शिकार में शामिल शिकारी पर कठोर कानून के तहत कार्रवाई करने की भी बात कही. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ना केवल गैंगस्टर बल्कि एनएसए के तहत भी ऐसे अवैध शिकार करने वालों पर कार्रवाई करने में संकोच नहीं किया जाएगा, जो इस धंधे में संलिप्त पाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की लगातार पहचान की जा रही है. इसका डाटा भी तैयार किया जा रहा है.