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एम्स में एंडोवास्कुलर तकनीक से ब्रेन हैमरेज का हुआ सफल इलाज - endovascular technique in rishikesh aiims

एम्स ऋषिकेश में एक 50 वर्षीय महिला को ब्रेन हैमरेज की वजह से भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने उस महिला का एंडोवास्कुलर तकनीक से ब्रेन हैमरेज का सफल इलाज किया.

ऋषिकेश
एंडोवास्कुलर तकनीक से ब्रेन हैमरेज का सफल इलाज
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Published : Sep 12, 2020, 9:21 AM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश ने सबसे उन्नत एंडोवास्कुलर तकनीक का उपयोग कर ब्रेन हैमरेज के उपचार में सफलता प्राप्त की है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार इस प्रकार के इलाज से ब्रेन सर्जरी से बचा जा सकता है. एम्स ऋषिकेश में यह पहला मामला है, जिसमें ब्रेन हैमरेज को एंडोवास्कुलर कोइलिंग का उपयोग करके पूरी तरह से ठीक किया गया है. संस्थान में किया गया ब्रेन हैमरेज उपचार आयुष्मान भारत योजना में भी शामिल है.

ऋषिकेश एम्स में एंडोवास्कुलर यूनिट की स्थापना

एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि संस्थान में न्यूरो एंडोवास्कुलर यूनिट की स्थापना कर दी गई है. मौजूदा न्यूरो सर्जरी और न्यूरोलॉजी विभाग के सहयोग से यह इकाई इस उच्च मेडिकल तकनीक का उपयोग करके मस्तिष्क के रक्तस्राव और मस्तिष्क स्ट्रोक के रोगियों का बेहतर उपचार करेगी. उन्होंने ने बताया कि एंडोवास्कुलर तकनीक से ब्रेन हैमरेज का यह उपचार आयुष्मान भारत योजना में भी शामिल है.

ब्रेन हैमरेज का शिकार हुई थी अमरोहा की महिला

गौरतलब है कि अमरोहा, यूपी की एक 50 वर्षीय महिला बीते माह 18 अगस्त की सुबह अचानक उल्टी के साथ तेज सिरदर्द होने के बाद अपने घर में गिर गई. परिजन उसे उपचार के लिए अमरोहा सिटी अस्पताल ले गए. कुछ दिनों तक वहां भर्ती रहने के बाद उसे मेरठ रेफर कर दिया गया. जांच में पता चला कि फर्स पर गिरने से उसके दिमाग की नस फट गई थी, जिससे महिला को ब्रेन हैमरेज हो गया. मेरठ के अस्पताल से उक्त महिला को 28 अगस्त को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया.

एंडोवास्कुलर कोइलिंग तकनीक से इलाज

एम्स, ऋषिकेश में न्यूरो सर्जन डॉ. जितेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि महिला को हुए ब्रेन हैमरेज के कारण का पता लगाया, जो ब्रेन एन्यूरिज्म के फटने के कारण हुआ था. ब्रेन एन्यूरिज्म मस्तिष्क की नसों में गुब्बारे की तरह सूजन के रूप में होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर की वजह से कभी भी फट सकते हैं. जिसका उपचार बिना चीर-फाड़ के अत्याधुनिक वैकल्पिक एंडोवास्कुलर कोइलिंग तकनीक से किया गया.

एंडोवास्कुलर तकनीक से ब्रेन हैमरेज का सफल इलाज

इस तकनीक द्वारा एक पतली ट्यूब को जांघ की धमनी के माध्यम से मस्तिष्क तक ले जाया गया. जिसके माध्यम से महिला की क्षतिग्रस्त धमनी का उपचार किया गया. इस नई तकनीक को न्यूरो एंडोवास्कुलर तकनीक के नाम से जाना जाता है. महिला को उपचार के बाद ​कुछ दिन अस्पताल में रखा गया, पूरी तरह से स्वस्थ होने पर उसे एम्स से छुट्टी दे दी गई है.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश ने सबसे उन्नत एंडोवास्कुलर तकनीक का उपयोग कर ब्रेन हैमरेज के उपचार में सफलता प्राप्त की है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार इस प्रकार के इलाज से ब्रेन सर्जरी से बचा जा सकता है. एम्स ऋषिकेश में यह पहला मामला है, जिसमें ब्रेन हैमरेज को एंडोवास्कुलर कोइलिंग का उपयोग करके पूरी तरह से ठीक किया गया है. संस्थान में किया गया ब्रेन हैमरेज उपचार आयुष्मान भारत योजना में भी शामिल है.

ऋषिकेश एम्स में एंडोवास्कुलर यूनिट की स्थापना

एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि संस्थान में न्यूरो एंडोवास्कुलर यूनिट की स्थापना कर दी गई है. मौजूदा न्यूरो सर्जरी और न्यूरोलॉजी विभाग के सहयोग से यह इकाई इस उच्च मेडिकल तकनीक का उपयोग करके मस्तिष्क के रक्तस्राव और मस्तिष्क स्ट्रोक के रोगियों का बेहतर उपचार करेगी. उन्होंने ने बताया कि एंडोवास्कुलर तकनीक से ब्रेन हैमरेज का यह उपचार आयुष्मान भारत योजना में भी शामिल है.

ब्रेन हैमरेज का शिकार हुई थी अमरोहा की महिला

गौरतलब है कि अमरोहा, यूपी की एक 50 वर्षीय महिला बीते माह 18 अगस्त की सुबह अचानक उल्टी के साथ तेज सिरदर्द होने के बाद अपने घर में गिर गई. परिजन उसे उपचार के लिए अमरोहा सिटी अस्पताल ले गए. कुछ दिनों तक वहां भर्ती रहने के बाद उसे मेरठ रेफर कर दिया गया. जांच में पता चला कि फर्स पर गिरने से उसके दिमाग की नस फट गई थी, जिससे महिला को ब्रेन हैमरेज हो गया. मेरठ के अस्पताल से उक्त महिला को 28 अगस्त को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया.

एंडोवास्कुलर कोइलिंग तकनीक से इलाज

एम्स, ऋषिकेश में न्यूरो सर्जन डॉ. जितेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि महिला को हुए ब्रेन हैमरेज के कारण का पता लगाया, जो ब्रेन एन्यूरिज्म के फटने के कारण हुआ था. ब्रेन एन्यूरिज्म मस्तिष्क की नसों में गुब्बारे की तरह सूजन के रूप में होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर की वजह से कभी भी फट सकते हैं. जिसका उपचार बिना चीर-फाड़ के अत्याधुनिक वैकल्पिक एंडोवास्कुलर कोइलिंग तकनीक से किया गया.

एंडोवास्कुलर तकनीक से ब्रेन हैमरेज का सफल इलाज

इस तकनीक द्वारा एक पतली ट्यूब को जांघ की धमनी के माध्यम से मस्तिष्क तक ले जाया गया. जिसके माध्यम से महिला की क्षतिग्रस्त धमनी का उपचार किया गया. इस नई तकनीक को न्यूरो एंडोवास्कुलर तकनीक के नाम से जाना जाता है. महिला को उपचार के बाद ​कुछ दिन अस्पताल में रखा गया, पूरी तरह से स्वस्थ होने पर उसे एम्स से छुट्टी दे दी गई है.

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