ऋषिकेश: तहसील ऋषिकेश अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं जिनके भवन आज भी जर्जर अवस्था में हैं. शिक्षा विभाग अभी हाल ही में हुए दर्दनाक हादसे से सबक लेने को तैयार नहीं है. हालात ये हैं कि छात्र मजबूरी में अपनी जान जोखिम में डालकर इन विद्यालयों में पढ़ने को मजबूर हैं. उधर, कुछ छात्र विद्यालय आने से भी कतराते हैं. वहीं, परिजनों का कहना है कि शिक्षा विभाग अभी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.
बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले जिले एक माध्यमिक विद्यालय की दीवार गिरने से छात्र की जान चली गई थी. साथ ही दो छात्र गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे. लेकिन इस हादसे का शिक्षा विभाग पर कोई असर नहीं पड़ा है. आलम ये है कि तहसील ऋषिकेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय आज भी जर्जर अवस्था में हैं, जो कि छात्रों को मौत की दावत दे रहे हैं. ऐसे में कब अप्रिय घटना घट जाए कुछ कहा नहीं जा सकता और सवाल ये भी है कि हादसा होने पर उसका जिम्मेदार कौन होगा.
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जानकारी के मुताबिक, राजकीय इंटर कॉलेज छिद्दरवाला, राजकीय प्राथमिक विद्यालय साहबनगर, रायवाला स्टेशन और प्रतीतनगर सहित ऐसे ही कई विद्यालय हैं, जिनके भवन आज भी जर्जर अवस्था में है. लेकिन शिक्षा महकमे के आलाधिकारी इन विद्यालयों की ओर अभी लापरवाह बना हुआ है. इतना ही नहीं राजकीय इंटर कॉलेज रायवाला का एक भवन और बॉउंड्रीवाल के हॉल का नजारा भी कुछ ऐसा ही है. उधर, नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इन जर्जर भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र धड़ल्ले से संचालित किए जा रहे हैं.
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वहीं, मामले में प्रधानाचार्य योगेंबर सिंह रावत का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में जर्जर भवन को तोड़ने का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों के समक्ष रखा गया है. जल्द ही जर्जर भवन को ध्वस्त करा दिया जाएगा. ऐसे में अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग की कुंभकर्णी नींद समय रहते टूटती है या छात्रों को अभी अपनी जान और जोखिम में डालना होगा.