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उत्तराखंड में कल धरने पर बैठेंगे शिक्षक, पांचवें चरण का आंदोलन बढ़ाएगा सरकार की मुश्किलें!

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 29, 2023, 8:05 PM IST

Uttarakhand Teachers Protest उत्तराखंड में शिक्षकों का आंदोलन अब अपने पांचवें चरण की तरफ बढ़ गया है. खास बात ये है कि अब तक सरकार की तरफ से इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई है. जिसको लेकर शिक्षक संगठन आक्रोशित हैं और उन्होंने आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है. इतना ही नहीं, सोमवार को एक दिवसीय धरने का भी ऐलान कर दिया है.

Uttarakhand Teachers Protest
उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ

देहरादूनः उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ ने 35 सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है. हालांकि, राजकीय शिक्षक संघ की तरफ से पिछले एक महीने के दौरान अपने विरोध को विभिन्न तरह से जाहिर किया गया है, लेकिन चार चरण में धरने पर जाने के बावजूद भी सरकार ने इस पर कोई ठोस पहल नहीं की है. बड़ी बात यह है कि अब शिक्षक संघ ने पांचवें चरण की शुरुआत के साथ ही आंदोलन को आगे भी जारी रखने का ऐलान कर दिया है. इस कड़ी में 30 अक्टूबर यानी सोमवार को राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रदेश भर में एक दिवसीय धरना दिया जाएगा.

Government Teachers Association Uttarakhand
राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड का ऐलान

बता दें कि इससे पहले बीती 19 सितंबर को संगठन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की घोषणा की थी. इसके बाद 27 सितंबर को काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया तो 8 अक्टूबर को परेड ग्राउंड में विशाल जागरण रैली निकाली गई. इसके बाद 16 अक्टूबर को सभी जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक दिवसीय धरना भी दिया गया. इस पर भी बात नहीं बनने के बाद 26 अक्टूबर को मंडल मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना किया गया. जबकि, अब पांचवें चरण के तहत शिक्षा निदेशालय में धरना दिया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Transfer Policy को लेकर कर्मचारी संगठनों से मांगे गए सुझाव, इस तरह से होगी तैयार

राजकीय शिक्षक संघ की 35 सूत्रीय मांगों में मुख्य तौर पर स्थानांतरण छूट में 40 फीसदी दिव्यांग को भी शामिल किए जाने, एकल अभिभावक को भी स्थानांतरण में रियायत दिए जाने और विधवा के साथ विधुर को स्थानांतरण से मुक्त रखे जाने की मांग रखी गई है. उधर, 7000 फीट से ज्यादा और कम ऊंचाई वाले दुर्गम स्थान की सेवा को एक्ट की धारा 20 का लाभ दिए जाने की भी मांग रखी गई है. राजकीय शिक्षक संघ की 35 सूत्रीय मांगों में ज्यादातर मामले स्थानांतरण से जुड़े हुए हैं.

वहीं, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार संघ की तरफ से किया जा रहे प्रदर्शनों को गंभीरता से नहीं ले रही है. जबकि, अभी केवल पदाधिकारी ही किए जा रहे धरने में शामिल हो रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा. जिसमें प्रदेश भर में शिक्षकों को जोड़कर सरकार को ताकत भी दिखाई जाएगी.
ये भी पढ़ेंः ऐसी सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था! GHSS चौसाला में गणित का टीचर नहीं, 'अंधकार' में 46 बच्चों का भविष्य

देहरादूनः उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ ने 35 सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है. हालांकि, राजकीय शिक्षक संघ की तरफ से पिछले एक महीने के दौरान अपने विरोध को विभिन्न तरह से जाहिर किया गया है, लेकिन चार चरण में धरने पर जाने के बावजूद भी सरकार ने इस पर कोई ठोस पहल नहीं की है. बड़ी बात यह है कि अब शिक्षक संघ ने पांचवें चरण की शुरुआत के साथ ही आंदोलन को आगे भी जारी रखने का ऐलान कर दिया है. इस कड़ी में 30 अक्टूबर यानी सोमवार को राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रदेश भर में एक दिवसीय धरना दिया जाएगा.

Government Teachers Association Uttarakhand
राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड का ऐलान

बता दें कि इससे पहले बीती 19 सितंबर को संगठन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने की घोषणा की थी. इसके बाद 27 सितंबर को काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया तो 8 अक्टूबर को परेड ग्राउंड में विशाल जागरण रैली निकाली गई. इसके बाद 16 अक्टूबर को सभी जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक दिवसीय धरना भी दिया गया. इस पर भी बात नहीं बनने के बाद 26 अक्टूबर को मंडल मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना किया गया. जबकि, अब पांचवें चरण के तहत शिक्षा निदेशालय में धरना दिया जाएगा.
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राजकीय शिक्षक संघ की 35 सूत्रीय मांगों में मुख्य तौर पर स्थानांतरण छूट में 40 फीसदी दिव्यांग को भी शामिल किए जाने, एकल अभिभावक को भी स्थानांतरण में रियायत दिए जाने और विधवा के साथ विधुर को स्थानांतरण से मुक्त रखे जाने की मांग रखी गई है. उधर, 7000 फीट से ज्यादा और कम ऊंचाई वाले दुर्गम स्थान की सेवा को एक्ट की धारा 20 का लाभ दिए जाने की भी मांग रखी गई है. राजकीय शिक्षक संघ की 35 सूत्रीय मांगों में ज्यादातर मामले स्थानांतरण से जुड़े हुए हैं.

वहीं, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार संघ की तरफ से किया जा रहे प्रदर्शनों को गंभीरता से नहीं ले रही है. जबकि, अभी केवल पदाधिकारी ही किए जा रहे धरने में शामिल हो रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा. जिसमें प्रदेश भर में शिक्षकों को जोड़कर सरकार को ताकत भी दिखाई जाएगी.
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