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ऋषिकेशः जबरन घरों से निकालने पर संतों में आक्रोश, सवालों के घेरे में स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट - जबरन घरों से निकालने पर संतों में आक्रोश

स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट पर संतों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रस्ट द्वारा उन्हें घरों से जबरन बाहर निकाला जा रहा है. इस कार्रवाई के विरुद्ध संतों में रोष देखा जा रहा है.

संतों में आक्रोश
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Published : Nov 9, 2019, 12:30 PM IST

ऋषिकेशः तीर्थनगरी में संतों को उनके घरों से निकालने का मामला सामने आया है. जिससे उनमें भारी नाराजगी है. दानदाताओं द्वारा स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट को संतों के लिए दी गई भूमि पर रहकर भजन कीर्तन करने वालों को बाहर किया जा रहा है. ट्रस्ट की इस कार्रवाई से साधु संतों में रोष उत्पन्न हो गया है. जिससे संत अपनी कंठी माला व कमंडल त्यागकर आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे हैं.अखिल भारतीय संत समिति, ऋषिकेश के संरक्षक महंत अखंडानंद ने कहा कि यदि स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट द्वारा संतों पर इसी प्रकार अत्याचार किए गए तो तमाम संत स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के विरुद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसे लेकर शीघ्र संतों की एक बैठक बुलाई जा रही है.

स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट पर संतों ने लगाए आरोप.

उनका कहना था कि एक संत दुर्गानंद सरस्वती पिछले कई वर्षों से स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट की कुटिया नंबर 25 में रहकर भजन कीर्तन कर रहे थे. उन्हें ट्रस्ट के कर्मचारियों ने जबरन बाहर निकालकर उनकी कुटिया को किसी अन्य संतों को दे दी है.

उनका कहना था कि संत दुर्गानंद को स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट द्वारा भजन कीर्तन करने के लिए सिर्फ कुटिया की भूमि दी गई थी. उक्त भूमि पर स्वामी दुर्गानंद द्वारा अपनी जीवन भर की भिक्षा की संपूर्ण धनराशि 7 लाख से एक कुटिया का निर्माण करवाया. जिसमें एक कमरा, बैठक एवं शौचालय का निर्माण किया गया था.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के मैनेजर जेके झा द्वारा षड्यंत्र रचकर उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगाकर उनसे जबरन कुटिया खाली करवाई गई और अन्य संतों को पक्ष में न बोलने पर कुटिया खाली कराने की धमकी दी गई. साथ ही पैसे लेकर कुटिया दूसरों को अलॉट किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड स्थापना दिवस: राज्य गठन के बाद से नहीं बढ़ पाया औद्योगिक इकाइयों का दायरा

जिससे साधुओं में भय बना है. इसी के चलते स्वामी दुर्गानंद सरस्वती दर-दर भट रहे हैं. वे कई बार स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के प्रबंधक से मिले और उन्होंने गुहार लगाई कि उनकी किसी प्रकार की कोई गलती नहीं है. उन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनसे कुटिया छीन ली गई और उन्हें वहां से खदेड़ कर भगा दिया गया.

संतों का कहना है कि इसमें स्वामी गुरुशरण मिश्रा को ढाल बनाकर मैनेजमेंट मलाई खा रहा है और बिरला परिवार तक शिकायत नहीं पहुंचने दिया जाता है. ट्रस्ट अपने मूल सिद्धांत स्वामी आत्मप्रकाश की प्रेरणा से भटक गया है. इसी कारण इस कार्रवाई के विरुद्ध तमाम संतों में रोष देखा जा रहा है. जिसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. अखिल भारतीय संत समिति के सचिव स्वामी अखंडानंद ने कहा कि संतों, मठ, मंदिरों और आश्रम के मूल उद्देश्यों की रक्षा के लिए वे कटिबद्ध हैं.

ऋषिकेशः तीर्थनगरी में संतों को उनके घरों से निकालने का मामला सामने आया है. जिससे उनमें भारी नाराजगी है. दानदाताओं द्वारा स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट को संतों के लिए दी गई भूमि पर रहकर भजन कीर्तन करने वालों को बाहर किया जा रहा है. ट्रस्ट की इस कार्रवाई से साधु संतों में रोष उत्पन्न हो गया है. जिससे संत अपनी कंठी माला व कमंडल त्यागकर आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे हैं.अखिल भारतीय संत समिति, ऋषिकेश के संरक्षक महंत अखंडानंद ने कहा कि यदि स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट द्वारा संतों पर इसी प्रकार अत्याचार किए गए तो तमाम संत स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के विरुद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसे लेकर शीघ्र संतों की एक बैठक बुलाई जा रही है.

स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट पर संतों ने लगाए आरोप.

उनका कहना था कि एक संत दुर्गानंद सरस्वती पिछले कई वर्षों से स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट की कुटिया नंबर 25 में रहकर भजन कीर्तन कर रहे थे. उन्हें ट्रस्ट के कर्मचारियों ने जबरन बाहर निकालकर उनकी कुटिया को किसी अन्य संतों को दे दी है.

