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उत्तराखंडः सात जिलों में भारी बारिश के अलर्ट को लेकर SDRF ने संभाला मोर्चा - उत्तराखंड समाचार

मौसम विभाग ने देहरादून समेत सात जिलों में 24 घंटे के दरम्यान भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, लेकिन गुरुवार सुबह मौसम को देखते हुए राज्य में 48 घंटे का अलर्ट जारी कर दिया गया है.

उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी
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Published : Jul 4, 2019, 9:38 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मौसम का मिजाज डराने लगा है. मौसम विभाग ने प्रदेश में 6 से 8 जुलाई तक देहरादून समेत आठ जिलों में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. शुक्रवार को भी सात जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से एसडीआरएफ की टीमों के अलावा सभी थानों-चौकियों को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.

पढ़ें- उत्तराखंड में नेपाल बॉर्डर से हो रही मानव तस्करी, दाव पर लगी कई मासूम जिंदगियां

आने वाले मानसून सीजन को देखते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई एसडीआरएफ टीमों की संख्या बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन विभाग के साथ सामंजस्य बना कर रखे. ताकि जरूरत पड़ने पर ऐसे क्षेत्रों में फंसे लोगों तक तुरंत राहत पहुंचाई जा सके.

पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के अनुसार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही राहत बचाव के लिए एसडीआरएफ की 30 टीम तैनात है. इसके साथ ही मौसम के अनुसार अन्य क्षेत्रों में एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीम भी भेजी जा रही है.

पढ़ें- दोस्तों के साथ मां पूर्णागिरी के दर्शन को आया किशोर शारदा नदी में डूबा, लापता

डीजी के अनुसार पूर्व में आपदा की घटनाओं के अनुभव को ध्यान में रखते हुए राहत एवं बचाव कार्य के काम में आने वाले जरूरी उपकरण व संसाधनों को भी आपदा प्रबन्धन विभाग की मदद को काफी हद तक पूरा किया जा चुका है.

गौर हो कि उत्तराखंड में हर साल बारिश अपना कहर बरपाती है. मानसून सीजन में पहाड़ी जिलों में दैवीय आपदाओं की घटनाएं देखने को मिलती हैं. आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से पीड़ितों को सकुशल निकालने और उन तक राहत साम्रगी पहुंचाने में एसडीआरएफ की टीमें अहम रोल निभाती हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में मौसम का मिजाज डराने लगा है. मौसम विभाग ने प्रदेश में 6 से 8 जुलाई तक देहरादून समेत आठ जिलों में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. शुक्रवार को भी सात जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से एसडीआरएफ की टीमों के अलावा सभी थानों-चौकियों को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.

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आने वाले मानसून सीजन को देखते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई एसडीआरएफ टीमों की संख्या बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन विभाग के साथ सामंजस्य बना कर रखे. ताकि जरूरत पड़ने पर ऐसे क्षेत्रों में फंसे लोगों तक तुरंत राहत पहुंचाई जा सके.

पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के अनुसार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही राहत बचाव के लिए एसडीआरएफ की 30 टीम तैनात है. इसके साथ ही मौसम के अनुसार अन्य क्षेत्रों में एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीम भी भेजी जा रही है.

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डीजी के अनुसार पूर्व में आपदा की घटनाओं के अनुभव को ध्यान में रखते हुए राहत एवं बचाव कार्य के काम में आने वाले जरूरी उपकरण व संसाधनों को भी आपदा प्रबन्धन विभाग की मदद को काफी हद तक पूरा किया जा चुका है.

गौर हो कि उत्तराखंड में हर साल बारिश अपना कहर बरपाती है. मानसून सीजन में पहाड़ी जिलों में दैवीय आपदाओं की घटनाएं देखने को मिलती हैं. आपदा ग्रस्त क्षेत्रों से पीड़ितों को सकुशल निकालने और उन तक राहत साम्रगी पहुंचाने में एसडीआरएफ की टीमें अहम रोल निभाती हैं.

Intro:summary_ उत्तराखंड में मौसम चेतावनी के चलते प्रदेशभर में एसडीआरएफ व पुलिस को मुख्यालय ने जारी किया गया अलर्ट, एतिहातन SDRF की टीमें बढ़ाई गई, सभी थाना-चौकियों को समय रहते तत्काल रिस्पॉन्स करने दिशानिर्देश..


