देहरादून: उत्तराखंड में वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए ग्लोबल टेंडरिंग में हिस्सा लेने की तैयारी है. अब सरकार का पूरा फोकस ग्लोबल टेंडरिंग को लेकर दिख रहा है. बता दें कि, 24 मई को टेंडर खोलना है. इसी के बाद लोगों को लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. राज्य को 45 प्लस के लिए एक लाख वैक्सीन मिलने के बाद सेंटर पर लोगों को आसानी से वैक्सीन उपलब्ध हो सकेगी.
केंद्र सरकार के वैक्सीन राज्यों को उपलब्ध कराने के बाद अब ग्लोबल टेंडरिंग पर ही सरकार का फोकस है. पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से ग्लोबल टेंडरिंग को लेकर अधिकारियों को नामित किया गया था और ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे. 24 मई को ग्लोबल टेंडर खुलेगा. ऐसे में इससे पहले राज्य सरकार की नजर इस टेंडर पर है. हालांकि अब तक किसी भी कंपनी ने टेंडर में हिस्सा नहीं लिया है. राज्य में 6,00,000 से ज्यादा लोगों को दोनों डोज लग चुकी है. सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती 18 प्लस वालों को जल्द से जल्द वैक्सीनेशन कराना है. जबकि देशभर की तरह उत्तराखंड में भी वैक्सीन की कमी दिखाई दे रही है.
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बता दें कि, उत्तराखंड में कोरोना से मरने वालों की संख्या ज्यादा होने से राज्य में परेशानियां बढ़ी है. एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड देश में मौत दर के लिहाज से 2.73 प्रतिशत पर है. यानी देशभर में हो रही मौतों में 2.73 प्रतिशत मौतें उत्तराखंड में हो रही है. जब उत्तराखंड जनसंख्या के लिहाज से देश में कई प्रदेशों से बेहद पीछे हैं. देश में एक छोटे से राज्य में मरीजों की मौत का प्रतिशत बेहद ज्यादा होने के चलते राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार भी स्थितियों पर निगरानी रखे हुए हैं. बता दें कि देश की जनसंख्या के लिहाज से उत्तराखंड में 0.8% लोग रहते हैं. ऐसे में मौत दर का बढ़ना राज्य सरकार के लिए चिंता का सबब है और इसलिए सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से लेकर वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहती है.