देहरादून: देर रात करीब 1.30 बजे पिथौरागढ़ के धारचूला में हुई बादल फटने की घटना के बाद स्टेट डिजास्टर कंट्रोल रूम हरकत में आ गया है. लगातार बचाव और राहत कार्य के लिए कंट्रोल रूम से कमांड की जा रही है.
दरअसल, पिथौरागढ़ में देर रात हुई बादल फटने की घटना के बाद आपदा प्रबंधन तंत्र राहत और बचाव कार्य में जुटा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने उत्तराखंड सचिवालय स्थित स्टेट डिजास्टर कंट्रोल रूम का जायजा लिया और मौजूदा हालात के बारे में जानकारी ली.
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डिजास्टर कंट्रोल रूम में मौजूद ड्यूटी ऑफिसर उप सचिव आशुतोष शुक्ला ने बताया कि पिथौरागढ़ के जुम्मा गांव में देर रात तकरीबन 1.30 बजे अतिवृष्टि और बादल फटने के बाद अबतक 7 लोगों के लापता होने की सूचना है. इनमें से 3 लोगों के शव मिल चुके हैं. इसके अलावा रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है.
ड्यूटी ऑफिसर आशुतोष शुक्ला ने बताया कि सुबह 6.30 बजे कुमाऊं स्काउट धारचूला तहसील ग्राम जुम्मा से कंट्रोल रूम को फोन पर सूचना मिली थी. बताया गया था कि जुम्मा गांव के तोक जामुनी और तोक सिरौउड़यार में बादल फटने से 5 लोग लापता हैं. स्थानीय ग्रामीणों और एसएसबी की टीम ने खोजबीन के दौरान तीन शव बरामद कर लिए. दो लापता व्यक्तियों की खोजबीन जारी है. इसके अलावा वहां पर तीन मकान बह गये हैं. दो मकानों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है. सिरौउड़यार में भी 2 महिलाएं लापता हैं और दो मकानों के क्षतिग्रस्त हैं.
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आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 3 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है. 4 व्यक्तियों के लापता होने की सूचना है. इस घटना की वजह से तकरीबन 7 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा धारचूला पुलिस टीम, एसडीआरएफ टीम और तहसीलदार धारचूला से राजस्व टीम घटनास्थल पर मौजूद है. लगातार रेस्क्यू का काम जारी है. बता दें कि जिन तीन शवों को बरामद कर लिया गया है वो जामुनी तोक (ग्राम जुम्मा) की 3 बालिकाएं हैं, जिनकी उम्र 18 वर्ष, 15 वर्ष व एक छोटी बच्ची भी शामिल है.