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'प्रधान' का कारनामा: पति को दिलवाया ठेका, शपथ-पत्र में रिश्ते से इनकार - सहायक विकास अधिकारी वीके सैनी

जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में लोकतंत्र की पहली सीढ़ी वाले लोग ही भ्रष्टाचार कर रहे हैं. ऋषिकेश के सिरासू गांव में तत्कालीन प्रधान ने पंचायत भवन के निर्माण का ठेका पति को ही दे दिया. पति की कलाकारी देखिए उसने शपथ पत्र में प्रधान को अनजान बता दिया.

Rishikesh Hindi News
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Published : Aug 29, 2020, 1:16 PM IST

ऋषिकेश: शहर से सटे पौड़ी जिले के सिरासू गांव में पंचायत भवन के लिए 15 लाख रुपए मंजूर किये गए थे. पंचायत भवन तो बना, मगर उसकी सुरक्षा दीवार मौके से गायब है. इतना ही नहीं, पंचायत भवन के निर्माण का ठेका भी तत्कालीन प्रधान ने अपने पति को ही दे दिया था. ठेकेदार पति पर कोई आंच न आए, लिहाजा टेंडर की शर्तों में पति ने प्रधान को शपथ-पत्र दाखिल कर अनजान तक बता दिया. आरटीआई में मामले का खुलासा होने पर अब जिला प्रशासन ने मामले पर जांच बैठा दी है.

कैसे होगा जीरो-टॉलरेंस का सपना साकार ?

पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक के दुर्गम गांव सिरासू में जिला योजना और विधायक निधि से 15 लाख रुपए पंचायत भवन समेत उसकी सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए स्वीकृत किये गए थे. साल 2017-18 में लोकार्पित इस योजना के निर्माण में तत्कालीन प्रधान के पति ने ठेकेदारी के लिए पत्नी से शपथ-पत्र दाखिल कर कोई रिश्ता नहीं होने की बात तक अंकित कर दी.

पंचायत भवन की सुरक्षा दीवार नहीं होने के बावजूद ब्लॉक से 15 लाख रुपए की रकम भी रिलीज कर दी गई. आरटीआई के जरिये जब इस बात का खुलासा हुआ तो शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर डीएम और मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी से की गई, जिसपर अब जांच शुरू कर दी गई है.

वर्तमान में प्रधानपति से प्रधान बने प्रीतम राणा ने इन तमाम आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. उनका कहना है कि यह सब जानबूझकर उनकी छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है.

पढ़ें- भाई-बहन के पवित्र प्रेम व समर्पण का पर्व करमा हड़ी आज, अनोखी है कहानी

सिरासू में पंचायत भवन के निर्माण में अनियमितता की जांच करने पहुंचे अधिकारी ने भी पंचायत भवन की बाउंड्रीवाल नहीं बनाए जाने की बात को स्वीकार किया है. अब उन्होंने मामले की जांच रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंपने की बात कही है.

ऋषिकेश: शहर से सटे पौड़ी जिले के सिरासू गांव में पंचायत भवन के लिए 15 लाख रुपए मंजूर किये गए थे. पंचायत भवन तो बना, मगर उसकी सुरक्षा दीवार मौके से गायब है. इतना ही नहीं, पंचायत भवन के निर्माण का ठेका भी तत्कालीन प्रधान ने अपने पति को ही दे दिया था. ठेकेदार पति पर कोई आंच न आए, लिहाजा टेंडर की शर्तों में पति ने प्रधान को शपथ-पत्र दाखिल कर अनजान तक बता दिया. आरटीआई में मामले का खुलासा होने पर अब जिला प्रशासन ने मामले पर जांच बैठा दी है.

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पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक के दुर्गम गांव सिरासू में जिला योजना और विधायक निधि से 15 लाख रुपए पंचायत भवन समेत उसकी सुरक्षा दीवार के निर्माण के लिए स्वीकृत किये गए थे. साल 2017-18 में लोकार्पित इस योजना के निर्माण में तत्कालीन प्रधान के पति ने ठेकेदारी के लिए पत्नी से शपथ-पत्र दाखिल कर कोई रिश्ता नहीं होने की बात तक अंकित कर दी.

पंचायत भवन की सुरक्षा दीवार नहीं होने के बावजूद ब्लॉक से 15 लाख रुपए की रकम भी रिलीज कर दी गई. आरटीआई के जरिये जब इस बात का खुलासा हुआ तो शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर डीएम और मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी से की गई, जिसपर अब जांच शुरू कर दी गई है.

वर्तमान में प्रधानपति से प्रधान बने प्रीतम राणा ने इन तमाम आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. उनका कहना है कि यह सब जानबूझकर उनकी छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है.

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सिरासू में पंचायत भवन के निर्माण में अनियमितता की जांच करने पहुंचे अधिकारी ने भी पंचायत भवन की बाउंड्रीवाल नहीं बनाए जाने की बात को स्वीकार किया है. अब उन्होंने मामले की जांच रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को सौंपने की बात कही है.

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