देहरादूनः उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं. लेकिन गिरफ्तारी के बाद सबसे ज्यादा चर्चाओं में उत्तरकाशी के जखोल का जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह (District Panchayat member Hakam Singh) है. हाकम सिंह की चर्चा इसलिए भी ज्यादा हो रही है, क्योंकि उसकी पहुंच नौकरशाहों से लेकर राजनेताओं तक है. इसके अलावा चर्चा इस बात की भी है कि नौकरशाह और राजनेताओं के रहमों करम के बिना हाकम सिंह बावर्ची और ड्राइवर की नौकरी करने के बावजूद एक बड़े एंपायर का मालिक कैसे बन गया.
ड्राइवर और कुक का करता था काम: हाकम सिंह के आसमान छूने की कहानी उत्तरकाशी से शुरू होती है. जानकारी के मुताबिक, उत्तरकाशी में हाकम सिंह पहले खाना बनाने और गाड़ी चलाने का काम करता था. इस दौरान हाकम सिंह एक प्रशासनिक अधिकारी के संपर्क में आया और उनके लिए काम करने लगा. इस बीच अधिकारी का हरिद्वार ट्रांसफर हुआ, तो हाकम भी हरिद्वार चला गया. इस बीच हाकम सिंह हरिद्वार में राजनेताओं और माफियाओं के बीच कड़ी के रूप में काम करने लगा.
उत्तरकाशी पृष्ठभूमि से आया हाकम सिंह अधिकारी का विश्वास जीतने के बाद उनका प्राइवेट ड्राइवर बन गया. इस दौरान अधिकारी के जरिए वो छोटे-बड़े नेताओं के संपर्क में आने लगा. धीरे-धीरे हरिद्वार में हाकम ने अच्छी खासी पकड़ बना ली. धीरे-धीरे समय बीता तो उसे भी खादी का खुमार चढ़ गया. इसके बाद हाकम सिंह उत्तरकाशी आ गया और साल 2008 में राजनीति के अखाड़े में दांव खेलने में जुट गया.
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2008 से शुरू हुआ राजनीतिक करियरः इस दौरान उसका संपर्क कुछ राजनेताओं से हुआ. धीरे-धीरे गांव की राजनीति करते करते वो राजधानी देहरादून के भी खूब चक्कर काटने लगा. 2008 में लिवाड़ी का ग्राम प्रधान बना और 2013 तक रहा. इसके बाद शुरू हुई उसकी अकूत संपत्ति बनाने की कहानी. इस बीच नेताओं और अफसरों के जरिए उसने आलीशाल बंगला और रिजॉर्ट बनाया. खबर है कि उसके आलीशान बंगले में आए दिन कोई ना कोई ऐसा अधिकारी या राजनेता जरूर पहुंचता था.
आलीशान रिजॉर्ट के कायल थे वीवीआईपीः उत्तरकाशी में हाकम सिंह का एक आलीशान रिजॉर्ट है. इस रिजॉर्ट की बनावट और कारीगरी को देखकर हर कोई तारीफ करता है. अपने इस रिजॉर्ट में हाकम सिंह लगातार बड़े-बड़े लोगों को इनवाइट करता था. इतना ही नहीं, अधिकारियों और राजनेताओं के संपर्क में आने पर हाकम सिंह ने खनन के काम पर भी अपना हाथ आजमाया.
अभिनय करने का शौकः हाकम सिंह को मौज मस्ती, नाच गाना और हीरो बनने का भी खूब शौक है. लिहाजा, पहाड़ी गीत-संगीत एल्बम से भी वो जुड़ा और अपने शौक को पूरा करने के लिए अपने रिजॉर्ट (सांकरी) के आसपास और उत्तरकाशी जिले में लोकल स्तर पर उसने खूब अभिनय किया. हाकम सिंह को ज्वैलरी पहनने का भी खूब शौक है. उंगलियों में सोने की अंगूठियां और गले में भारी भारी सोने की चेन हाकम सिंह की पहचान है.
नेताओं के साथ कमर में हाथ डालकर खूब खिंचाई फोटोः बीजेपी की त्रिवेंद्र सरकार में हाकम सिंह को कई राजनेताओं के साथ फोटो खिंचवाते हुए देखा गया. हालांकि, यह फोटोज तब चर्चा में आई जब एसटीएफ ने उसे पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया. शायद ही कोई ऐसा नेता होगा, जिसके साथ उसके फोटो नहीं होगी. सतपाल महाराज से लेकर धन सिंह रावत, बंशीधर भगत, अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानंद, मंत्री गणेश जोशी को हाकम सिंह बखूबी जानता था. इतना ही नहीं, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार भी उसके रिजॉर्ट में पहुंचकर समय बिता चुके हैं. इस बात की तस्दीक उनकी हाकम सिंह के साथ वायरल फोटो करती है.
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हाकम सिंह ने कबूला जुर्मः हाकम सिंह ने पूछताछ में बताया कि साल 2021 का स्नातक स्तरीय प्रश्न पत्र को लीक करवाने में उसकी अहम भूमिका थी. हाकम सिंह ने पूछताछ में उत्तर प्रदेश के रहने वाले कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि यूपी के धामपुर शहर में ही उसने अपने कई कैंडिडेट को ले जाकर प्रश्न पत्र याद करवाया था. इसके बाद जांच एजेंसी ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
भाजपा के लिए हाकम बना टेंशनः इस पूरे मामले में भले ही सरकार ने जांच एजेंसी को खुले हाथ कार्रवाई के निर्देश दिए हों, लेकिन सरकार के खिलाफ विपक्ष भी पूरी तरह मुखर है. निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग लगातार कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस भी हाकम सिंह के बहाने भाजपा को घेर रही है. कांग्रेस का कहना है कि जिस तरह से भाजपा नेताओं की नजदीकियां हाकम के साथ दिख रही हैं, वो बताता है कि अभी बड़ी मछली गिरफ्तारी से दूर है.