देहरादून: चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Chardham Devasthanam Board) के भंग होने के बाद अब सरकार के मंत्रियों के बयानों पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा मीडिया और अपने ट्विटर हैंडल से सार्वजनिक की. वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को इसकी जानकारी ही नहीं है.
सतपाल महाराज से जब देवस्थानम बोर्ड भंग होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल उनके पास इसकी जानकारी नहीं है. मंत्री सतपाल महाराज का इतना कहना था कि विपक्ष में बैठे कांग्रेस के तमाम नेताओं ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि सतपाल महाराज का यह बयान बताता है कि सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच संबंध ही नहीं है, यानी बीजेपी शासन में जूतों में दाल बंट रही है.
गौर हो कि सोमवार शाम ही पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर मंत्रिगणों की हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी. आज जब सतपाल महाराज से बोर्ड भंग होने के बाद बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस बात की घोषणा मुख्यमंत्री करेंगे जबकि मुख्यमंत्री तीन घंटे पहले ही घोषणा कर चुके थे. यानी सतपाल महाराज को भी यह मालूम नहीं था कि मुख्यमंत्री ने बोर्ड भंग करने की घोषणा कर दी है.
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सतपाल महाराज उन्हीं नेताओं में से एक हैं जो देवस्थानम बोर्ड बनाए जाने और उसको सुरक्षित रखने की लगातार पैरवी कर रहे थे. महाराज चाहते थे कि चारधाम यात्रा पर सरकार अपने स्टैंड पर कायम रहे और देवस्थानम बोर्ड ऐसा ही चलता रहे. लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जिस तरह से घोषणा की है उसके बाद सतपाल महाराज का बयान बताता है कि मुख्यमंत्री ने सलाह मशवरा किए बिना ही घोषणा की है.
सतपाल महाराज के बयान के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि राज्य में हालात ठीक नहीं हैं. मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच संबंध ठीक नहीं है और इसका जीता जागता उदाहरण सतपाल महाराज का ये बयान है. हरीश रावत ने कहा कि जनता के साथ बीजेपी सरकार धोखा कर रही है.