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मसूरी: लॉकडाउन के दौरान सिख समुदाय ने अपने घरों में मनाया बैसाखी का पर्व

पूरे देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण मसूरी में सिख समुदाय के लोगों ने बैसाखी का पर्व अपने-अपने घरों में मनाया. इस दौरान लोग काफी खुश नजर आए.

सिख समुदाय ने मनाया बैसाखी पर्व
सिख समुदाय ने मनाया बैसाखी पर्व
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Published : Apr 13, 2020, 4:51 PM IST

मसूरी: हर साल सिख समुदायों के द्वारा बैसाखी पर्व पर बडे़ ही धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है. लेकिन, इस वर्ष सभी त्योहार कोरोना की भेंट चढ़ गए हैं. देशभर में कोरोना को लेकर लाॅकडाउन है. जिसकी वजह से लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग पालन करना पड़ रहा है. साथ ही, लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की मनाही है. ऐसे में लोगों ने अपने-अपने घरों में बैसाखी का उत्सव मनाया.

गौरतलब है कि, खालसा पंथ की स्थापना का यह दिन गुरू के प्रति श्रद्धा का पर्व माना जाता है. लेकिन, कोरोना वायरस के कारण देश में लागू लॉकडाउन की वजह से कोई बड़ा आयोजन न हो सका. ऐसे में गुरुद्वारों में किर्तन का आयोजन किया गया. साथ ही, लोगों ने अपने घरों में परपंरा के निर्वाहन कर उत्साह मनाया. इस तरह कोई घर में परिवार के साथ सुमिरन करता नजर आया, तो किसी ने प्रतीक स्वरूप नए अनाज की पूजा कर नए अन्न का सेवन किया.

सिख समुदाय ने मनाया बैसाखी पर्व
सिख समुदाय ने मनाया बैसाखी पर्व

इस मौके पर मसूरी सभासद जसबीर कौर ने सभी लोगों से गरीबों की सेवा का आह्वान किया. जिसके चलते सभी लोगों ने घरों में सुमिरन के साथ गरीबों को लंगर छकाया. साथ ही, गुरुद्वारा गांधी चौक पर भी लंगर का आयोजन किया गया.

पढ़ें- सोशल मीडिया पर फैलाई अफवाह तो पुलिस ने दिखाई सख्ती, अबतक 10 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

वहीं जसबीर कौर ने बताया की सुबह हेड ग्रंथी ने प्रकाश किया और फिर लंगर गरीबों में पुलिस के माध्यम से बांटा गया. उन्होंने कहा कि बैसाखी का पर्व मनाने के पीछे एक मान्यता है. हमारे देश में रबी की फसल पक कर तैयार हो जाती है तो इस फसल को कटने का जो वक्त होता है, उसे बैसाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है.

मसूरी: हर साल सिख समुदायों के द्वारा बैसाखी पर्व पर बडे़ ही धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है. लेकिन, इस वर्ष सभी त्योहार कोरोना की भेंट चढ़ गए हैं. देशभर में कोरोना को लेकर लाॅकडाउन है. जिसकी वजह से लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग पालन करना पड़ रहा है. साथ ही, लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की मनाही है. ऐसे में लोगों ने अपने-अपने घरों में बैसाखी का उत्सव मनाया.

गौरतलब है कि, खालसा पंथ की स्थापना का यह दिन गुरू के प्रति श्रद्धा का पर्व माना जाता है. लेकिन, कोरोना वायरस के कारण देश में लागू लॉकडाउन की वजह से कोई बड़ा आयोजन न हो सका. ऐसे में गुरुद्वारों में किर्तन का आयोजन किया गया. साथ ही, लोगों ने अपने घरों में परपंरा के निर्वाहन कर उत्साह मनाया. इस तरह कोई घर में परिवार के साथ सुमिरन करता नजर आया, तो किसी ने प्रतीक स्वरूप नए अनाज की पूजा कर नए अन्न का सेवन किया.

सिख समुदाय ने मनाया बैसाखी पर्व
सिख समुदाय ने मनाया बैसाखी पर्व

इस मौके पर मसूरी सभासद जसबीर कौर ने सभी लोगों से गरीबों की सेवा का आह्वान किया. जिसके चलते सभी लोगों ने घरों में सुमिरन के साथ गरीबों को लंगर छकाया. साथ ही, गुरुद्वारा गांधी चौक पर भी लंगर का आयोजन किया गया.

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वहीं जसबीर कौर ने बताया की सुबह हेड ग्रंथी ने प्रकाश किया और फिर लंगर गरीबों में पुलिस के माध्यम से बांटा गया. उन्होंने कहा कि बैसाखी का पर्व मनाने के पीछे एक मान्यता है. हमारे देश में रबी की फसल पक कर तैयार हो जाती है तो इस फसल को कटने का जो वक्त होता है, उसे बैसाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है.

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