उनका कहना था कि संत दुर्गानंद को स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट द्वारा भजन कीर्तन करने के लिए सिर्फ कुटिया की भूमि दी गई थी. उक्त भूमि पर स्वामी दुर्गानंद द्वारा अपनी जीवन भर की भिक्षा की संपूर्ण धनराशि 7 लाख से एक कुटिया का निर्माण करवाया. जिसमें एक कमरा, बैठक एवं शौचालय का निर्माण किया गया था.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के मैनेजर जेके झा द्वारा षड्यंत्र रचकर उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगाकर उनसे जबरन कुटिया खाली करवाई गई और अन्य संतों को पक्ष में न बोलने पर कुटिया खाली कराने की धमकी दी गई. साथ ही पैसे लेकर कुटिया दूसरों को अलॉट किया जा रहा है.

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जिससे साधुओं में भय बना है. इसी के चलते स्वामी दुर्गानंद सरस्वती दर-दर भट रहे हैं. वे कई बार स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के प्रबंधक से मिले और उन्होंने गुहार लगाई कि उनकी किसी प्रकार की कोई गलती नहीं है. उन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनसे कुटिया छीन ली गई और उन्हें वहां से खदेड़ कर भगा दिया गया.

संतों का कहना है कि इसमें स्वामी गुरुशरण मिश्रा को ढाल बनाकर मैनेजमेंट मलाई खा रहा है और बिरला परिवार तक शिकायत नहीं पहुंचने दिया जाता है. ट्रस्ट अपने मूल सिद्धांत स्वामी आत्मप्रकाश की प्रेरणा से भटक गया है. इसी कारण इस कार्रवाई के विरुद्ध तमाम संतों में रोष देखा जा रहा है. जिसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. अखिल भारतीय संत समिति के सचिव स्वामी अखंडानंद ने कहा कि संतों, मठ, मंदिरों और आश्रम के मूल उद्देश्यों की रक्षा के लिए वे कटिबद्ध हैं.

Intro:ऋषिकेश--दानदाताओं द्वारा स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट को संतो के लिए दी गई भूमि पर रह कर भजन कीर्तन करने वाले  संतो की  झोपड़ियों से ट्रस्ट द्वारा निकाले जा रहे साधु संतों को लेकर अन्य संतों में तीव्र रोष उत्पन्न हो गया है ,जिसे लेकर संत अपनी कंठी माला व  कमंडल त्याग कर आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे हैं।





Body:वी/ओ--अखिल भारतीय संत समिति ऋषिकेश के संगरक्षक  महंत अखण्डानन्द ने कहा कि यदि स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट द्वारा संतो  पर इसी प्रकार अत्याचार किए गए तो तमाम संघ स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के विरुद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसे लेकर शीघ्र संतों की एक बैठक बुलाई जा रही है,उनका कहना था कि एक संत दुर्गानंदसरस्वती पिछले कई वर्षोंं से स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट की कुटिया नंबर 25 में रह कर भजन कीर्तन कर रहे थे ।जिन्हें  स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के कर्मचारियों ने जबरन बाहर निकाल कर उनकी कुटिया  को किसी अन्य संतों को दे दिया है। उनका कहना था, कि संत दुर्गानंद सरस्वती को स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट  द्वारा भजन कीर्तन करने के लिए सिर्फ कुटिया की भूमि दी गई थी उक्त भूमि पर स्वामी दुर्गानंद के द्वारा अपनी जीवन भर की भिक्षाटन द्वारा की समूर्ण धनराशि 7 लाख से एक कुटिया का निर्माण करवाया गया ,जिसमे  एक कमरा बैठक एवं शौचालय  बनवाया गया।   स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के मैनेजर सहायक मैनेजर  जे के झा  के द्वारा षड्यंत्र रच कर उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगाकर उनसे जबरन खाली करवाई गई । और संतो को पक्ष में बोलने पर कुटिया खली कराने की धमकी देता है और पेसे लेकर कुटिया दूसरो को अलॉट कर देता जिससे साधुओ  भय बना है इसी के चलते  स्वामी दुर्गानंद सरस्वती दर-दर भटकने के बाद कई बार स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट के प्रबंधक से मिले और उन्होंने गुहार लगाई कि उनकी किसी प्रकार की कोई गलती नहीं है। उन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनसे कुटिया छीन ली  गई।  और उन्हें वहां से खदेड़ कर भगा दिया ।


Conclusion:वी/ओ--संतो का कहना है की इसमें स्वामी गुरुशरण मिश्रा को ढाल बनाकर मैनेजमेंट मलाई खा रही है बिरला परिवार  तक शिकायत नहीं पहुंचने देती ट्रस्टअपने मूल सिद्धांत स्वामी आत्मप्रकाश की प्रेरणा से भटका इसी कारण इस कार्यवाही के विरुद्ध तमाम संतों में रोष देखा जा रहा है। जिसके खिलाफ  आंदोलन किया जाएगा, अखिल भारतीए संत समिति के सचिव स्वामी अखंडानंद ने कहा की संतो. मठ.मंदिरो  और आश्रम के मूल उद्देश्यों की रक्षा के लिए हम कटिबद्ध है।

बाईट--स्वामी दुर्गानन्द सरस्वती(पीड़ित संत)
बाईट--स्वामी अखण्डानन्द(अखिल भारतीय संत समिति सचिव,ऋषिकेश)


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