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शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, कार्यमंत्रणा में एजेंडा तय, सदन में आएंगे ये अध्यादेश-विधेयक - सरकार अनुपूरक बजट सदन में लेकर आएगी

29 नवंबर से उत्तराखंड का शीतकालीन सत्र शुरू होगा, जिसको लेकर आज सर्वदलीय और कार्यमंत्रणा बैठक की गई. बैठक में आगामी दो दिन का बिजनेस तय किया गया और सभी से सदन को सुचारू चलाने की उम्मीद की गई.

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Published : Nov 28, 2022, 5:47 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र (winter session of uttarakhand assembly) शुरू होने से पहले आज विधानसभा में स्पीकर ऋतु खंडूड़ी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक (All party meeting chaired by Speaker Ritu Khanduri) आयोजित हुई. बैठक में सभी दलों के नेता मौजूद रहे. इसके बाद कार्यमंत्रणा की बैठक में सदन का बिजनेस और एजेंडा तय (House business and agenda fixed) किया गया. जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि मंगलवार (29 नवंबर) को सत्र के पहले दिन भोजन अवकाश के बाद शाम 4 बजे अनुपूरक बजट सदन में रखा जाएगा. इसके अलावा एक अध्यादेश 6 विधेयक और एक असरकारी विधेयक भी सदन में आएगा.

इसके अलावा सर्वदलीय बैठक के बारे में जानकारी देते हुए स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के दौरान उनकी सभी नेताओं से अच्छी बातचीत हुई है. उन्होंने सभी से निवेदन किया है कि सदन में अपनी बातों को अच्छे से रखें ताकि क्षेत्र की सभी समस्याएं विधानसभा के पटल पर आ सकें. उन्होंने कहा कि सभी विधायक शांतिपूर्ण अपनी बात रखें और अपने शब्दों की मर्यादा का भी ध्यान रखें. सदन एक गरिमापूर्ण जगह है और वहां पर विधायकों का आचरण इस तरह से ना हो जिससे विधानसभा की गरिमा पर ठेस पहुंचे.

वहीं, वर्तमान विधानसभा सचिव के निलंबन के बाद अगले सचिव की नियुक्ति को लेकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि अगले विधानसभा सत्र तक स्थायी सचिव की नियुक्ति कर दी जाएगी. इसके लिए प्रक्रिया जारी है. विधानसभा बैक डोर भर्ती (Vidhansabha Back Door Recruitment) मामले में निलंबित पूर्व सचिव मुकेश सिंघल को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है और उनसे जवाब मांगा गया है. सचिव ने जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा है, उनका जवाब मिलते ही अगली कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने कहा कि सदन 5 दिसंबर तक चलेगा लेकिन वो चाहते हैं कि सदन को और आगे तक चलाया जाए. उन्होंने कहा, विपक्ष के तौर पर वो चाहते हैं कि प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर बहस हो. इन 9 महीनों की सरकार में किसी भी तरह की उपलब्धि सरकार के पास बताने के लिए नहीं है, जिस पर वह सवाल पूछना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए सरकार की मंशा इस बात से देखी जाएगी कि वह कितना सदन को चलाती है.

सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार अनुपूरक बजट सदन में लेकर आएगी (Government will bring supplementary budget) और जिन विभागों में बजट की कमी है और विकास कार्यों में बाधा आ सकती है वो सारे काम हो पाएंगे. उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा कि विपक्ष के लोगों को पूरा मौका दिया जाएगा वो अपनी बात रखें और बहस करें, लेकिन अब तक विपक्ष पूरे सत्र को हंगामे की भेंट कर देते हैं और कभी भी स्वस्थ बहस नहीं करते हैं.

अध्यादेश जो पहले दिन सदन के पटल पर रखे जाएंगे
उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901) (संशोधन) अध्यादेश 2022

ये विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे
बंगाल आगरा और आसाम सिविल न्यायालय (उत्तराखंड संशोधन और अनुपूरक उपबंध) विधेयक 2022.
पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022.
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022.
भारतीय स्टांप (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक 2022.
उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधायक 2022.

असरकारी विधेयक सदन के पटल पर रखा जाएगा
उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चयनित अधिक आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधयेक 2022.

विधानसभा सत्र के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. कल से देहरादून में शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने जा रही है. ऐसे में सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने रणनीति तैयार कर ली है. विपक्ष विभिन्न मुद्दों को सत्र में उठाने जा रहा है. आज शाम कांग्रेस विधानमंडल दल की भी बैठक बुलाई गई है.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा सत्र की अवधि कम रखी गई है. जिससे विधयेकों पर चर्चा करने का मौका कम मिलेगा. उन्होंने कहा प्रदेश के कई ज्वलंत मुद्दों को विपक्ष सदन में उठाने जा रहा है. कांग्रेस सत्र में प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई ,भर्ती घोटाले, आपदा प्रभावित क्षेत्रों की अनदेखी जैसे तमाम विषय उठाने जा रही है.

