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आरटीए की बैठक में वाहनों की स्पीड लिमिट हुई तय, ट्रैवल एजेंसी के लिए अब ये नियम जरूरी - dehradun latest news

देहरादून में संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक आयोजित की गई. बैठक में आरटीए ने ट्रांसपोर्ट व्यवस्था की समीक्षा की. पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे और बड़े बाहनों के लिए स्पीड लिमिट तय करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि एक कमेटी का गठन किया जाएगा और वह कमेटी यह निर्णय लेगी कि कितने ई रिक्शा किसी क्षेत्र के अंतर्गत रजिस्टर्ड किए जाएं.

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Published : Jun 21, 2023, 11:34 AM IST

आरटीए की बैठक में स्पीड लिमिट हुई तय

देहरादून: गढ़वाल आयुक्त के कैंप कार्यालय में संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक के अंर्तगत पूरे संभाग जिसमें टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून और हरिद्वार शामिल हैं इन जिलों की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को लेकर समीक्षा की गई. साथ ही उच्च न्यायालय द्वारा जो आदेश हुए थे, उसमें आरटीए की बैठक में निर्णय लेना था, उस पर भी चर्चा की गई है.

नए परमिट पर नए वाहनों को मिलेगी अनुमति: आरटीए की बैठक में निर्णय लिया गया है कि देहरादून के अंदर प्रदूषण प्रमुख समस्या है. परिवहन विभाग द्वारा डीजल चलित विक्रम और ऑटो को हटाया जा रहा है. इसलिए पुरानी गाड़ियों को परमिट देना उचित नहीं है. ऐसे में निर्णय लिया है कि नए परमिट पर नए वाहनों को अनुमति दी जाएगी. देहरादून क्षेत्र में जहां पर सिटी बसों की सुविधा नहीं है, वहां पर छोटे वाहनों को नए परमिट पर देने का विचार किया गया है और सिटी बसों को भी रूटों पर लगाया जाएगा. जिससे आम जनता को मुख्य स्थानों पर आने में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. इसके अलावा देहरादून के बाहरी क्षेत्रों में परमिट आवेदन करने के लिए समय दिया गया था, लेकिन आवेदन नहीं आने के कारण आवेदन करने की तिथि को आगे बढ़ाया गया है.

ई रिक्शा के लिए कमेटी गठित: साथ ही विक्रम का हाईकोर्ट में मामला लंबित है. इसलिए विक्रम संचालकों से वार्ता करके प्रयास किया जाएगा कि इनका संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में कराया जाए, जिससे लोगों को कम पैसों में शहर आने के लिए सुविधा मिल सके. वहीं, ई-रिक्शा के कारण शहर में हमेशा जाम की स्थिति देखने को मिलती है. इस पर आरटीए ने निर्णय लिया है कि एक कमेटी का गठन किया जाएगा और वह कमेटी यह निर्णय लेगी कि कितने ई रिक्शा किसी क्षेत्र के अंतर्गत रजिस्टर्ड किए जाएं, जिससे परिवहन व्यवस्था पर कोई असर न पड़े. दूसरा ई रिक्शा रजिस्टर्ड करते समय देखा जाएगा कि वह वेरीफाइड व्यक्ति को दिया जा रहा है और उसका संचालन भी वेरीफाइड व्यक्ति ही करेगा.

पर्वतीय क्षेत्रों में स्पीड की होगी लिमिट: इसके अलावा टिहरी और देहरादून के पर्वतीय क्षेत्रों में सर्वे के दौरान जिन सड़कों पर कमर्शियल वाहनों का संचालन हो सकता है. वहां पर अब पब्लिक सेवा चलाने का निर्णय लिया गया है, ताकि गांव-गांव में सेवा दी जा सके. साथ ही सड़क सुरक्षा के मद्देनजर आरटीए ने निर्णय लिया है कि टिहरी, देहरादून और ऋषिकेश के क्षेत्रों में स्पीड लिमिट बनाई जाएगी. स्पीड लिमिट के अनुसार छोटे वाहनों के लिए अलग स्पीड लिमिट रहेगी और बड़े वाहनों के लिए अलग स्पीड लिमिट रहेगी. साथ ही परिवहन विभाग द्वारा सड़कों की चौड़ाई के अनुसार ही स्पीड लिमिट को तय किया जाएगा और स्पीड लिमिट कम से कम 20 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिक से अधिक 45 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.

ट्रैवल एजेंसी का लाइसेंस लेने के लिए नाम पर 5 वाहन अनिवार्य: आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया है कि उत्तराखंड टूरिस्ट राज्य है और बाहरी राज्यों से टूरिस्ट आते रहते हैं, जो ट्रैवल एजेंसी के द्वारा वाहन उपलब्ध करवाते हैं. राज्य में आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा ना हो उसके लिए ट्रैवल एजेंसी की नियमावली में संशोधन किया गया है. संशोधित नियमावली के अंतर्गत जितने भी लोग ट्रैवल एजेंसी का काम कर रहे हैं, वह सभी ट्रैवल एजेंसी का लाइसेंस आरटीओ संभाग के कार्यालय से लेंगे और राज्य के स्तर पर एसटीए लेंगे. साथ ही किसी को भी ट्रैवल एजेंसी का लाइसेंस लेने के लिए उसके नाम पर पांच वाहन होने चाहिए या फिर उसके द्वारा लीज पर वाहन होने चाहिए, तभी वह ट्रैवल एजेंसी का कार्य कर सकता है. उन्होंने बताया कि उसके पास दुकान होनी चाहिए और पार्किंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए. इन सभी व्यवस्थाओं के साथ ही अब ट्रैवल एजेंसी को लाइसेंस मिल सकेगा. वर्तमान में 30 से 35 ट्रैवल एजेंसी ने लाइसेंस आरटीओ विभाग से ले रखा है.

