ऋषिकेश: शिवरात्रि का मौका है और उत्तर प्रदेश में चुनाव का प्रचार प्रसार तेजी के साथ चल रहा है. योगी आदित्यनाथ एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में उनकी बड़ी बहन शशि नीलकंठ महादेव से रोज प्रार्थना करती हैं कि उसका छोटा भाई एक बार फिर उत्तर प्रदेश की कमान संभाले.
यमकेश्वर में स्थित नीलकंठ महादेव वैसे तो पूरे विश्व में भक्तों की मुराद पूरी करते हैं लेकिन स्थानीय लोगों की आस्था नीलकंठ महादेव और यमकेश्वर महादेव में बहुत ज्यादा है. योगी आदित्यनाथ भी यमकेश्वर क्षेत्र के ही निवासी हैं. उनका जन्म यमकेश्वर के एक छोटे से गांव पंचूर में हुआ था. यमकेश्वर महादेव अपने गुरु की शरण में आकर योगी आदित्यनाथ ने संन्यास ग्रहण कर लिया और अपने गुरु की धार्मिक विरासत को संभालते हुए राजनीतिक में भी अपना लोहा मनवाया. इस बार एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश का इलेक्शन लड़ा जा रहा है. ईटीवी भारत अपने दर्शकों को योगी आदित्यनाथ की बड़ी बहन शशि का वो पुराना इंटरव्यू दिखा रहा है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन को लेकर बड़े ही बेबाकी से बातचीत की थी.
योगी आदित्यनाथ का परिवार अभी भी यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव में रहता है. पिता का अभी कुछ समय पहले ही देहांत हुआ था. 7 भाई बहनों में शशि सबसे बड़ी और योगी पांचवें नंबर के हैं. योगी आदित्यनाथ की बहन शशि का विवाह कोठार गांव के पूरण सिंह पयाल से हुआ, जिनकी एक छोटी सी दुकान है.
शशि अपने पति के साथ अपने गांव से रोज ढाई किलोमीटर दूर नीलकंठ महादेव में पहुंचते हैं. यहां उनकी एक छोटी सी दुकान है, जिसमें प्रसाद और खाने-पीने की वस्तुएं नीलकंठ आने वाले श्रद्धालुओं को मिल जाती है, जिसको वह सुबह 7:00 बजे खोलते हैं. शशि का कहना है कि वह रोज अपने भाई की उन्नति के लिए नीलकंठ महादेव से प्रार्थना करती हैं. उसका सपना है एक बार फिर भाई के माथे पर विजय तिलक सुशोभित हो और नीलकंठ महादेव भाई को बहुमत के साथ विजयी बनाएं.
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योगी आदित्यनाथ की बहन शशि का कहना है कि 28 साल से भाई की कलाई पर उन्होंने राखी नहीं बांधी है लेकिन वह हर रक्षाबंधन पर अपने भाई को राखी जरूर भेजती है. साल 1994 में योगी आदित्यनाथ ने संयास ले लिया था, उसके बाद बहन को भाई की कलाई पर राखी बांधने का सौभाग्य नहीं मिला.
शशि बताती हैं कि बचपन से ही योगी आदित्यनाथ का स्वभाव दूसरे भाई बहनों से अलग था. वह गंभीर प्रवृत्ति के थे, अपनी बहनों से उनको काफी लगाव है. योगी आदित्यनाथ बहन के हाथ का बना खाना भी बड़े चाव से खाते हैं लेकिन कई साल बीत गए हम दोनों ने साथ भोजन नहीं किया. योगी आदित्यनाथ का परिवार अपनी सादगी के लिए पूरे क्षेत्र में जाना जाता है. उनके भाई-बहन साधारण स्थिति में ही मेहनत करके अपना गुजर-बसर करते हैं. एक मुख्यमंत्री के भाई होने का उन्हें कोई गुमान नहीं है. बस भाई स्वस्थ और अपने कार्य में दक्ष रहे इसकी प्रार्थना उनका परिवार हमेशा करता है रहता है.