देहरादून: कोविड कर्फ्यू के बावजूद मेडिकल स्टोर्स में लोगों की अच्छी खासी भीड़ जमा हो रही है. इसका कारण है कि लोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के दवाइयां ले रहे हैं. ये दवाइयां लोगों को तत्काल तो राहत पहुंचा रही हैं, लेकिन निकट भविष्य में इसके घातक परिणाम हो सकते हैं.
बिना डॉक्टरी सलाह के दवाइयां ले रहे हैं लोग ईटीवी भारत ने जब दून के कुछ स्थानीय मेडिकल स्टोर संचालकों से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि लोग दवाइयां इसलिए खरीद रहे हैं, क्योंकि उनके अंदर यह डर है कि कहीं दवाइयां खत्म न हो जाएं. हालांकि पिछले एक हफ्ते से मेडिकल स्टोर्स में लोगों की भीड़ घटी है क्योंकि लोगों को समझ में आ गया कि दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.बिना डॉक्टरी सलाह के दवाई लेना नुकसानदेहकोरोना संक्रमण के भय से जिस तरह लोग बिना चिकित्सीय परामर्श के दवाएं खरीद रहे हैं, इसका परिणाम घातक हो सकता है. ईटीवी भारत से बात करते हुए देहरादून के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केपी जोशी कहते हैं कि लोगों को इस बात को समझने की जरूरत है कि हर बुखार कोरोना वायरस नहीं है. यह वायरल फीवर भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि हर बुखार को कोरोना संक्रमण समझकर खुद दवाइयां खरीद रहे लोगों को भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं.पढ़ें: सांसद अजय टम्टा ने 4 जिलों को सांसद निधि से दिए 5 करोड़ रुपए
सरकार सोशल मीडिया के जरिए फैलाए जागरूकता
डॉक्टर केपी जोशी का मानना है कि इस समय लोगो में कोरोना संक्रमण को लेकर भय की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में सरकार को सोशल मीडिया या फिर अन्य माध्यमों से विशेषज्ञों की सलाह लोगों तक पहुंचानी चाहिए.