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भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

हरिद्वार रोडवेज वर्कशॉप की जमीन अधिग्रहण मामले को लेकर सरकार के विरोध में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने काले झंडे भी दिखाए और 25 नवंबर को उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Nov 23, 2019, 5:28 PM IST

देहरादून: हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज वर्कशॉप की 30 बीघा भूमि का स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अधिग्रहण करने पर विरोध लगातार जारी है. प्रदेशभर के रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने लामबंद होकर एक साथ सरकार के खिलाफ काले झंडे थामकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने बसों का संचालन ठप करके एक घंटे की सांकेतिक हड़ताल भी की. साथ ही आगामी 25 नवंबर को सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

बता दें कि साल 1950 में निर्मित देहरादून के हरिद्वार रोड स्थित वर्कशॉप की 30 बीघा जमीन परिवहन सचिव द्वारा पिछले दिनों स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहरी विकास मंत्रालय को स्थानांतरित कर दी गई. वहीं, वर्कशॉप की भूमि अधिकरण के विरोध में उत्तराखंड परिवहन निगम रोडवेज कर्मचारियों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ प्रत्येक दिन एक घंटे का सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं.

रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.

रोडवेज कर्मचारी यूनियन की मांग है कि सरकार वर्कशॉप के अधिकरण भूमि जिसका वर्तमान में बाजारी मूल्य 300 करोड़ है. उसका मुआवजा देकर ही वर्कशॉप को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करें. इसके साथ ही कर्मचारियों की मांग है कि आईएसबीटी देहरादून का स्वामित्व परिवहन निगम को प्रदान किया जाए.

रोडवेज परिषद के उपाध्यक्ष ने बताया कि सरकार परिवहन निगम के अस्तित्व को खत्म करना चाहती है. इसी के तहत सरकार रोडवेज वर्कशॉप के 30 बीघा भूमि की कीमत मात्र 20 करोड़ रुपये देकर वर्कशॉप के इतने बड़े संसाधनों वाले निगम को खस्ताहाल छोड़ना चाहती है. ऐसे में वर्षों से निगम की सेवा कर रहे कर्मचारी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. सरकार को जल्दी इस भूमि अधिकरण मामले में सकारात्मक रुख अपनाना होगा, वरना कर्मचारी यूनियन एक बड़े आंदोलन को लेकर सड़क पर उतरेगा.

कर्मचारियों की मांगें

  • कार्यशाला भूमि का अधिग्रहण सरकार न करे.
  • कार्यशाला भूमि का उचित मुआवजा दिया जाए.
  • आईएसबीटी देहरादून का स्वामित्व परिवहन निगम को प्रदान किया जाए.
  • रोडवेज कार्यशाला भूमि के बदले परिवहन निगम को बाजारी मूल्य 300 करोड़ रुपए धनराशि ट्रांसफर की जाए.
  • ट्रांसपोर्ट नगर में आधुनिक कार्यशाला का निर्माण किया जाए.

ये भी पढ़ें: -LIVE अपडेट: महाराष्ट्र की घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं..वहीं, रोड परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उत्तराखंड रोडवेज के अलग-अलग जिलों में स्थित भूमि और वर्कशॉप सहित बस अड्डों को अधिकरण निजी कंपनियों के हाथों में देने की मन बना चुकी है. साथ ही सरकार हल्द्वानी, टनकपुर, भवाली और हरिद्वार जैसे बड़े रोडवेज की कीमती भूमियों का अधिग्रहण कर रोडवेज के अस्तित्व खत्म कर देना चाहती है.

देहरादून: हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज वर्कशॉप की 30 बीघा भूमि का स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अधिग्रहण करने पर विरोध लगातार जारी है. प्रदेशभर के रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने लामबंद होकर एक साथ सरकार के खिलाफ काले झंडे थामकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने बसों का संचालन ठप करके एक घंटे की सांकेतिक हड़ताल भी की. साथ ही आगामी 25 नवंबर को सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

बता दें कि साल 1950 में निर्मित देहरादून के हरिद्वार रोड स्थित वर्कशॉप की 30 बीघा जमीन परिवहन सचिव द्वारा पिछले दिनों स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहरी विकास मंत्रालय को स्थानांतरित कर दी गई. वहीं, वर्कशॉप की भूमि अधिकरण के विरोध में उत्तराखंड परिवहन निगम रोडवेज कर्मचारियों द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ प्रत्येक दिन एक घंटे का सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं.

रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.