यशपाल आर्य ने कहा निश्चित रूप से विधानसभा सत्र की समयावधि बढ़ानी चाहिए. यह अंतरिम बजट है और इस में चर्चा नहीं होती है, लेकिन बिजनेस को बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं रह गई है. इसलिए जनता के लिए यह सवाल महत्वपूर्ण है कि सरकार क्यों विफल हुई है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र (winter session of uttarakhand assembly) शुरू होने से पहले आज विधानसभा में स्पीकर ऋतु खंडूड़ी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक (All party meeting chaired by Speaker Ritu Khanduri) आयोजित हुई. बैठक में सभी दलों के नेता मौजूद रहे. इसके बाद कार्यमंत्रणा की बैठक में सदन का बिजनेस और एजेंडा तय (House business and agenda fixed) किया गया. जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि मंगलवार (29 नवंबर) को सत्र के पहले दिन भोजन अवकाश के बाद शाम 4 बजे अनुपूरक बजट सदन में रखा जाएगा. इसके अलावा एक अध्यादेश 6 विधेयक और एक असरकारी विधेयक भी सदन में आएगा.

इसके अलावा सर्वदलीय बैठक के बारे में जानकारी देते हुए स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के दौरान उनकी सभी नेताओं से अच्छी बातचीत हुई है. उन्होंने सभी से निवेदन किया है कि सदन में अपनी बातों को अच्छे से रखें ताकि क्षेत्र की सभी समस्याएं विधानसभा के पटल पर आ सकें. उन्होंने कहा कि सभी विधायक शांतिपूर्ण अपनी बात रखें और अपने शब्दों की मर्यादा का भी ध्यान रखें. सदन एक गरिमापूर्ण जगह है और वहां पर विधायकों का आचरण इस तरह से ना हो जिससे विधानसभा की गरिमा पर ठेस पहुंचे.

वहीं, वर्तमान विधानसभा सचिव के निलंबन के बाद अगले सचिव की नियुक्ति को लेकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि अगले विधानसभा सत्र तक स्थायी सचिव की नियुक्ति कर दी जाएगी. इसके लिए प्रक्रिया जारी है. विधानसभा बैक डोर भर्ती (Vidhansabha Back Door Recruitment) मामले में निलंबित पूर्व सचिव मुकेश सिंघल को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है और उनसे जवाब मांगा गया है. सचिव ने जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा है, उनका जवाब मिलते ही अगली कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Leader of Opposition Yashpal Arya) ने कहा कि सदन 5 दिसंबर तक चलेगा लेकिन वो चाहते हैं कि सदन को और आगे तक चलाया जाए. उन्होंने कहा, विपक्ष के तौर पर वो चाहते हैं कि प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर बहस हो. इन 9 महीनों की सरकार में किसी भी तरह की उपलब्धि सरकार के पास बताने के लिए नहीं है, जिस पर वह सवाल पूछना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए सरकार की मंशा इस बात से देखी जाएगी कि वह कितना सदन को चलाती है.

सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार अनुपूरक बजट सदन में लेकर आएगी (Government will bring supplementary budget) और जिन विभागों में बजट की कमी है और विकास कार्यों में बाधा आ सकती है वो सारे काम हो पाएंगे. उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा कि विपक्ष के लोगों को पूरा मौका दिया जाएगा वो अपनी बात रखें और बहस करें, लेकिन अब तक विपक्ष पूरे सत्र को हंगामे की भेंट कर देते हैं और कभी भी स्वस्थ बहस नहीं करते हैं.

अध्यादेश जो पहले दिन सदन के पटल पर रखे जाएंगे
उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901) (संशोधन) अध्यादेश 2022

ये विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे
बंगाल आगरा और आसाम सिविल न्यायालय (उत्तराखंड संशोधन और अनुपूरक उपबंध) विधेयक 2022.
पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022.
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022.
भारतीय स्टांप (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक 2022.
उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधायक 2022.

असरकारी विधेयक सदन के पटल पर रखा जाएगा
उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चयनित अधिक आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधयेक 2022.

विधानसभा सत्र के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. कल से देहरादून में शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने जा रही है. ऐसे में सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने रणनीति तैयार कर ली है. विपक्ष विभिन्न मुद्दों को सत्र में उठाने जा रहा है. आज शाम कांग्रेस विधानमंडल दल की भी बैठक बुलाई गई है.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा सत्र की अवधि कम रखी गई है. जिससे विधयेकों पर चर्चा करने का मौका कम मिलेगा. उन्होंने कहा प्रदेश के कई ज्वलंत मुद्दों को विपक्ष सदन में उठाने जा रहा है. कांग्रेस सत्र में प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई ,भर्ती घोटाले, आपदा प्रभावित क्षेत्रों की अनदेखी जैसे तमाम विषय उठाने जा रही है.

यशपाल आर्य ने कहा निश्चित रूप से विधानसभा सत्र की समयावधि बढ़ानी चाहिए. यह अंतरिम बजट है और इस में चर्चा नहीं होती है, लेकिन बिजनेस को बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं रह गई है. इसलिए जनता के लिए यह सवाल महत्वपूर्ण है कि सरकार क्यों विफल हुई है.

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