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खेल नीति 2020 को मिली मंजूरी, जानिए कौन सा पदक जीतने पर कितना मिलेगा पुरस्कार

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में खेल नीति 2020 को मंजूरी दे दी गई है. इस खेल नीति के तहत विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करने पर उन्हें नगद पुरस्कार दिया जाएगा. जानिए किस खेल में कौन सा पदक जीतने पर कितना मिलेगा पुरस्कार.

dehradun news
मदन कौशिक
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Published : Oct 14, 2020, 8:23 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के खिलाड़ियों की ओर से विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर नगद पुरस्कार दिया जाएगा. जी हां, उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य के साथ ही खिलाड़ियों को एक बेहतर और सुरक्षित प्लेटफार्म उपलब्ध कराने को लेकर नई खेल नीति को तैयार कर दिया है. जिसे बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी भी मिल गई है. हालांकि, खेल नीति में वित्त से जुड़े प्रावधान के लिए वित्त विभाग को आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसे वित्तीय प्रावधान को नई खेल नीति में शामिल किया जाएगा.

खेल नीति 2020 पर बोलते शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक .

नई खेल नीति में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान किया गया है.

पदक विजेताओं को पुरस्कार का प्रावधान

खेल स्वर्ण पदक (राशि)रजत पदक (राशि)कांस्य पदक (राशि)प्रतिभागियों को राशि (राशि)
ओलंपिक खेल ₹2 करोड़₹1.50 करोड़₹1 करोड़₹10 लाख
विश्व कप₹30 लाख₹20 लाख ₹15 लाख ₹2 लाख
एशियन खेल ₹30 लाख₹20 लाख₹15 लाख₹1 लाख
राष्ट्रमंडल खेल ₹20 लाख₹15 लाख₹10 लाख₹75 हजार
एशियन चैंपियनशिप₹12 लाख₹8 लाख₹6 लाख -
कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप₹6 लाख₹4 लाख₹3 लाख-
यूथ ओलंपिक₹6 लाख₹4 लाख₹3 लाख-
सैफ खेल₹6 लाख₹4 लाख₹3 लाख-
राष्ट्रीय खेल₹6 लाख₹4 लाख₹3 लाख-
यूथ राष्ट्रमंडल ₹4 लाख₹3 लाख₹2 लाख-
यूथ एशियन ₹4 लाख₹3 लाख₹2 लाख-
राष्ट्रीय चैंपियनशिप₹2 लाख₹1 लाख₹75 हजार-

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड कैबिनेट की अहम बैठक, 17 प्रस्तावों पर लगी मुहर