देहरादून:- उत्तराखंड में मॉनसून मौसम की चेतावनी के उपरांत पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेश के सभी SDRF टीमों सहित थाना-चौकियों को अलर्ट जारी किया गया हैं।इतना ही नहीं राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के तैनात की गई 30 SDRF टीमों को बढ़ाकर विस्तार करने की तैयारी की जा रही हैं। उत्तराखंड में मानसून मौसम के दौरान आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्राकृतिक घटनाओं के बढ़ने के दृष्टिगत आपदा प्रबंधन विभाग के साथ सामान्य से बना कर एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस प्रशासन को समय रहते हरसंभव मदद के लिए सतर्क कर दिया गया है।


Body:वहीं मौसम की चेतावनी के बाद प्रदेशभर में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात एसडीआरएफ टीमों को स्थानीय जिला आपदा प्रबंधन अलर्ट मोड पर सतर्क रहने के निर्देश सहित प्रदेश भर के 13 जिलों के थाना चौकियों के अधीन तैनात रहने वाले अतिरिक्त आपदा राहत पुलिस टीम को भी किसी भी आपातकाल सूचना पर तत्काल समय रहते घटनास्थल पर रिस्पांस देने के संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि मौसम चेतावनी के बाद अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड में मॉनसून के दौरान आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्राकृतिक खतरे को देखते हुए पहले से ही चिन्हित महत्वपूर्ण स्थानों पर 30 एसडीआरएफ की राहत बचाव टीम तैनात है हालांकि राहत कार्य में किसी तरह की कमी ना आए इसको देखते हुए एसडीआरएफ की अतिरिक्त टुकड़ियों को बढ़ाकर मौसम की सूचना के अनुसार अलग-अलग हिस्सों में रवाना कर दिया गया है। डीजी अशोक कुमार के अनुसार पूर्व में आपदा की घटनाओं के अनुभव को ध्यान में रखते हुए राहत बचाव कार्य में काम आने वाले आवश्यक उपकरण व संसाधनों को भी आपदा प्रबन्धन विभाग की मद्दत से काफी हद तक पूरा किया जा चुका हैं।

बाईट- अशोक कुमार, महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय

मानसून सीजन आते में उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में प्राकृतिक आपदा के चलते जीवन पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो जाता हैं वहीं दूसरी तरफ वर्तमान में चारधाम से जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड के निर्माण के चलते भी पहाड़ी के टूटने से उसके दुष्परिणाम भी मॉनसून सीजन में एक बड़ी समस्या हैं।



Conclusion:मॉनसून सीजन शुरू होते ही उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं शुरू

उत्तराखंड में मानसून का मौसम शुरू होते ही राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्राकृतिक मुश्किलें बढ़ जाती है गुरुवार रुद्रप्रयाग में बादल फटने की घटना से जहाँ लगभग 30 मीटर सड़क का नामोनिशान मिट गया तो वही घटना से जानमाल को छोड़ अन्य तरह से नुकसान सामने आया हैं पहाड़ों में मॉनसून की बारिश से पिक पर चलने वाली चारधान यात्रा भी प्रभावित होने शुरू हो गई हैं खराब मौसम के चलते अलग अलग स्थानों में सड़कें पुल क्षतिग्रस्त होने लगे हैं, उधर पहाड़ों में लगातार मानसून बारिश के चलते चमोली जिले के अंतर्गत आने वाले हेमकुंड साहिब यात्रा भी काफी सड़कों की हालत ख़राब होने और भारी बर्फबारी के कगकते यात्रा हद तक प्रभावित हो रही है . वही तीन दिन पहले पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार शहर में बारिश के चलते करंट लगने से तीन लोगों की मौत हो चुकी हैं। उससे पहले कुमाऊँ परिक्षेत्र में बादल फटने की घटना सामने आयी हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बारिश कहर बनकर अपना रौद्र रूप दिखाती हैं, ऐसे में ऋषिकेश के शिवपुरी से चलने वाली राफ्टिंग को दो माह के लिए प्रतिबंध कर दिया गया हैं।


pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628


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