देहरादूनः फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. मामले में एसटीएफ ने रुड़की और पौड़ी से फरार चल रहे कोचिंग सेंटर संचालकों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. साथ ही आरोपियों की धरपकड़ में जुट गई है. वहीं, पुलिस इससे पहले घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर रिहा हुए लोगों की जमानत याचिका को कोर्ट से खारिज कराने की तैयारी में है.
गौर हो कि, बीते 16 फरवरी को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें ओएमआर सीट और पेपर लीक हो गए थे. जिसे किसी अभ्यर्थी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. जिसके बाद महकमे में हड़कंप मच गया. इस मामले में STF विंग ने आवेदकों से लाखों रुपये ऐंठ कर ब्लूटूथ जैसे माध्यम से नकल कराने वाले रुड़की और पौड़ी से फरार चल रहे कोचिंग सेंटर संचालकों की धरपकड़ तेज कर दी है.
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पुलिस की जांच पड़ताल में यह तथ्य भी सामने आया है कि रुड़की और पौड़ी स्थित कोचिंग संस्थान इससे पहले साल 2015-16 में आयोजित भर्ती के दौरान भी फर्जीवाड़े में शामिल थे. पुलिस ने अब भर्ती मामले में पहले गिरफ्तार हो चुके कोचिंग सेंटर गिरोह की जमानत को भी कानूनी प्रक्रिया के तहत कोर्ट से खारिज कराने की तैयारी कर ली है.
महानिदेशक (अपराध व कानून व्यवस्था) अशोक कुमार का कहना है कि सरकारी नौकरियों में आवेदकों से लाखों रुपये की दलाली कर फर्जीवाड़ा करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. स्पेशल टास्क फोर्स को फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा पत्र नकल संबंधी सूचना 15 फरवरी को ही मिल गई थी. जिसके आधार पर इन कोचिंग सेंटर का पर्दाफाश किया गया है.