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दूसरे राज्यों छिपे साइबर अपराधियों को पकड़ने STF के नेतृत्व में टीम रवाना - cyber crime in uttarakhand

उत्तराखंड में साइबर अपराध के 200 से अधिक मामले लंबित चल रहे हैं. इसके लिए STF के नेतृत्व में 150 लोगों की टीम धरपकड़ के लिए देशभर के अलग-अलग राज्यों के लिए रवाना की गई हैं.

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उत्तराखंड में साइबर क्राइम के 200 से अधिक मामले लंबित
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Published : Jun 18, 2021, 7:10 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 7:20 PM IST

देहरादून: देश के कई राज्यों के साथ-साथ उत्तराखंड में तेजी से उभरता Cyber crime अपराध लगातार चिंता का विषय बनता जा रहा है. उत्तराखंड की बात करें तो यहां 200 से अधिक साइबर अपराधों के गंभीर मामले लंबित चल रहे हैं. ऐसे में प्रदेश में शुरू किए गए 'ई साइबर सुरक्षा चक्र' मिशन के तहत पूरे उत्तराखंड के सभी 13 जिलों से डेढ़ सौ से अधिक पुलिस, साइबर क्राइम पुलिस की टीमें एसटीएफ के नेतृत्व में देश के अलग-अलग साइबर क्राइम के गढ़ में अपराधियों की धरपकड़ और मामलों के खुलासे के लिए रवाना हो चुकी हैं.

दूसरे राज्यों छिपे साइबर अपराधियों को पकड़ने STF के नेतृत्व में टीम रवाना

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स के मुताबिक सीमांत जिले पिथौरागढ़ से लेकर देहरादून तक अलग-अलग साइबर क्राइम पुलिस की तकनीकी टीमें सहित 20 से अधिक टीमें उत्तप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, असम जैसे तमाम उन राज्यों में तब तक डेरा डाले रखेंगी जब तक साइबर अपराधियों को पकड़ न लें. विशेष मिशन को मजबूत और सफल बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश और गाइडलाइंस अनुसार संबंधित राज्यों की पुलिस से सामंजस्य बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई की कवायद चल रही है.

पढ़ें- आप को नहीं भाए तीरथ सरकार के 100 दिन, प्रदर्शन कर कहा 'जीरो विजन' CM

साइबर क्रिमिनल से जुड़ी जानकारियों और ठिकानों पर प्रभावी कार्रवाई का मिशन
राष्ट्रीय स्तर पर साइबर क्रिमिनल्स की धरपकड़ और पर्दाफाश करने के लिए उत्तराखंड से निकली टीमों के संबंध में जानकारी देते हुए डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि उत्तर और मध्य भारत व पश्चिम बंगाल सहित संबंधित राज्यों की पुलिस से सामंजस्य बनाकर कार्रवाई चलायमान है.

200 से अधिक साइबर लंबित मामलों में गिरोहों और उनको संचालित करने वाले साइबर अपराधियों की धरपकड़ में सबसे बड़ी चुनौती उनके सही फोन नंबर न होने से लेकर Address और ठिकानों का सही ना होना है. इसके बावजूद अब आधुनिक और हाईटेक पुलिसिंग की मदद से प्रभावी शिकंजा कसने की कार्रवाई चल रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मिलने वाली गाइडलाइन और कई तरह के सहयोग से इस ऑपरेशन को सफल बनाने का प्रयास है.

पढ़ें- चमोली में उफान पर सभी नदियां, अलकनंदा खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर नीचे

साइबर अपराधियों के गढ़ में ईमेल आईडी और फाइनेंनशियल फ्रॉड बैंक खातों को किया टारगेट
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी के मुताबिक गृह मंत्रालय द्वारा जारी हेल्पलाइन पोर्टल नंबर दिया गया है. उसके माध्यम से जिन राज्यों में साइबर क्राइम के ईमेल आईडी फाइनेंनशियल फ्रॉड, बैंक खाते और अन्य साइबर क्राइम से जुड़े केस को खंगाल कर सभी पुराने अपराधियों के खुलासे पर कार्रवाई तेज कर दी गई है.

इंटरनेट -सोशल मीडिया सक्रियता के चलते देहरादून में सबसे अधिक cyber-क्राइम
साइबर धोखाधड़ी मामले में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पांचवें स्थान पर पहुंच चुकी है. वह लगातार अपने आप में चिंता का विषय बनता जा रहा है. इस मामले में देहरादून एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत की मानें तो कोरोना काल में तेजी से इंटरनेट सोशल मीडिया में लोगों की सक्रियता अधिक होने के चलते साइबर क्राइम बढ़ा है.

पढ़ें- Kumbh Fake Corona Test: हरिद्वार DM के आदेश पर CMO ने दो निजी लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया


बता दें कि देहरादून एक ऐसा शहर है जहां न सिर्फ कई महत्वपूर्ण संस्थान हैं, बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों से हर तबके के लोग यहां रहते हैं. ऐसे में जिस तरह से लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ता जा रहा है, उसका फायदा साइबर क्रिमिनल उठा रहे हैं. हालांकि देहरादून साइबर क्राइम पुलिस एसटीएफ के सहयोग से अपराधियों की धरपकड़ और पर्दाफाश करने में जुटी है.

