देहरादून/चमोलीः प्रदेश में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. चमोली मे बादल फटने की घटना से लांखी, बांजबगड़ और आली गांव में 3 बच्चे समेत एक महिला, एक युवक और एक युवती की मौत हो गई है. जबकि दो अन्य लोग घायल हैं. वहीं इस घटना से गांव के पैदल रास्ते और पेयजल और विद्युत लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के चलते चुफ्लागाड़ नदी के उफान पर आने से घाट बाजार में चार दुकानें नदी के बहाव में बह गईं. इस आपदा में कई लोग लापता और कई मलबे में दबे बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
प्रदेश के कई इलाकों में पिछले 48 घंटों से लगातार बारिश हो रही है. इसी क्रम में चमोली जिले की घाट तहसील से 4 जगहों पर बादल फटने और भारी बारिश से हुई घटनाओं में 6 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. चमोली के अलावा प्रदेश के कई हिस्सों से भी नुकसान की खबरें सामने आई हैं.
पढ़ेंः चमोली में बादल फटने से भारी तबाही, दो लोगों की मौत, कई मलबे में दबे
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, आसमानी आफत से चमोली जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. जहां सोमवार सुबह घाट तहसील में बादल फटने और भारी बारिश के चलते 3 जगहों पर नुकसान की सूचना मिली है. चमोली जिले के घाट तहसील में बांजबगड़, अलीगांव और लखीगांव में भारी बारिश और बादल फटने के चलते तीन मकान और एक गोशाला मलबे में तब्दील हो गई. इस हादसे में अब तक 6 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
बादल फटने की सूचना मिलने पर प्रशासन पुलिस और एसडीआरफ की टीम के साथ स्थानीय लोगों द्वारा लांखी और बांजबगड़ पहुंचकर मलबे में दबे सभी शवों को रेस्क्यू कर बांजबगड़ के पंचायत भवन पहुंचाया है. जहां पर डॉक्टरों की टीम ने शवों का पोस्टमार्टम किया. जबकि घाट बाजार में नदी के किनारे करीब 30 दुकानों को प्रशासन द्वारा सुरक्षा को मध्यनजर खाली करवाया गया है.
घटना में घर में मौजूद शंकर लाल की 8 वर्षीय बेटी आरती और 6 वर्षीय अंजली और 24 वर्षीय अजय पुत्र सुरेंद्र लाल निवासी नोरख पीपलकोटी कि मलबे में दबने से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. 6 घंटे की मशक्कत के बाद स्थानीय और एसडीआरएफ द्वारा शवों को दोपहर 12:00 बजे तक निकाला जा सका. इस दौरान बांजबगड़ गांव में हुए भूस्खलन से स्थानीय निवासी अब्बल सिंह के आवासीय भवन का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया है. घटना में अब्बल सिंह की 33 वर्षीय पत्नी रूपा देवी और 9 माह की बेटी चंदा की भी मलबे में दबने से मौत हो गई. जबकि आली गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से नैनू राम का भवन क्षतिग्रस्त होने से उसकी 20 वर्षीय पुत्री नोरती की भी मौत हो गई. घटना में दो गौशालाओं के क्षतिग्रस्त होने से 45 बकरियां दो गाय एक बछड़ा जिंदा दफन हो गए.
पढ़ेंः पहाड़ों पर बढ़ सकती है मुश्किलें, उत्तराखंड के 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
ईटीवी भारत की टीम पहुंची स्टेट कंट्रोल रूम
ईटीवी भारत की टीम ने उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के स्टेट कंट्रोल रूम का जायजा लिया. स्टेट कंट्रोल रूम में मौजूद नोडल अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेशभर की तमाम छोटी-बड़ी घटनाओं पर नजर रखी जा रही है और सभी जगह बचाव और रेस्क्यू का काम लगातार जारी है.