ये भी पढ़ें: विक्रम ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ का विरोध प्रदर्शन, संभागीय परिवहन प्राधिकरण के फैसले पर जताई नाराजगी

आरटीए की बैठक में स्पीड लिमिट हुई तय

देहरादून: गढ़वाल आयुक्त के कैंप कार्यालय में संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक के अंर्तगत पूरे संभाग जिसमें टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून और हरिद्वार शामिल हैं इन जिलों की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को लेकर समीक्षा की गई. साथ ही उच्च न्यायालय द्वारा जो आदेश हुए थे, उसमें आरटीए की बैठक में निर्णय लेना था, उस पर भी चर्चा की गई है.

नए परमिट पर नए वाहनों को मिलेगी अनुमति: आरटीए की बैठक में निर्णय लिया गया है कि देहरादून के अंदर प्रदूषण प्रमुख समस्या है. परिवहन विभाग द्वारा डीजल चलित विक्रम और ऑटो को हटाया जा रहा है. इसलिए पुरानी गाड़ियों को परमिट देना उचित नहीं है. ऐसे में निर्णय लिया है कि नए परमिट पर नए वाहनों को अनुमति दी जाएगी. देहरादून क्षेत्र में जहां पर सिटी बसों की सुविधा नहीं है, वहां पर छोटे वाहनों को नए परमिट पर देने का विचार किया गया है और सिटी बसों को भी रूटों पर लगाया जाएगा. जिससे आम जनता को मुख्य स्थानों पर आने में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. इसके अलावा देहरादून के बाहरी क्षेत्रों में परमिट आवेदन करने के लिए समय दिया गया था, लेकिन आवेदन नहीं आने के कारण आवेदन करने की तिथि को आगे बढ़ाया गया है.

ई रिक्शा के लिए कमेटी गठित: साथ ही विक्रम का हाईकोर्ट में मामला लंबित है. इसलिए विक्रम संचालकों से वार्ता करके प्रयास किया जाएगा कि इनका संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में कराया जाए, जिससे लोगों को कम पैसों में शहर आने के लिए सुविधा मिल सके. वहीं, ई-रिक्शा के कारण शहर में हमेशा जाम की स्थिति देखने को मिलती है. इस पर आरटीए ने निर्णय लिया है कि एक कमेटी का गठन किया जाएगा और वह कमेटी यह निर्णय लेगी कि कितने ई रिक्शा किसी क्षेत्र के अंतर्गत रजिस्टर्ड किए जाएं, जिससे परिवहन व्यवस्था पर कोई असर न पड़े. दूसरा ई रिक्शा रजिस्टर्ड करते समय देखा जाएगा कि वह वेरीफाइड व्यक्ति को दिया जा रहा है और उसका संचालन भी वेरीफाइड व्यक्ति ही करेगा.

पर्वतीय क्षेत्रों में स्पीड की होगी लिमिट: इसके अलावा टिहरी और देहरादून के पर्वतीय क्षेत्रों में सर्वे के दौरान जिन सड़कों पर कमर्शियल वाहनों का संचालन हो सकता है. वहां पर अब पब्लिक सेवा चलाने का निर्णय लिया गया है, ताकि गांव-गांव में सेवा दी जा सके. साथ ही सड़क सुरक्षा के मद्देनजर आरटीए ने निर्णय लिया है कि टिहरी, देहरादून और ऋषिकेश के क्षेत्रों में स्पीड लिमिट बनाई जाएगी. स्पीड लिमिट के अनुसार छोटे वाहनों के लिए अलग स्पीड लिमिट रहेगी और बड़े वाहनों के लिए अलग स्पीड लिमिट रहेगी. साथ ही परिवहन विभाग द्वारा सड़कों की चौड़ाई के अनुसार ही स्पीड लिमिट को तय किया जाएगा और स्पीड लिमिट कम से कम 20 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिक से अधिक 45 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.

ट्रैवल एजेंसी का लाइसेंस लेने के लिए नाम पर 5 वाहन अनिवार्य: आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया है कि उत्तराखंड टूरिस्ट राज्य है और बाहरी राज्यों से टूरिस्ट आते रहते हैं, जो ट्रैवल एजेंसी के द्वारा वाहन उपलब्ध करवाते हैं. राज्य में आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा ना हो उसके लिए ट्रैवल एजेंसी की नियमावली में संशोधन किया गया है. संशोधित नियमावली के अंतर्गत जितने भी लोग ट्रैवल एजेंसी का काम कर रहे हैं, वह सभी ट्रैवल एजेंसी का लाइसेंस आरटीओ संभाग के कार्यालय से लेंगे और राज्य के स्तर पर एसटीए लेंगे. साथ ही किसी को भी ट्रैवल एजेंसी का लाइसेंस लेने के लिए उसके नाम पर पांच वाहन होने चाहिए या फिर उसके द्वारा लीज पर वाहन होने चाहिए, तभी वह ट्रैवल एजेंसी का कार्य कर सकता है. उन्होंने बताया कि उसके पास दुकान होनी चाहिए और पार्किंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए. इन सभी व्यवस्थाओं के साथ ही अब ट्रैवल एजेंसी को लाइसेंस मिल सकेगा. वर्तमान में 30 से 35 ट्रैवल एजेंसी ने लाइसेंस आरटीओ विभाग से ले रखा है.

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