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न मंत्री को खबर, ना सचिव को पता, सस्पेंड हो गए उद्यान निदेशक हरमिंदर बवेजा, अब यहां काटेंगे निलंबन काल

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Published : Jun 13, 2023, 9:35 AM IST

Updated : Jun 13, 2023, 11:19 AM IST

आखिरकार उद्यान निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा सस्पेंड हो ही गए. बवेजा पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगे थे, शासन में उसकी जांच चल रही थी. इस मामले में चौंकाने वाली बात ये रही कि सीएम ने बवेजा को सस्पेंड करने की जो कार्रवाई की उसकी भनक न तो उद्यान विभाग के मंत्री गणेश जोशी को लगी और ना ही विभागीय सचिव को हवा लग पाई.

Garhwal Commissioner Office Pauri
हरमिंदर बवेजा सस्पेंड

देहरादून: उद्यान विभाग के निदेशक डॉ हरमिंदर सिंह बवेजा पर कार्रवाई कोई सामान्य एक्शन नहीं है. यह वही अधिकारी हैं जिनके खिलाफ लंबे समय से कई आरोपों की जांच भी चल रही थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि उद्यान निदेशक के खिलाफ की गई कार्रवाई किसी एक या दो आरोपों के आधार पर नहीं हुई है. इन पर 11 पन्नों में दर्ज 18 आरोपों के सिद्ध होने के बाद की गयी है.

  • Dr Harminder Singh Baweja, Director, Dept. Horticulture & Food Processing, Uttarakhand, has been suspended for issuing a licence to Anika Traders & Nursery in violation of the provisions of the Fruit Nurseries (Regulation) Act. pic.twitter.com/zAAQmTKxD2

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सस्पेंड हो गए हरमिंदर बवेजा: इस तरह शासन ने भी सोमवार देर शाम इसके मद्देनजर आदेश जारी कर ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लगा दी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के उद्यान विभाग में निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा पर कार्रवाई के जरिए बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस कार्रवाई का ना तो मंत्री को ही कुछ पता था और ना ही विभाग के सचिव को इसकी जानकारी थी. यानी जांच रिपोर्ट सामने आते ही विभागीय औपचारिकताओं में ना फंसते हुए मुख्यमंत्री ने सीधे एक्शन ले लिया. इस कार्रवाई ने बाकी विभागों में भी भविष्य में ऐसी ही कार्रवाई को लेकर संभावनाओं को बढ़ा दिया है.

Garhwal Commissioner Office Pauri
हरमिंदर बवेजा के निलंबन का आदेश पत्र

सीएम धामी का ये एक्शन बनेगा नजीर: दरअसल यह वही अधिकारी हैं जिनके खिलाफ कई बार शिकायतें भी आईं. जांच भी हुई, लेकिन जांच की फाइलें ठंडे बस्ते में चली गईं. विभाग के स्तर पर किसी कार्रवाई को अमल में नहीं लाया गया. कई बार सवाल उठाए गए कि क्या इतने आरोपों के बीच भी निदेशक उद्यान पर कार्रवाई ना होना किसी बड़े संरक्षण की ओर इशारा कर रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने जो एक्शन लिया, वह बाकी विभागों और मंत्रियों के लिए भी एक बड़ा सबक बन गया है.

उद्यान निदेशक पर 11 पन्नों में दर्ज हैं 18 आरोप: उद्यान विभाग के निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा पर कोई एक या दो आरोप नहीं थे. अब जब मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्रवाई की गई तो ऐसे 18 आरोप 11 पन्नों में दर्ज कर निदेशक उद्यान से जवाब तलब किया गया है.

