मसूरीः म्युनिसिपल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज मसूरी में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युवजन समाज की ओर से नवनियुक्त शिक्षकों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसका कॉलेज के विभिन्न छात्र संघ से जुड़े छात्रों ने जोरदार विरोध किया. इस दौरान छात्रों ने जमकर हंगामा भी किया. साथ ही प्राचार्य अनिल चौहान का घेराव कर उन पर कॉलेज में राजनीति का अखाड़ा बनाने का आरोप लगाया.
छात्र नेताओं का कहना था कि कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए एमपीजी कॉलेज मसूरी को राजनीति का अखाड़ा बना रहे हैं, जो किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हाल में कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिनका काम छात्रों को पढ़ाना है. ऐसे में कुछ राजनीति से प्रेरित लोग इसका फायदा उठाने के लिए नवनियुक्त शिक्षकों का सम्मान कॉलेज परिसर में करने की कोशिश कर रहे थे. जिसका वो पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर इस तरीके के कार्यक्रम भविष्य में कॉलेज परिसर में आयोजित होंगे तो सभी छात्र इसका विरोध कर अपना एडमिशन वापस लेंगे.
दरअसल, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युवजन समाज स्थापना दिवस के अवसर पर एमपीजी कॉलेज के सभागार में नागरिक अभिनंदन सम्मान समारोह का आयोजन करने जा रही थी. जिसको लेकर कॉलेज परिसर में बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए थे. जिसका छात्र नेताओं और संगठनों ने पुरजोर तरीके से विरोध कर दिया. साथ ही जमकर बवाल किया. उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा का मंदिर है, यहां पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होने दी जाएगी.
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मसूरी एमपीजी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष मोहन शाही, महासचिव अनिल खन्ना, छात्र नेता रितेश कैंतुरा ने कहा कि कुछ राजनीति से प्रेरित लोग कॉलेज में शिक्षकों का सम्मान करने जा रहे थे, इसकी न तो सूचना किसी छात्र संघ के पदाधिकारी को दी गई न ही किसी छात्र संगठन को. वहीं, छात्रों ने प्राचार्य अनिल चौहान से भी वार्ता की. इस दौरान उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम होने पर एडमिशन वापस लेकर कॉलेज में तालाबंदी करने की चेतावनी भी दी.
वहीं, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति युवजन समाज के प्रदेश अध्यक्ष विकास चौहान का कहना था कि संगठन ने मसूरी एमपीजी कॉलेज में नवनियुक्त शिक्षकों का सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया था, लेकिन कॉलेज के छात्र संघ और छात्र संगठनों के विरोध के बाद कार्यक्रम को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया. उन्होंने एबीवीपी और कुछ छात्र नेताओं पर जाति विरोधी भी बताया.