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नाबालिग से चरस तस्करी करवाने के मामले में फैसला, आरोपी बैंक क्लर्क को 10 साल की सजा - देहरादून हिंदी समाचार

देहरादून में नाबालिग से चरस तस्करी करवाने के मामले में न्यायालय ने आरोपी को एक लाख रुपए जुर्माना सहित दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

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आरोपी को हुई दस साल की सजा
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Published : Jan 23, 2020, 3:20 PM IST

देहरादून: नाबालिग से चरस की तस्करी करवाने के मामले में अदालत ने आरोपी बैंक क्लर्क को एक लाख रुपये अर्थदंड के साथ 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, जुर्माने की रकम अदा न करने पर आरोपी को एक साल की सजा और भुगतनी होगी.

बता दें कि साल 2012 के नवंबर महीने में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को कुछ बच्चों द्वारा चरस बेचे जाने की सूचना मिली थी. इस दौरान टीम ने मौके से पर एक किशोर को 960 ग्राम चरस के साथ पकड़ लिया. पकड़े गए किशोर ने बताया कि ये चरस प्रणय सती ने बेचने के लिए दिया था जोकि कर्णप्रयाग का रहने वाला है. उधर अदालत ने नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड भेज दिया था.

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वहीं, मामले में विशेष लोक अभियोजक जीपी रतूड़ी ने बताया कि न्यायधीश एनडीपीएस सुधीर कुमार की अदालत ने प्रणय सती को नाबालिग से चरस तस्करी कराने के जुर्म में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, जुर्माने की रकम अदा न करने पर उसे एक साल की सजा और भुगतनी होगी.

देहरादून: नाबालिग से चरस की तस्करी करवाने के मामले में अदालत ने आरोपी बैंक क्लर्क को एक लाख रुपये अर्थदंड के साथ 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, जुर्माने की रकम अदा न करने पर आरोपी को एक साल की सजा और भुगतनी होगी.

बता दें कि साल 2012 के नवंबर महीने में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को कुछ बच्चों द्वारा चरस बेचे जाने की सूचना मिली थी. इस दौरान टीम ने मौके से पर एक किशोर को 960 ग्राम चरस के साथ पकड़ लिया. पकड़े गए किशोर ने बताया कि ये चरस प्रणय सती ने बेचने के लिए दिया था जोकि कर्णप्रयाग का रहने वाला है. उधर अदालत ने नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड भेज दिया था.

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वहीं, मामले में विशेष लोक अभियोजक जीपी रतूड़ी ने बताया कि न्यायधीश एनडीपीएस सुधीर कुमार की अदालत ने प्रणय सती को नाबालिग से चरस तस्करी कराने के जुर्म में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, जुर्माने की रकम अदा न करने पर उसे एक साल की सजा और भुगतनी होगी.

Intro:न्यायालय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट की अदालत ने बुधवार को नाबालिग से चरस तस्करी कराने वाले बैंक के क्लर्क को 10 साल कठोर कारावास और एक लाख रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को 1 साल की सजा और भुगतनी होगी।


Body:नवंबर 2012 को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को मुखबिर तंत्र से सूचना मिली कि राजपुर स्थित काठ बंगला के पास कुछ बच्चे लोगों को चरस बेचते हैं। इस सूचना पर टीम मौके पर पहुंची और किशोर को 960 ग्राम चरस के साथ पकड़ा। पकड़े गए किशोर ने बताया कि यह चरस प्रणय सती निवासी कर्णप्रयाग ने उसे दी थी। प्रणय के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।नाबालिक के मामले को अदालत में उसी समय विचारण के लिए किशोर न्याय बोर्ड को भेज दिया था।प्रणय के मामले में चली सुनवाई में गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उसे चरस तस्करी कराने की साजिश में शामिल होने का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
वही जानकारी के अनुसार प्रणय सतीश साल 2012 में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।इस दौरान अपने खर्चे पूरे करने को वह नाबालिगों के जरिए चरस की तस्करी कराने लगा इससे उसे मोटी कमाई होने लगी लेकिन बाद में उसकी बैंक में नौकरी लग गई।


Conclusion:विशेष लोक अभियोजक जी पी रतूड़ी ने बताया कि विशेष न्यायधीश एनडीपीएस सुधीर कुमार की अदालत ने प्रणय सती को नाबालिग से चरस तस्करी कराने पर 10 साल कठोर कारावास और 1 लाख अर्थदंड की सजा सुनाई,अर्थदंड अदा न करने पर दोषी प्रणय सती को 1 साल की सजा और भुगतनी होगी।
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