नई खेल नीति के मुख्य बिंदु-

  • खेल संस्कृति के विकास हेतु व्यापक जन जागरूकता अभियान 'खेल-खेल में' शुरू किया जाएगा.
  • खेलों में नागरिकों के जीवन में योग को समावेशित करने हेतु विविध स्तरों पर 'योग से निरोग' कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.
  • खेलों को प्राथमिकता के आधार पर विभाजित कर 5-10-15 वर्षों की खेल विकास योजना प्रयोग में लाई जाएगी.
  • राज्य में ग्राम स्तर से नगर निगम क्षेत्र तक खेल अवस्थापना सुविधा विकसित की जायेगी और 'राज्य खेल ग्रिड' नामक नेटवर्क बनाया जाएगा.
  • खेल प्रतिभाओं के कौशल विकास हेतु 'Catch them Young की नीति का प्रयोग कर ग्रामीण स्तर से लेकर उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए 'अंतरराष्ट्रीय खेल विनिमय कार्यक्रम संचालित किया जाएगा.
  • खिलाड़ियों को प्राथमिक प्रशिक्षण सुविधा अंतर्विभागीय सहयोग के माध्यम से उच्च स्तरीय प्रशिक्षण Center of Excellence में उपलब्ध कराया जाएगा.
  • खिलाड़ियों को खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराने के लिए न्याय पंचायत से राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं के आयोजन का विस्तार किया जाएगा. महिला एवं दिव्यांग खेलकूद को समेकित रूप से विस्तारित किया जाएगा.
  • महिलाओं को खेलों से जोड़ने और उनमें आत्मरक्षा की भावना विकसित करने के दृष्टिगत बॉक्सिंग, जूडो, कराटे, ताइक्वांडो, किक बॉक्सिंग जैसे खेलों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  • खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न स्तरों पर पदक विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार उपलब्ध कराया जाएगा.
  • उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं को 'देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार' के साथ 'हिमालय पुत्र खेल पुरस्कार प्रदान किये जायेगें।
  • खिलाड़ियों के कल्याणार्थ बीमा/आर्थिक सहायता खेल उपकरणों/किट के लिए अनुदान एवं राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
  • उदीयमान खिलाड़ियों को खेल में आगे लाने और मनोबल के विकास हेतु 8 से 14 साल के बालक-बालिकाओं को 'मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति' उपलब्ध कराई जाएगी.
  • खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को खेल संबंधी आवश्यकता उन्नयन व प्रोत्साहन संबंधी कार्यों हेतु 'एकल खिड़की समाधान योजना शुरू की जाएगी.
  • खिलाड़ियों को खेल में पूर्ण मनोयोग से जुड़ने हेतु उनके कैरियर में सहयोग देने हेतु महाविद्यालयों/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश हेतु 5 प्रतिशत कोटा उपलब्ध कराया जाएगा.
  • उत्कृष्ट खिलाड़ियों/पदक विजेताओं को उनकी प्रतियोगिता के स्तर के अनुरूप विशेष नियुक्ति उपलब्ध करायी जाएगी. जिससे राज्य में खेलों के विकास हेतु विस्तार मिलेगा.
  • राज्याधीन सेवारत खिलाड़ियों को उनके खेलों में प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न सुविधायें उपलब्ध कराई जाएंगी
  • खेल क्षेत्र से जुड़े स्वरोजगार को विकसित करने विभिन्न स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम खेल विभाग की ओर से खेल विकास संस्थान के माध्यम से आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है.
  • खेलों के विकास में अवस्थापना सुविधा विकास, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में खेल प्रोत्साहन, प्रतियोगिताओं हेतु निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा.

देहरादूनः उत्तराखंड के खिलाड़ियों की ओर से विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर नगद पुरस्कार दिया जाएगा. जी हां, उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य के साथ ही खिलाड़ियों को एक बेहतर और सुरक्षित प्लेटफार्म उपलब्ध कराने को लेकर नई खेल नीति को तैयार कर दिया है. जिसे बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी भी मिल गई है. हालांकि, खेल नीति में वित्त से जुड़े प्रावधान के लिए वित्त विभाग को आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसे वित्तीय प्रावधान को नई खेल नीति में शामिल किया जाएगा.

खेल नीति 2020 पर बोलते शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक .

नई खेल नीति में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान किया गया है.

पदक विजेताओं को पुरस्कार का प्रावधान

खेल स्वर्ण पदक (राशि)रजत पदक (राशि)कांस्य पदक (राशि)प्रतिभागियों को राशि (राशि)
ओलंपिक खेल ₹2 करोड़₹1.50 करोड़₹1 करोड़₹10 लाख
विश्व कप₹30 लाख₹20 लाख ₹15 लाख ₹2 लाख
एशियन खेल ₹30 लाख₹20 लाख₹15 लाख₹1 लाख
राष्ट्रमंडल खेल ₹20 लाख₹15 लाख₹10 लाख₹75 हजार
एशियन चैंपियनशिप₹12 लाख₹8 लाख₹6 लाख -
कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप₹6 लाख₹4 लाख₹3 लाख-
यूथ ओलंपिक₹6 लाख₹4 लाख₹3 लाख-
सैफ खेल₹6 लाख₹4 लाख₹3 लाख-
राष्ट्रीय खेल₹6 लाख₹4 लाख₹3 लाख-
यूथ राष्ट्रमंडल ₹4 लाख₹3 लाख₹2 लाख-
यूथ एशियन ₹4 लाख₹3 लाख₹2 लाख-
राष्ट्रीय चैंपियनशिप₹2 लाख₹1 लाख₹75 हजार-

