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मुकदमा दर्ज होने से नाराज राज्य आंदोलनकारी, प्रदेशभर में फूकेंगे सरकार का पुतला

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Published : Jul 17, 2021, 7:18 PM IST

14 जुलाई को राज्य आंदोलनकारियों के घेराव करने के दौरान उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसी को लेकर आक्रोशित आंदोलनकारी 18, 19 और 20 जुलाई को प्रदेशभर में राज्य सरकार का पुतला दहन करेंगे.

Dehradun
राज्य आंदोलनकारी फूकेंगे राज्य सरकार का पुतला

देहरादून: बीती 14 जुलाई को राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर राजभवन का घेराव किया था. उस दौरान आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए थे. इसी को लेकर प्रदेश भर के आंदोलनकारी 18, 19 और 20 जुलाई को प्रदेश भर में प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप का कहना है कि उत्तराखंड का गठन आंदोलनकारियों की देन है. लेकिन बड़े खेद की बात है कि प्रदेश सरकार की ओर से विपक्षी दलों को तो निशाना बनाया ही जा रहा था, अब प्रदेश सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को भी टारगेट करना शुरू कर दिया है. धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि सरकार को राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10% क्षैतिज आरक्षण (Horizontal Reservation) लागू करना चाहिए था, लेकिन आंदोलनकारियों से जुड़ा क्षैतिज आरक्षण अधिनियम से संबंधित एक्ट आज तक लागू नहीं किया गया. इसका खामियाजा अब नौजवानों को भुगतना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: AAP ने 'यूनिक बिजली गारंटी कार्ड' अभियान से फूंका चुनावी बिगुल, 350 वाहन किए रवाना

उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारी कई सालों से उचित पेंशन दिए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना करती आ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया शुरू करवानी चाहिए थी, लेकिन प्रदेश सरकार इसके ठीक उलट उन पर मुकदमा दर्ज करवा रही है. जो कि सरासर अन्याय है. वहीं, राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि इन मुद्दों पर अब आंदोलनकारी बिल्कुल भी चुप नहीं बैठेंगे.

ये भी पढ़ें: भू-कानून के पक्ष में मंत्री हरक, जल्द भरेंगे फॉरेस्ट गार्ड के 1300 और फॉरेस्टर के 350 पद

राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि जब वो प्रदेश सरकार के खिलाफ शांति से विरोध प्रदर्शन करते हैं, तो सरकार उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करा देती है. आंदोलनकारियों ने बताया कि 18 जुलाई को सभी राज्य आंदोलनकारियों देहरादून स्थित शहीद स्मारक पर विभिन्न विषयों को लेकर बैठक करेंगे, जिसमें आगामी रणनीतियों पर गहन चर्चा की जाएगी.

देहरादून: बीती 14 जुलाई को राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर राजभवन का घेराव किया था. उस दौरान आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए थे. इसी को लेकर प्रदेश भर के आंदोलनकारी 18, 19 और 20 जुलाई को प्रदेश भर में प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे.

राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप का कहना है कि उत्तराखंड का गठन आंदोलनकारियों की देन है. लेकिन बड़े खेद की बात है कि प्रदेश सरकार की ओर से विपक्षी दलों को तो निशाना बनाया ही जा रहा था, अब प्रदेश सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को भी टारगेट करना शुरू कर दिया है. धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि सरकार को राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10% क्षैतिज आरक्षण (Horizontal Reservation) लागू करना चाहिए था, लेकिन आंदोलनकारियों से जुड़ा क्षैतिज आरक्षण अधिनियम से संबंधित एक्ट आज तक लागू नहीं किया गया. इसका खामियाजा अब नौजवानों को भुगतना पड़ रहा है.

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उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारी कई सालों से उचित पेंशन दिए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना करती आ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया शुरू करवानी चाहिए थी, लेकिन प्रदेश सरकार इसके ठीक उलट उन पर मुकदमा दर्ज करवा रही है. जो कि सरासर अन्याय है. वहीं, राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि इन मुद्दों पर अब आंदोलनकारी बिल्कुल भी चुप नहीं बैठेंगे.

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राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि जब वो प्रदेश सरकार के खिलाफ शांति से विरोध प्रदर्शन करते हैं, तो सरकार उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करा देती है. आंदोलनकारियों ने बताया कि 18 जुलाई को सभी राज्य आंदोलनकारियों देहरादून स्थित शहीद स्मारक पर विभिन्न विषयों को लेकर बैठक करेंगे, जिसमें आगामी रणनीतियों पर गहन चर्चा की जाएगी.

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