ऋषिकेश: 108 दिनों में अकेले नर्मदा की 3600 किमी परिक्रमा करने वाली शिप्रा पाठक ने तीर्थनगरी प्रवास के दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान विधानसभाध्यक्ष ने शिप्रा पाठक के इस साहसिक एवं प्रेरणारूपी कार्य के लिए उन्हें सम्मानित भी किया.
विधानसभा अध्यक्ष के कैंप कार्यालय में भेंटवार्ता के दौरान शिप्रा पाठक ने बताया कि यह परिक्रमा उन्होंने नवंबर 2018 में प्रारम्भ की थी, जो फरवरी 2019 तक पूरी हो पाई. इसमें 108 दिनों का समय लगा. यह परिक्रमा उन्होंने मध्यप्रदेश के ओमकारेश्वर से शुरू की थी, जो महराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ होते हुए वापस मध्यप्रदेश में आकर पूरी हुई.
शिप्रा कहती हैं कि परिक्रमा के अपने कुछ नियम होते हैं. जिसमें पैसा साथ में नहीं लेजा सकते हैं, इसलिए भिक्षावृति पर ही रहना पड़ता है, जो भी चाहिए होता है तो वह मांगना पड़ता है. शिप्रा ने बताया कि इससे पहले भी कई धार्मिक स्थलों, कैलाश मानसरोवर, ब्रज की 84 कोस और अयोध्या में लगातार 24 घंटे होने वाली विशेष परिक्रमा भी की है. इसके अलावा मनकामेश्वर पर्वत पर 10 किमी की परिक्रमा की है.
इस अवसर पर शिप्रा पाठक ने परिक्रमा के दौरान मिले अनुभवों को उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक 'रेवा' विधानसभा अध्यक्ष को भेंट की. वह कहती हैं कि रेवा नर्मदा का ही नाम है, जहां वे बहुत तेजी से बहती हैं, वहीं उन्हें रेवा बुलाया जाता है. शिप्रा पाठक मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की रहने वाली हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड टॉपर सागर गर्ग को बधाई देने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष, उज्जवल भविष्य की कामना
विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यदि लक्ष्य तय कर लिया जाए, तो हर कठिन कार्य भी आसान हो जाता है. उन्होंने खुशी जतायी कि हमारी भावी पीढ़ी धार्मिक एवं संस्कृति की ओर अग्रसर हो रही है. उन्होंने कहा कि नदी जल की स्वच्छता के लिए नर्मदा की पैदल परिक्रमा कर शिप्रा ने समाज के लिए एक मिसाल पेश की है.