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नई खेल नीति के मुख्य बिंदु-

  • खेल संस्कृति के विकास हेतु व्यापक जन जागरूकता अभियान 'खेल-खेल में' शुरू किया जाएगा.
  • खेलों में नागरिकों के जीवन में योग को समावेशित करने हेतु विविध स्तरों पर 'योग से निरोग' कार्यक्रम शुरू किया जाएगा.
  • खेलों को प्राथमिकता के आधार पर विभाजित कर 5-10-15 वर्षों की खेल विकास योजना प्रयोग में लाई जाएगी.
  • राज्य में ग्राम स्तर से नगर निगम क्षेत्र तक खेल अवस्थापना सुविधा विकसित की जायेगी और 'राज्य खेल ग्रिड' नामक नेटवर्क बनाया जाएगा.
  • खेल प्रतिभाओं के कौशल विकास हेतु 'Catch them Young की नीति का प्रयोग कर ग्रामीण स्तर से लेकर उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए 'अंतरराष्ट्रीय खेल विनिमय कार्यक्रम संचालित किया जाएगा.
  • खिलाड़ियों को प्राथमिक प्रशिक्षण सुविधा अंतर्विभागीय सहयोग के माध्यम से उच्च स्तरीय प्रशिक्षण Center of Excellence में उपलब्ध कराया जाएगा.
  • खिलाड़ियों को खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराने के लिए न्याय पंचायत से राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं के आयोजन का विस्तार किया जाएगा. महिला एवं दिव्यांग खेलकूद को समेकित रूप से विस्तारित किया जाएगा.
  • महिलाओं को खेलों से जोड़ने और उनमें आत्मरक्षा की भावना विकसित करने के दृष्टिगत बॉक्सिंग, जूडो, कराटे, ताइक्वांडो, किक बॉक्सिंग जैसे खेलों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  • खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न स्तरों पर पदक विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार उपलब्ध कराया जाएगा.
  • उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं को 'देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार' के साथ 'हिमालय पुत्र खेल पुरस्कार प्रदान किये जायेगें।
  • खिलाड़ियों के कल्याणार्थ बीमा/आर्थिक सहायता खेल उपकरणों/किट के लिए अनुदान एवं राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
  • उदीयमान खिलाड़ियों को खेल में आगे लाने और मनोबल के विकास हेतु 8 से 14 साल के बालक-बालिकाओं को 'मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति' उपलब्ध कराई जाएगी.
  • खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को खेल संबंधी आवश्यकता उन्नयन व प्रोत्साहन संबंधी कार्यों हेतु 'एकल खिड़की समाधान योजना शुरू की जाएगी.
  • खिलाड़ियों को खेल में पूर्ण मनोयोग से जुड़ने हेतु उनके कैरियर में सहयोग देने हेतु महाविद्यालयों/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश हेतु 5 प्रतिशत कोटा उपलब्ध कराया जाएगा.
  • उत्कृष्ट खिलाड़ियों/पदक विजेताओं को उनकी प्रतियोगिता के स्तर के अनुरूप विशेष नियुक्ति उपलब्ध करायी जाएगी. जिससे राज्य में खेलों के विकास हेतु विस्तार मिलेगा.
  • राज्याधीन सेवारत खिलाड़ियों को उनके खेलों में प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न सुविधायें उपलब्ध कराई जाएंगी
  • खेल क्षेत्र से जुड़े स्वरोजगार को विकसित करने विभिन्न स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम खेल विभाग की ओर से खेल विकास संस्थान के माध्यम से आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है.
  • खेलों के विकास में अवस्थापना सुविधा विकास, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में खेल प्रोत्साहन, प्रतियोगिताओं हेतु निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा.
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