देहरादून: उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, स्थिति ये है कि देहरादून में भी अब ऐसी घटना होने लगी हैं. जिसके बाद वन महकमे में हड़कंप मच गया है. पहाड़ों के साथ मैदानी जिलों में भी घटनाएं होने के बाद वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन्यजीवों के बढ़ते हमले के कारण संवेदनशील क्षेत्रों में वन कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाने को लेकर अपनी बात कही है.
उत्तराखंड में गुलदार और बाघों के हमले से लोग दहशत में आ गए हैं, न केवल पहाड़ी जिले बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी बाघ और गुलदार के हमलों में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. देहरादून में भी राजपुर क्षेत्र में एक चार साल के बच्चे को गुलदार के हमले में अपनी जान गंवानी पड़ी. इस घटना के बाद वन विभाग को भी अब इन हमलों ने सोचने पर मजबूर कर दिया है. देहरादून में 4 साल के बच्चे पर हुए हमले के बाद जहां क्षेत्र में पिंजरे लगाए गए हैं तो वहीं लगातार वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में गश्त कर रही है.
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उधर भीमताल में तीन महिलाओं को मारने वाले बाघ को भी आईडेंटिफाई करने के बाद उसे पकड़ लिया गया है. इन घटनाओं को लेकर अब वन विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है और ऐसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए नए प्लान बनाने पर विचार हो रहा है. दरअसल, राज्य में इस साल जहां गुलदार के हमले में 18 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. वहीं बाघ के हमले में भी 17 लोगों की जान जा चुकी है. हाल ही में भीमताल की घटना के कारण हाईकोर्ट ने भी इसका संज्ञान लिया था और हमला करने वाले बाघ की पहचान को लेकर जवाब भी मांगा था.
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हाईकोर्ट में इस मामले पर 28 दिसंबर को सुनवाई होनी है उधर दूसरी तरफ इसी सुनवाई के बीच देहरादून में हुई घटना से विभाग के सामने अब वन्यजीवों के बढ़ते खतरे पर रोकथाम को लेकर बड़ी चुनौंती खड़ी हो गई है. इस मामले पर प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक कहते हैं कि जिस तरह से घटनाएं बड़ी हैं, उसके बाद ऐसे क्षेत्रों में खासतौर पर एहतियात बरतने की जरूरत है. इसके अलावा लोगों को जागरूक करने की भी लगातार कोशिश हो रही है.इसके अलावा विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि भीमताल में जहां घटना हुई है वहां वन विभाग की टीम को तैनात किया गया था. इसके अलावा यहां वन कर्मियों की संख्या को भी गश्त के लिए बढ़ा दिया गया था. लगातार की कोशिश हो रही है की मानव वन्य जीव संघर्ष को रोका जा सके.