निदेशक उद्यान पर अनिका ट्रेडर्स एवं पौधशाला को बिना शासकीय पत्रांक वाले पत्र के जरिए ही लाइसेंस देने का आरोप है.
नर्सरी को 0.50 हेक्टेयर क्षेत्रफल का लाइसेंस दिया गया, जबकि मौके पर केवल 0.444 हेक्टेयर भूमि ही उपलब्ध पाई गई.
पौधशाला का निरीक्षण कराए बिना ही निदेशक के स्तर पर लाइसेंस जारी कर दिया गया.
नर्सरी के लिए अधूरे आवेदन होने के बावजूद न तो इन आवेदनों को पूरी तरह से भरवाया गया और ना ही इसका संज्ञान लिया गया. बावजूद इसके इन अधूरे भरे हुए आवेदन पर ही लाइसेंस दे दिया गया.
नर्सरी में शीतकालीन बिक्री योग्य उपलब्ध फल पौधों की संख्या संबंधी सूचना अक्टूबर तक निदेशक को दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन जानकारी सामने आई कि नर्सरी के लिए भूमि की लीज 4 जनवरी 2023 को की गई. 5 जनवरी 2023 को नर्सरी को लाइसेंस दे दिया गया.
जब अक्टूबर 2022 तक नर्सरी अस्तित्व में ही नहीं थी, तो चंपावत, रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा और नैनीताल के लिए अनिका ट्रेडर्स पौधशाला से डेढ़ लाख से ज्यादा पौधों के आदेश कैसे कर दिए गए.
इस दौरान चुनिंदा किसानों को ही लाभ पहुंचाए जाने का भी निदेशक पर आरोप है.

अब यहां अटैच रहेंगे हरमिंदर सिंह बवेजा: ऐसे ऐसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं जो वाकई चौंकाने वाले हैं. उधर मुख्यमंत्री कार्यालय से निलंबन संबंधी आदेश करने का निर्देश मिलने के बाद सचिव उद्यान की तरफ से इसके लिए आदेश कर दिया गया है. निलंबन के दौरान हरमिंदर सिंह बवेजा गढ़वाल कमिश्नर कार्यालय पौड़ी में अटैच रहेंगे. इस तरह आरोप है कि उत्तरकाशी जिले में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मुख्यमंत्री एकीकृत विकास योजना में भारी धांधली की गई है. जिस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. खास बात यह है कि इन सभी आरोपों पर उत्तरकाशी के जिला अधिकारी की तरफ से जांच की गई. जांच में उन्हें दोषी पाया गया और अब निदेशक से इसका जवाब भी मांगा गया है.

देहरादून: उद्यान विभाग के निदेशक डॉ हरमिंदर सिंह बवेजा पर कार्रवाई कोई सामान्य एक्शन नहीं है. यह वही अधिकारी हैं जिनके खिलाफ लंबे समय से कई आरोपों की जांच भी चल रही थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि उद्यान निदेशक के खिलाफ की गई कार्रवाई किसी एक या दो आरोपों के आधार पर नहीं हुई है. इन पर 11 पन्नों में दर्ज 18 आरोपों के सिद्ध होने के बाद की गयी है.

  • Dr Harminder Singh Baweja, Director, Dept. Horticulture & Food Processing, Uttarakhand, has been suspended for issuing a licence to Anika Traders & Nursery in violation of the provisions of the Fruit Nurseries (Regulation) Act. pic.twitter.com/zAAQmTKxD2

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सस्पेंड हो गए हरमिंदर बवेजा: इस तरह शासन ने भी सोमवार देर शाम इसके मद्देनजर आदेश जारी कर ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लगा दी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के उद्यान विभाग में निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा पर कार्रवाई के जरिए बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस कार्रवाई का ना तो मंत्री को ही कुछ पता था और ना ही विभाग के सचिव को इसकी जानकारी थी. यानी जांच रिपोर्ट सामने आते ही विभागीय औपचारिकताओं में ना फंसते हुए मुख्यमंत्री ने सीधे एक्शन ले लिया. इस कार्रवाई ने बाकी विभागों में भी भविष्य में ऐसी ही कार्रवाई को लेकर संभावनाओं को बढ़ा दिया है.

