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वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार, उपसमिति लेगी फैसला

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Published : Sep 25, 2021, 2:03 PM IST

वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों पर वसूली की तलवार लटक रही है. वहीं, राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की उपसमिति बनाकर फिलहाल इस मामले में ऐसे कर्मचारियों को राहत देने का काम किया है.

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सुबोध उनियाल शासकीय प्रवक्ता उत्तराखंड सरकार.

देहरादून: वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों के मामले में बनाई गई मंत्रिमंडलीय समिति ने अपना अंतिम फैसला ले लिया है. जिसके बाद जल्द ही मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा.

उत्तराखंड में वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों पर वसूली की तलवार लटक रही है, राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की उपसमिति बनाकर फिलहाल इस मामले में ऐसे कर्मचारियों को राहत देने का काम किया है. बता दें कि इन कर्मचारियों को पहले 2 साल दैनिक श्रम पर तैनाती दी जाती है. उत्तर प्रदेश के समय में स्केलरों को दैनिक शब्द के आधार पर 2 साल के अनुभव का लाभ सीनियरिटी में दिया जाता था, बाद में उत्तराखंड में भी यह व्यवस्था लागू की गई और फिर इसी आधार पर वेतन का निर्धारण किया गया.

वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों पर रिपोर्ट तैयार

पढ़ें-हिमालयी क्षेत्र में पहली बार खिला सोसरिया फूल, केदारघाटी में लौटी रौनक

लेकिन इसको लेकर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई और इसके बाद वन विकास निगम ने यहां कार्यरत 645 और सेवानिवृत्त 650 स्केलरों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी. खास बात यह है कि 650 सेवानिवृत्त कर्मचारियों से करीब ₹14 करोड़ रुपये में वसूले जा चुके हैं. इसी को लेकर कर्मचारी विरोध भी कर रहे थे, ऐसे में सरकार ने इस मामले में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की थी जिस पर अब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और इस रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा.

देहरादून: वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों के मामले में बनाई गई मंत्रिमंडलीय समिति ने अपना अंतिम फैसला ले लिया है. जिसके बाद जल्द ही मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा.

उत्तराखंड में वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों पर वसूली की तलवार लटक रही है, राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की उपसमिति बनाकर फिलहाल इस मामले में ऐसे कर्मचारियों को राहत देने का काम किया है. बता दें कि इन कर्मचारियों को पहले 2 साल दैनिक श्रम पर तैनाती दी जाती है. उत्तर प्रदेश के समय में स्केलरों को दैनिक शब्द के आधार पर 2 साल के अनुभव का लाभ सीनियरिटी में दिया जाता था, बाद में उत्तराखंड में भी यह व्यवस्था लागू की गई और फिर इसी आधार पर वेतन का निर्धारण किया गया.

वन विकास निगम के स्केलर संवर्ग के कर्मचारियों पर रिपोर्ट तैयार

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लेकिन इसको लेकर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई और इसके बाद वन विकास निगम ने यहां कार्यरत 645 और सेवानिवृत्त 650 स्केलरों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी. खास बात यह है कि 650 सेवानिवृत्त कर्मचारियों से करीब ₹14 करोड़ रुपये में वसूले जा चुके हैं. इसी को लेकर कर्मचारी विरोध भी कर रहे थे, ऐसे में सरकार ने इस मामले में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की थी जिस पर अब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और इस रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा.

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