ETV Bharat / state

जानिए कैसी रही इस बार चारधाम यात्रा, कितना पड़ा कोरोना का असर - Chardham Yatra uttarakhand

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इस बार चारधाम यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले सालों की तुलना में काफी कम रही है. इस सीजन करीब तीन लाख 10 हजार श्रद्धालुओं ने ही चारधाम के दर्शन किए.

चारधाम यात्रा 2020
चारधाम यात्रा 2020
author img

By

Published : Nov 20, 2020, 11:44 AM IST

Updated : Nov 20, 2020, 12:01 PM IST

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 6 माह यानी शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं. हालांकि, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इस बार चारधाम यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले सालों की तुलना में काफी कम रही है. इस सीजन में करीब तीन लाख 10 हजार श्रद्धालुओं ने ही चारधाम के दर्शन किए. आखिर कैसी रही इस बार चारधाम यात्रा? कौन-कौन वीआईपी इस सीजन पहुंचे चारधाम? देखिये ईटीवी की ये खास रिपोर्ट...

इस सीजन काफी कम संख्या में VIP पहुंचे चारधाम
इस सीजन काफी कम संख्या में VIP पहुंचे चारधाम
बता दें कि, उत्तराखंड में स्थित चारों धाम पवित्र धामों में शामिल हैं. यही वजह है कि सनातन धर्म में चारों धामों की यात्रा का काफी महत्व माना जाता है. प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में जीवनदायिनी गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुनोत्री स्थित हैं. इन दोनों धामों के कपाट 26 अप्रैल को खोले गए थे. रुद्रप्रयाग जिले में भोले बाबा के पवित्र धाम केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को खोले गए. वहीं, उत्तराखंड के चमोली जिले में भगवान बद्री विशाल के पवित्र स्थल बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को पूरे विधि विधान के साथ खोले गए.

कोविड-19 के चलते देर से शुरू हुई चारधाम यात्रा...

उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम के कपाट तय समय पर खोल दिए गए थे लेकिन, चारधाम की यात्रा को शुरू नहीं किया गया. इसकी मुख्य वजह देशभर में फैली वैश्विक महामारी कोरोना वायरस थी. हालांकि, सरकार ने तमाम बैठकों के बाद चारधाम की यात्रा को शुरू करने का निर्णय लिया. पहले चरण के तहत उत्तराखंड सरकार ने 1 जुलाई से चारधाम की यात्रा पर जाने के लिए प्रदेशवासियों को अनुमति दी. इसके बाद फिर 25 जुलाई से अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को भी चारधाम यात्रा के लिए सशर्त अनुमति दी गई. शुरुआती दौर में प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं को न सिर्फ वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य था बल्कि कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लाना भी जरूरी था. हालांकि, जैसे-जैसे यात्रा का समय बीतता गया वैसे-वैसे सरकार इसमें तमाम तरह की रियायतें देती गई.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे बदरी-केदार.

इस सीजन काफी कम संख्या में VIP पहुंचे चारधाम...

हर सीजन उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के शुरुआती दिनों में देश के तमाम हिस्सों से वीआईपी और वीवीआईपी चारधाम की यात्रा पर पहुंचते हैं. इस सीजन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते न सिर्फ यात्रियों की संख्या कम रही बल्कि गिने-चुने वीआईपी ही चारधाम की यात्रा पर पहुंचे. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, उत्तराखंड के राज्यमंत्री धन सिंह रावत, एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक समेत अन्य वीआईपी धाम के दर्शन करने पहुंचे. इसके साथ ही बाबा केदार के कपाट बंद होने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बाबा केदार और बदरी विशाल के दर्शन किए.

एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक
केद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी पहुंचे बदरीनाथ-केदारनाथ.

चारों धामों में प्रधानमंत्री के नाम से हुई पहली पूजा...

हर साल की तरह इस साल भी चारों धाम के कपाट तय समय पर खोले गए. हालांकि इस साल खास बात यह रही की चारों धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. गंगोत्री धाम में पूजा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1,100 रुपए दान स्वरूप भी दिए थे. इसके साथ ही देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों से निदान पाने को लेकर भी पूजा पाठ की गयी.

एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक परिवार संग पहुंचे थे धाम.
रमेश पोखरियाल निशंक परिवार संग पहुंचे थे दोनों धाम.

अंबानी परिवार ने दिया 5 करोड़ रुपये का दान...

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की वजह से चारधाम की यात्रा सुचारू रूप से न होने के चलते उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर भी आर्थिक संकट आ पड़ा था. इसे देखते हुए उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुत्र एवं बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य अनंत अंबानी ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन हेतु 5 करोड़ की धनराशि दान की थी. अंबानी परिवार हर साल चारधाम यात्रा के दौरान करोड़ों रुपए दान करता रहा है.

श्रद्धालुओं की संख्या में आई काफी कमी...

इस यात्रा सीजन यमुनोत्री धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही. यमुनोत्री धाम में कुल 7,731 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जबकि पिछले सीजन 4,65,534 श्रद्धालुओं ने धाम के दर्शन किये थे. वहीं, गंगोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही. इस सीजन गंगोत्री धाम में कुल 23,837 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जबकि पिछले सीजन 5,30,334 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किये थे.

केदारनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही. इस सीजन केदारनाथ धाम में कुल 1,34,981 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जबकि पिछले सीजन 10,000,21 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किये थे. वहीं, बदरीनाथ धाम में भी केवल 1,45,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जबकि पिछले सीजन 12,44,993 श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किये थे.

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 6 माह यानी शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं. हालांकि, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इस बार चारधाम यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले सालों की तुलना में काफी कम रही है. इस सीजन में करीब तीन लाख 10 हजार श्रद्धालुओं ने ही चारधाम के दर्शन किए. आखिर कैसी रही इस बार चारधाम यात्रा? कौन-कौन वीआईपी इस सीजन पहुंचे चारधाम? देखिये ईटीवी की ये खास रिपोर्ट...

इस सीजन काफी कम संख्या में VIP पहुंचे चारधाम
इस सीजन काफी कम संख्या में VIP पहुंचे चारधाम
बता दें कि, उत्तराखंड में स्थित चारों धाम पवित्र धामों में शामिल हैं. यही वजह है कि सनातन धर्म में चारों धामों की यात्रा का काफी महत्व माना जाता है. प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में जीवनदायिनी गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुनोत्री स्थित हैं. इन दोनों धामों के कपाट 26 अप्रैल को खोले गए थे. रुद्रप्रयाग जिले में भोले बाबा के पवित्र धाम केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को खोले गए. वहीं, उत्तराखंड के चमोली जिले में भगवान बद्री विशाल के पवित्र स्थल बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को पूरे विधि विधान के साथ खोले गए.

कोविड-19 के चलते देर से शुरू हुई चारधाम यात्रा...

उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम के कपाट तय समय पर खोल दिए गए थे लेकिन, चारधाम की यात्रा को शुरू नहीं किया गया. इसकी मुख्य वजह देशभर में फैली वैश्विक महामारी कोरोना वायरस थी. हालांकि, सरकार ने तमाम बैठकों के बाद चारधाम की यात्रा को शुरू करने का निर्णय लिया. पहले चरण के तहत उत्तराखंड सरकार ने 1 जुलाई से चारधाम की यात्रा पर जाने के लिए प्रदेशवासियों को अनुमति दी. इसके बाद फिर 25 जुलाई से अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को भी चारधाम यात्रा के लिए सशर्त अनुमति दी गई. शुरुआती दौर में प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं को न सिर्फ वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य था बल्कि कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लाना भी जरूरी था. हालांकि, जैसे-जैसे यात्रा का समय बीतता गया वैसे-वैसे सरकार इसमें तमाम तरह की रियायतें देती गई.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे बदरी-केदार.

इस सीजन काफी कम संख्या में VIP पहुंचे चारधाम...

हर सीजन उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के शुरुआती दिनों में देश के तमाम हिस्सों से वीआईपी और वीवीआईपी चारधाम की यात्रा पर पहुंचते हैं. इस सीजन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते न सिर्फ यात्रियों की संख्या कम रही बल्कि गिने-चुने वीआईपी ही चारधाम की यात्रा पर पहुंचे. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, उत्तराखंड के राज्यमंत्री धन सिंह रावत, एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक समेत अन्य वीआईपी धाम के दर्शन करने पहुंचे. इसके साथ ही बाबा केदार के कपाट बंद होने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बाबा केदार और बदरी विशाल के दर्शन किए.

एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक
केद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी पहुंचे बदरीनाथ-केदारनाथ.

चारों धामों में प्रधानमंत्री के नाम से हुई पहली पूजा...

हर साल की तरह इस साल भी चारों धाम के कपाट तय समय पर खोले गए. हालांकि इस साल खास बात यह रही की चारों धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. गंगोत्री धाम में पूजा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1,100 रुपए दान स्वरूप भी दिए थे. इसके साथ ही देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों से निदान पाने को लेकर भी पूजा पाठ की गयी.

एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक परिवार संग पहुंचे थे धाम.
रमेश पोखरियाल निशंक परिवार संग पहुंचे थे दोनों धाम.

अंबानी परिवार ने दिया 5 करोड़ रुपये का दान...

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की वजह से चारधाम की यात्रा सुचारू रूप से न होने के चलते उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर भी आर्थिक संकट आ पड़ा था. इसे देखते हुए उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुत्र एवं बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य अनंत अंबानी ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन हेतु 5 करोड़ की धनराशि दान की थी. अंबानी परिवार हर साल चारधाम यात्रा के दौरान करोड़ों रुपए दान करता रहा है.

श्रद्धालुओं की संख्या में आई काफी कमी...

इस यात्रा सीजन यमुनोत्री धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही. यमुनोत्री धाम में कुल 7,731 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जबकि पिछले सीजन 4,65,534 श्रद्धालुओं ने धाम के दर्शन किये थे. वहीं, गंगोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही. इस सीजन गंगोत्री धाम में कुल 23,837 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जबकि पिछले सीजन 5,30,334 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किये थे.

केदारनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही. इस सीजन केदारनाथ धाम में कुल 1,34,981 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जबकि पिछले सीजन 10,000,21 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किये थे. वहीं, बदरीनाथ धाम में भी केवल 1,45,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जबकि पिछले सीजन 12,44,993 श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किये थे.

Last Updated : Nov 20, 2020, 12:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.