Garhwal Commissioner Office Pauri
हरमिंदर बवेजा के निलंबन का आदेश पत्र

सीएम धामी का ये एक्शन बनेगा नजीर: दरअसल यह वही अधिकारी हैं जिनके खिलाफ कई बार शिकायतें भी आईं. जांच भी हुई, लेकिन जांच की फाइलें ठंडे बस्ते में चली गईं. विभाग के स्तर पर किसी कार्रवाई को अमल में नहीं लाया गया. कई बार सवाल उठाए गए कि क्या इतने आरोपों के बीच भी निदेशक उद्यान पर कार्रवाई ना होना किसी बड़े संरक्षण की ओर इशारा कर रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने जो एक्शन लिया, वह बाकी विभागों और मंत्रियों के लिए भी एक बड़ा सबक बन गया है.

उद्यान निदेशक पर 11 पन्नों में दर्ज हैं 18 आरोप: उद्यान विभाग के निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा पर कोई एक या दो आरोप नहीं थे. अब जब मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्रवाई की गई तो ऐसे 18 आरोप 11 पन्नों में दर्ज कर निदेशक उद्यान से जवाब तलब किया गया है.

निदेशक उद्यान पर अनिका ट्रेडर्स एवं पौधशाला को बिना शासकीय पत्रांक वाले पत्र के जरिए ही लाइसेंस देने का आरोप है.
नर्सरी को 0.50 हेक्टेयर क्षेत्रफल का लाइसेंस दिया गया, जबकि मौके पर केवल 0.444 हेक्टेयर भूमि ही उपलब्ध पाई गई.
पौधशाला का निरीक्षण कराए बिना ही निदेशक के स्तर पर लाइसेंस जारी कर दिया गया.
नर्सरी के लिए अधूरे आवेदन होने के बावजूद न तो इन आवेदनों को पूरी तरह से भरवाया गया और ना ही इसका संज्ञान लिया गया. बावजूद इसके इन अधूरे भरे हुए आवेदन पर ही लाइसेंस दे दिया गया.
नर्सरी में शीतकालीन बिक्री योग्य उपलब्ध फल पौधों की संख्या संबंधी सूचना अक्टूबर तक निदेशक को दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन जानकारी सामने आई कि नर्सरी के लिए भूमि की लीज 4 जनवरी 2023 को की गई. 5 जनवरी 2023 को नर्सरी को लाइसेंस दे दिया गया.
जब अक्टूबर 2022 तक नर्सरी अस्तित्व में ही नहीं थी, तो चंपावत, रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा और नैनीताल के लिए अनिका ट्रेडर्स पौधशाला से डेढ़ लाख से ज्यादा पौधों के आदेश कैसे कर दिए गए.
इस दौरान चुनिंदा किसानों को ही लाभ पहुंचाए जाने का भी निदेशक पर आरोप है.

अब यहां अटैच रहेंगे हरमिंदर सिंह बवेजा: ऐसे ऐसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं जो वाकई चौंकाने वाले हैं. उधर मुख्यमंत्री कार्यालय से निलंबन संबंधी आदेश करने का निर्देश मिलने के बाद सचिव उद्यान की तरफ से इसके लिए आदेश कर दिया गया है. निलंबन के दौरान हरमिंदर सिंह बवेजा गढ़वाल कमिश्नर कार्यालय पौड़ी में अटैच रहेंगे. इस तरह आरोप है कि उत्तरकाशी जिले में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मुख्यमंत्री एकीकृत विकास योजना में भारी धांधली की गई है. जिस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. खास बात यह है कि इन सभी आरोपों पर उत्तरकाशी के जिला अधिकारी की तरफ से जांच की गई. जांच में उन्हें दोषी पाया गया और अब निदेशक से इसका जवाब भी मांगा गया है.

Last Updated : Jun 13, 2023, 11:19 AM IST
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