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छात्र संघ चुनावः  AVBP में दो फाड़, बागी छात्र नेता बढ़ा सकते हैं संगठन की परेशानी

डीएवी पीजी कॉलेज में एबीवीपी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. संगठन  में दो फाड़ होने के कारण एक गुट बागी बनकर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहा है, जिससे संगठन की परेशानी बढ़ सकती है.

डीएवी पीजी कॉलेज
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Published : Sep 1, 2019, 9:36 PM IST

देहरादून: राजधानी में डीएवी पीजी कॉलेज छात्र संघ का चुनाव सुर्खियों में रहता है. छात्र संघ चुनाव जोरों पर है. वहीं, कॉलेज में एबीवीपी में दो फाड़ होने से काफी नुकसान हो सकता है. एबीवीपी का एक गुट अब निर्दलीय मैदान में उतरने को तैयार है तो वहीं टिकट को लेकर एबीवीपी में घमासान मचा हुआ है.

VBP में दो फाड़, बागी छात्र नेता बढ़ा सकते हैं संगठन की परेशानी.

पूर्व छात्र अध्यक्ष शुभम सिमल्टी कहना है कि लगातार डीएवी कॉलेज में 12 सालों से एबीवीपी का कब्जा रहा है. लेकिन कुछ बाहरी लोग एबीवीपी में आकर माहौल को गंदा कर रहे हैं. एबीवीपी के शीर्ष नेतृत्व ऐसे लोगों को टिकट दे रहे है जो पहले निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. इसी से नाराज होकर अब निर्दलीय प्रत्याशी को मैदान में उतारा है.डीएवी पीजी कॉलेज में एबीवीपी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. संगठन में दो फाड़ होने के कारण एक गुट बागी बनकर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहा है, जिससे संगठन की परेशानी बढ़ सकती है.

पढ़ें:देहरादून: दिनोंदिन बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या, रोकथाम को लेकर अस्पताल प्रशासन हुआ सख्त

निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में निखिल का कहना है कि पिछले 9 सालों से कॉलेज के साथ-साथ एबीवीपी में रहा हूं. लेकिन एबीवीपी के शीर्ष नेतृत्व ने अनदेखी करते हुए दूसरे छात्र को टिकट दिया है. जिस कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा जाएगा.
वहीं, संगठन में दो गुट होने से काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र नेता सीधे सीनियर पार्टी नेताओं से जुड़े होते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि ये गुटबाजी न केवल छात्र नेताओं की है बल्कि इसमें बड़े नेताओं का हाथ भी माना जा रहा है. बहरहाल डीएवी पीजी कॉलेज में इस लड़ाई का नुकसान देहरादून से लेकर प्रदेश के सभी कॉलेजों में उठाना पड़ सकता है.

देहरादून: राजधानी में डीएवी पीजी कॉलेज छात्र संघ का चुनाव सुर्खियों में रहता है. छात्र संघ चुनाव जोरों पर है. वहीं, कॉलेज में एबीवीपी में दो फाड़ होने से काफी नुकसान हो सकता है. एबीवीपी का एक गुट अब निर्दलीय मैदान में उतरने को तैयार है तो वहीं टिकट को लेकर एबीवीपी में घमासान मचा हुआ है.

VBP में दो फाड़, बागी छात्र नेता बढ़ा सकते हैं संगठन की परेशानी.

पूर्व छात्र अध्यक्ष शुभम सिमल्टी कहना है कि लगातार डीएवी कॉलेज में 12 सालों से एबीवीपी का कब्जा रहा है. लेकिन कुछ बाहरी लोग एबीवीपी में आकर माहौल को गंदा कर रहे हैं. एबीवीपी के शीर्ष नेतृत्व ऐसे लोगों को टिकट दे रहे है जो पहले निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. इसी से नाराज होकर अब निर्दलीय प्रत्याशी को मैदान में उतारा है.डीएवी पीजी कॉलेज में एबीवीपी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. संगठन में दो फाड़ होने के कारण एक गुट बागी बनकर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहा है, जिससे संगठन की परेशानी बढ़ सकती है.

