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वन विभाग ने ब्राउन उल्लू का किया रेस्क्यू, उत्तराखंड में पहली बार मिला रॉक पाइथन - दून में पहली बार मिला रॉक पाइथन

रॉक पाइथन मुख्यत: घास के मैदानों, पथरीली घाटियों व नदी के किनारे पाया जाता है. दून में इसकी उपस्थिति कम ही देखी गई है.

dehradun
ब्राउन उल्लू और रॉक पाइथन
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Published : Nov 12, 2020, 10:38 PM IST

देहरादून: वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम इन दिनों उल्लूओं के रेस्क्यू और उनके अवैध बाजार को लेकर छापेमारी करने में जुटी हुई है. इस दौरान टीम ने गुरुवार दून विश्वविद्यालय से एक ब्राउन उल्लू को रेस्क्यू किया है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में पहली बार वनकर्मियों ने रॉक पाइथन का रेस्क्यू किया है.

जानकारी के मुताबिक, वन विभाग को देहरादून के क्लेमेंट टाउन क्षेत्र के रिहायशी इलाके में अजगर के होने की सूचना मिली थी, लेकिन जब क्विक रिस्पांस टीम वहां पहुंची तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि उन्होंने वहां पर रॉक पायथन को देखा, जो उत्तराखंड में सीमित संख्या में पाया जाता है.

क्विक रिस्पांस टीम के मुताबिक, आजतक उत्तराखंड में कभी भी रॉक पाइथन का रेस्क्यू नहीं हुआ है. ये पहला मौका है जब क्विक रिस्पांस टीम ने देहरादून शहर में रॉक पाइथन देखा है. यह अजगर मुख्यत: घास के मैदानों, पथरीली घाटियों व नदी के किनारे पाया जाता है. दून में इसकी उपस्थिति कम ही देखी गई है. पानी के स्रोतों के आसपास ही यह देखा जाता है. रवि जोशी और अरशद आलम की टीम ने फौरन इस पाइथन को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पर छोड़ा दिया.

देहरादून: वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम इन दिनों उल्लूओं के रेस्क्यू और उनके अवैध बाजार को लेकर छापेमारी करने में जुटी हुई है. इस दौरान टीम ने गुरुवार दून विश्वविद्यालय से एक ब्राउन उल्लू को रेस्क्यू किया है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में पहली बार वनकर्मियों ने रॉक पाइथन का रेस्क्यू किया है.

जानकारी के मुताबिक, वन विभाग को देहरादून के क्लेमेंट टाउन क्षेत्र के रिहायशी इलाके में अजगर के होने की सूचना मिली थी, लेकिन जब क्विक रिस्पांस टीम वहां पहुंची तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि उन्होंने वहां पर रॉक पायथन को देखा, जो उत्तराखंड में सीमित संख्या में पाया जाता है.

क्विक रिस्पांस टीम के मुताबिक, आजतक उत्तराखंड में कभी भी रॉक पाइथन का रेस्क्यू नहीं हुआ है. ये पहला मौका है जब क्विक रिस्पांस टीम ने देहरादून शहर में रॉक पाइथन देखा है. यह अजगर मुख्यत: घास के मैदानों, पथरीली घाटियों व नदी के किनारे पाया जाता है. दून में इसकी उपस्थिति कम ही देखी गई है. पानी के स्रोतों के आसपास ही यह देखा जाता है. रवि जोशी और अरशद आलम की टीम ने फौरन इस पाइथन को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पर छोड़ा दिया.

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