देहरादून: उत्तराखंड खेल विभाग की नाक में दम करने वाली तीनों सक्रिय क्रिकेट एसोसिएशन के साथ शुक्रवार को खेल मंत्री अरविंद पांडे ने बैठक की. खेल मंत्री अरविंद पांडे ने निजी हितों के लिए उत्तराखंड के क्रिकेट को बर्बाद कर रहीं इन क्रिकेट एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से प्रदेश के हित में काम करने को कहा. उन्होंने सभी से अनुरोध किया है कि वो अपने हित के लिए सोचने के बजाय उत्तराखंड के उभरते खिलाड़ियों के बारे में सोचकर एक होने को कहा है.
दरअसल, उत्तराखंड के गठन के 18 साल बाद भी बीसीसीआई से यहां किसी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं मिल पाई है. इसकी वजह है उत्तराखंड के तीन क्रिकेट एसोसिएशन. इन तीनों एसोसिएशन की वजह से किसी संघ को मान्यता नहीं मिल पाई और उत्तराखंड के युवा क्रिकेट खिलाड़ियों को खेल के मौके नहीं मिल पा रहे हैं. खेल मंत्री अरविंद पांडे ने बैठक में भी एक क्रिकेट एसोसिएशन बनाने पर जोर दिया.
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अरविंद पांडे ने कहा कि एक क्रिकेट संघ बनाने के लिए तीनों एसोसिएशन से कहा गया है. उन्होंने कहा कि तीनों संघ के सभी पदाधिकारियों ने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया, लेकिन आपस में एक नहीं हो पा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी एक साथ आएंगे और उत्तराखंड के एक क्रिकेट संघ के लिए कदम उठाएंगे. खेल मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बातचीत की जा रही है. उम्मीद है खिलाड़ियों के भविष्य को देखते हुए अपने निजी हितों और आपसी लड़ाई छोड़कर क्रिकेट एसोसिएशन एक संघ के लिए राजी हो जाएंगे.
बता दें कि खेल मंत्री अरविंद पांडे के कुर्सी संभालने के बाद काफी हद तक एसोसिएशन की मनमर्जी पर रोक लगाने की कोशिश की है. इसका असर यह हुआ कि बीसीसीआई ने उत्तराखंड को बिना मान्यता दिए ही उत्तराखंड क्रिकेट कंसेंसस कमेटी का गठन कर बीच का रास्ता निकाला गया. अब यहां के खिलाड़ियों को घरेलू सत्र में शामिल किया जाएगा. हालांकि एसोसिएशन की आपसी लड़ाई के चलते अभी भी मान्यता को लेकर प्रक्रिया में परेशानी आ रही है.
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इसी को देखते हुए खेल मंत्री अरविंद पांडे ने तीनों क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों को विधानसभा में बुलाकर उन्हें एक मत कर एक संघ तैयार करने की दिशा में काम करने को कहा. हालांकि सरकार के प्रयास से पहले ही क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड और यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन को आपस में मर्ज किया जा चुका है. लेकिन, अभी भी उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अलग रहने से दोनों में लड़ाई जारी है.