पढ़ें:देहरादून: दिनोंदिन बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या, रोकथाम को लेकर अस्पताल प्रशासन हुआ सख्त

निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में निखिल का कहना है कि पिछले 9 सालों से कॉलेज के साथ-साथ एबीवीपी में रहा हूं. लेकिन एबीवीपी के शीर्ष नेतृत्व ने अनदेखी करते हुए दूसरे छात्र को टिकट दिया है. जिस कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा जाएगा.
वहीं, संगठन में दो गुट होने से काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र नेता सीधे सीनियर पार्टी नेताओं से जुड़े होते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि ये गुटबाजी न केवल छात्र नेताओं की है बल्कि इसमें बड़े नेताओं का हाथ भी माना जा रहा है. बहरहाल डीएवी पीजी कॉलेज में इस लड़ाई का नुकसान देहरादून से लेकर प्रदेश के सभी कॉलेजों में उठाना पड़ सकता है.

Intro:देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज का छात्र संघ का चुनाव हर साल खास रहता है और इस समय छात्र संघ चुनाव जोरों पर है तो वही कॉलेज में एबीवीपी के दो गुट होते नजर आ रहे है एबीवीपी का एक गुट अब निर्दलीय मैदान में उतरने को तैयार है तो वही टिकट को लेकर एबीवीपी में घमासान मचा हुआ है!और एबीवीपी का दो गुटों में होने कारण कही न कही चुनाव में छात्र-छात्राओं के वोट का नुकसान होने की संभावना होने वाली है साथ ही एनएसयूआई और सत्यम ग्रुप को इसका फायदा मिलने वाला है!
Body:पूर्व छात्र अध्यक्ष शुभम सिमल्टी की माने तो उनका कहना है की लगातार डी ए वी कॉलेज में 12 सालों से एबीवीपी का अध्यक्ष बनता आ रहा है जिसमें हम पूरी लगन से मेहनत करते हैं लेकिन कुछ बाहरी लोग एबीवीपी में आकर माहौल को गंदा कर रहे हैं!एबीवीपी के शीर्ष नेतृत्व ऐसे लोगों को टिकट दे रहे है जो पहले निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं और आज एबीवीपी में आकर टिकट हासिल करने में कामयाब हो रहे हैं इसी से नाराज होकर अब हमने अपने निर्दलीय प्रत्याशी को मैदान में उतारा है!

बाइट-शुभम सिमल्टी(पूर्व छात्र अध्यक्ष)

वही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में डीएवी कॉलेज का चुनाव लड़ रहे निखिल का कहना है की पिछले 9 सालों से मैं कॉलेज के साथ-साथ एबीवीपी की भी सेवा कर रहा हूं लेकिन एबीवीपी के शीर्ष नेतृत्व ने हमारी अनदेखी करते हुए भारी व्यक्तियों को टिकट दिया है जिससे हम सभी नाराज हैं इस नाराजगी की वजह से अब हमने निर्दलीय चुनाव लड़ने की ठानी है!साथ ही यदि बात करें चुनौती की तो हमारे सामने एबीवीपी हो या फिर एनएसयूआई हो कोई भी चुनौती नहीं है क्योंकि सभी छात्र हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है और इस बार निर्दलीय ही चुनाव जीत कर आएंगे!

बाइट-निखिल(निर्दलीय प्रत्याशी,डी ए वी कॉलेज)Conclusion:डीएवी पीजी कॉलेज में एबीवीपी के बीच दो गुट बनने का काफी नुकसान उठाना पद सकता है!डीएवी पीजी कॉलेज राजधानी देहरादून में होने के कारन छात्र नेताओ सीधे सीनियर पार्टी नेताओ से जुड़े होते है!ऐसे में माना जा रहा है की ये गुटबाजी ना केवल छात्र नेताओ की है बल्कि इसमें बड़े नेताओ का हाथ भी माना जा रहा है!बरहाल डीएवी की इस लड़ाई का नुकसान देहरादून से लेकर प्रदेश के सभी कॉलेजो में उठाना पड़ सकता है!
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