देहरादून: उत्तराखंड में ब्यूरोक्रेसी पर अक्सर आरोप लगता रहता है कि वो माननीयों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं. इस तरह के मुद्दे कई बार विधानसभा में सत्र के दौरान उठ चुके हैं. ऐसे ही एक मुद्दे को किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने विशेषाधिकार हनन के तहत उठाया, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने पीठ से राज्य के सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वो हर विधायक को माननीय विधायक जी कहकर संबोधित करेंगे.
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इस मामले पर जब कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि हाल ही में उनके विधानसभा क्षेत्र किच्छा में रुद्रपुर नगर निगम का एक कार्यक्रम हुआ था. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री सहित तमाम स्थानीय नेताओं को निमंत्रण भी भेजा गया था. कार्यक्रम के पोस्टर और बैनरों पर नेताओं का नाम भी छपा था, लेकिन स्थानीय विधायक को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया.
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कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने कहा कि इस मामले को उन्होंने विधानसभा के मॉनसून सत्र में उठाया, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने पीठ से विधायक के सम्मान और प्रोटोकॉल को लेकर के दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसमें साफ किया गया है कि सरकारी अधिकारी विधायकों को किस तरह से तवज्जो और सम्मान देंगे. नए दिशा-निर्देशों के बाद अब अधिकारी और कर्मचारी विधानसभा के सदस्य को माननीय विधायक जी कहकर संबोधित करेंगे.
इसके अलावा सदन में कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने विधायक निधि को लेकर भी सरकार पर आरोप लगाया. तिलक राज बेहड़ का कहना है कि इस साल के 8 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक विपक्ष के विधायकों की विधायक निधि रिलीज नहीं की गई है. उनका कहना है कि यदि विधायक निधि रिलीज नहीं की जाएगी तो वह जनता के बीच में कैसे जाएंगे, ये सोचने वाली बात है. इस विषय को भी उन्होंने सदन में विशेषाधिकार हनन के तहत उठाया था.
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तिलक राज बेहड़ ने आगे बताया कि रुद्रपुर नगर निगम में जमीनों को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, जिसको लेकर वो सदन में नियम 310 या फिर 300 के उठाएंगे. उनका पूरा प्रयास होगा कि इस मुद्दों को नियम 310 या फिर 300 के तहत सदन में सुना जाए और सदन को पता चले कि किस तरह से मैदानी इलाकों में जमीनों को लेकर के फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.