पढ़ें- कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा: नलवा लैब के संचालक ने साधी चुप्पी

हाल ही के दिनों में देश के सबसे बड़े ढाई सौ करोड़ से अधिक के साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश कर अपराधियों को जेल भेजा गया है. देहरादून एसएसपी के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए देहरादून से भी बड़ी संख्या में पुलिस की टीम अलग-अलग राज्यों को भेजी गई हैं.

देहरादून: देश के कई राज्यों के साथ-साथ उत्तराखंड में तेजी से उभरता Cyber crime अपराध लगातार चिंता का विषय बनता जा रहा है. उत्तराखंड की बात करें तो यहां 200 से अधिक साइबर अपराधों के गंभीर मामले लंबित चल रहे हैं. ऐसे में प्रदेश में शुरू किए गए 'ई साइबर सुरक्षा चक्र' मिशन के तहत पूरे उत्तराखंड के सभी 13 जिलों से डेढ़ सौ से अधिक पुलिस, साइबर क्राइम पुलिस की टीमें एसटीएफ के नेतृत्व में देश के अलग-अलग साइबर क्राइम के गढ़ में अपराधियों की धरपकड़ और मामलों के खुलासे के लिए रवाना हो चुकी हैं.

दूसरे राज्यों छिपे साइबर अपराधियों को पकड़ने STF के नेतृत्व में टीम रवाना

उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स के मुताबिक सीमांत जिले पिथौरागढ़ से लेकर देहरादून तक अलग-अलग साइबर क्राइम पुलिस की तकनीकी टीमें सहित 20 से अधिक टीमें उत्तप्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, असम जैसे तमाम उन राज्यों में तब तक डेरा डाले रखेंगी जब तक साइबर अपराधियों को पकड़ न लें. विशेष मिशन को मजबूत और सफल बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश और गाइडलाइंस अनुसार संबंधित राज्यों की पुलिस से सामंजस्य बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई की कवायद चल रही है.

पढ़ें- आप को नहीं भाए तीरथ सरकार के 100 दिन, प्रदर्शन कर कहा 'जीरो विजन' CM

साइबर क्रिमिनल से जुड़ी जानकारियों और ठिकानों पर प्रभावी कार्रवाई का मिशन
राष्ट्रीय स्तर पर साइबर क्रिमिनल्स की धरपकड़ और पर्दाफाश करने के लिए उत्तराखंड से निकली टीमों के संबंध में जानकारी देते हुए डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि उत्तर और मध्य भारत व पश्चिम बंगाल सहित संबंधित राज्यों की पुलिस से सामंजस्य बनाकर कार्रवाई चलायमान है.

200 से अधिक साइबर लंबित मामलों में गिरोहों और उनको संचालित करने वाले साइबर अपराधियों की धरपकड़ में सबसे बड़ी चुनौती उनके सही फोन नंबर न होने से लेकर Address और ठिकानों का सही ना होना है. इसके बावजूद अब आधुनिक और हाईटेक पुलिसिंग की मदद से प्रभावी शिकंजा कसने की कार्रवाई चल रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मिलने वाली गाइडलाइन और कई तरह के सहयोग से इस ऑपरेशन को सफल बनाने का प्रयास है.

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साइबर अपराधियों के गढ़ में ईमेल आईडी और फाइनेंनशियल फ्रॉड बैंक खातों को किया टारगेट
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी के मुताबिक गृह मंत्रालय द्वारा जारी हेल्पलाइन पोर्टल नंबर दिया गया है. उसके माध्यम से जिन राज्यों में साइबर क्राइम के ईमेल आईडी फाइनेंनशियल फ्रॉड, बैंक खाते और अन्य साइबर क्राइम से जुड़े केस को खंगाल कर सभी पुराने अपराधियों के खुलासे पर कार्रवाई तेज कर दी गई है.

इंटरनेट -सोशल मीडिया सक्रियता के चलते देहरादून में सबसे अधिक cyber-क्राइम
साइबर धोखाधड़ी मामले में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पांचवें स्थान पर पहुंच चुकी है. वह लगातार अपने आप में चिंता का विषय बनता जा रहा है. इस मामले में देहरादून एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत की मानें तो कोरोना काल में तेजी से इंटरनेट सोशल मीडिया में लोगों की सक्रियता अधिक होने के चलते साइबर क्राइम बढ़ा है.

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बता दें कि देहरादून एक ऐसा शहर है जहां न सिर्फ कई महत्वपूर्ण संस्थान हैं, बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों से हर तबके के लोग यहां रहते हैं. ऐसे में जिस तरह से लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ता जा रहा है, उसका फायदा साइबर क्रिमिनल उठा रहे हैं. हालांकि देहरादून साइबर क्राइम पुलिस एसटीएफ के सहयोग से अपराधियों की धरपकड़ और पर्दाफाश करने में जुटी है.

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हाल ही के दिनों में देश के सबसे बड़े ढाई सौ करोड़ से अधिक के साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश कर अपराधियों को जेल भेजा गया है. देहरादून एसएसपी के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए देहरादून से भी बड़ी संख्या में पुलिस की टीम अलग-अलग राज्यों को भेजी गई हैं.

Last Updated : Jun 18, 2021, 7:20 PM IST
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