देहरादून: उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के तहत देहरादून में करीब 20 रूट पूरी तरह से चाक चौबंद किए जा रहे हैं. इसको लेकर शुरुआती दौर में धीमी रफ्तार के बाद इन्वेस्टर्स समिट के करीब आते ही तमाम विभागों ने आनन-फानन में तेजी से इस पर काम किया. शायद इसी हड़बड़ाहट में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के कर्मचारियों ने कुछ ऐसी गलतियां कर दी जिसका हर्जाना पूरे शहर को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि, देहरादून शहर में कनेक्टिविटी को लेकर दिक्कत शुरू हुई तो इस पर दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए. यूपीसीएल के कर्मचारियों को आगे से बीएसएनएल की ऐसी तारों को नहीं काटने के आदेश हो गए हैं.
हैरानी की बात यह है कि जब मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन के डिपार्टमेंट टेलीकम्युनिकेशन के अधिकारियों ने इस पर देहरादून के अधिकारियों से फीडबैक लिया तो पता चला कि यूपीसीएल के कर्मचारी लगातार ऐसी तारों को काट रहे थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जब यह बात सामने आई तो डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन के डिप्टी डायरेक्टर जनरल भी इसे सुनकर हैरत में पड़ गए. इसके बाद उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव को फौरन एक पत्र लिख दिया गया.
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पत्र में लिखा गया कि पूर्व में यूपीसीएल के अधिकारियों को तार काटे जाने की जानकारी दी गई थी. कई सालों में संचार नेटवर्क के लिए जो काम किए गए थे उसे यूपीसीएल के कर्मचारियों ने कुछ ही दिनों में खराब कर दिया था. पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि इसी तरह से ओएफसी तारों को काटा जाता रहा तो इन्वेस्टर्स समिट समेत देहरादून शहर की तमाम महत्वपूर्ण संस्थानों में संचार सुविधाओं को सुचारू रख पाना मुश्किल हो जाएगा.
इस मामले पर ईटीवी भारत ने यूपीसीएल के अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मामले को लेकर उन्हें पत्र मिल गया है और इसके लिए अधीनस्थ कर्मचारियों को दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. इतना ही नहीं, अधिकारियों ने कहा कि अब भविष्य में इस तरह से ओएफसी (फाइबर ऑप्टिक केबल) तारों को नहीं काटा जाएगा.