रोडवेज कर्मचारी यूनियन की मांग है कि सरकार वर्कशॉप के अधिकरण भूमि जिसका वर्तमान में बाजारी मूल्य 300 करोड़ है. उसका मुआवजा देकर ही वर्कशॉप को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करें. इसके साथ ही कर्मचारियों की मांग है कि आईएसबीटी देहरादून का स्वामित्व परिवहन निगम को प्रदान किया जाए.

रोडवेज परिषद के उपाध्यक्ष ने बताया कि सरकार परिवहन निगम के अस्तित्व को खत्म करना चाहती है. इसी के तहत सरकार रोडवेज वर्कशॉप के 30 बीघा भूमि की कीमत मात्र 20 करोड़ रुपये देकर वर्कशॉप के इतने बड़े संसाधनों वाले निगम को खस्ताहाल छोड़ना चाहती है. ऐसे में वर्षों से निगम की सेवा कर रहे कर्मचारी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. सरकार को जल्दी इस भूमि अधिकरण मामले में सकारात्मक रुख अपनाना होगा, वरना कर्मचारी यूनियन एक बड़े आंदोलन को लेकर सड़क पर उतरेगा.

कर्मचारियों की मांगें

  • कार्यशाला भूमि का अधिग्रहण सरकार न करे.
  • कार्यशाला भूमि का उचित मुआवजा दिया जाए.
  • आईएसबीटी देहरादून का स्वामित्व परिवहन निगम को प्रदान किया जाए.
  • रोडवेज कार्यशाला भूमि के बदले परिवहन निगम को बाजारी मूल्य 300 करोड़ रुपए धनराशि ट्रांसफर की जाए.
  • ट्रांसपोर्ट नगर में आधुनिक कार्यशाला का निर्माण किया जाए.

ये भी पढ़ें: -LIVE अपडेट: महाराष्ट्र की घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं..वहीं, रोड परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उत्तराखंड रोडवेज के अलग-अलग जिलों में स्थित भूमि और वर्कशॉप सहित बस अड्डों को अधिकरण निजी कंपनियों के हाथों में देने की मन बना चुकी है. साथ ही सरकार हल्द्वानी, टनकपुर, भवाली और हरिद्वार जैसे बड़े रोडवेज की कीमती भूमियों का अधिग्रहण कर रोडवेज के अस्तित्व खत्म कर देना चाहती है.

Intro:
pls मोदी इस खबर से संबंधित थाली चम्मच बजाकर विरोध वाले दूसरे विजुअल ईमेल से भेजे गए हैं कृपया उठाने का कष्ट करें।

summary-रोडवेज़ वर्कशॉप भूमि अधिग्रहण के विरोध काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन,परिवन कर्मचारियों ने 25 nov से दी प्रदेसभर में सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी...
प्रदेसभर में एक घण्टे तक बसों का संचालन बंद कर थाली चम्मच बजाकर विरोध...


देहरादून- हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज वर्कशॉप की 30 बीघा भूमि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अधिग्रहण के विरोध में शनिवार प्रदेश भर के रोडवेज कर्मचारी यूनियनों ने एक साथ लामबंद होकर सरकार के खिलाफ काले झंडे व थाली चम्मच बजाकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं इस दौरान पूरे प्रदेश भर में तय कार्यक्रम के मुताबिक 1 घंटे का संकेतिक हड़ताल कर निगम की बसों का संचालन ठप कर सरकार के खिलाफ कर्मचारी यूनियन में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

बता दें कि देहरादून के हरिद्वार रोड स्थित सन 1950 में निर्माणाधीन रोडवेज वर्कशॉप की 30 बीघा भूमि परिवहन सचिव द्वारा पिछले दिनों स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहरी विकास मंत्रालय को स्थानांतरित कर दी गई है। उधर वर्कशॉप की भूमि अधिकरण के विरोध में लगातार उत्तराखंड परिवहन निगम रोडवेज कर्मचारी के सभी यूनियन एकजुट राज्य सरकार के खिलाफ प्रत्येक दिन 1 घंटे के अलग अलग तरीके से सांकेतिक हड़ताल कर विरोध कर रहे हैं।

उधर रोडवेज कर्मचारी यूनियन की मांग है कि सरकार वर्कशॉप के अधिकरण भूमि जिसका वर्तमान में बाजारी मूल्य आज 300 करोड़ है उसका मुआवजा देकर ही वर्कशॉप को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करें इसके साथ ही कर्मचारियों की मांग है कि आईएसबीटी देहरादून का स्वामित्व परिवहन निगम को प्रदान किया जाए ।



Body:देहरादून में परिवहन निगम के वर्कशॉप की भूमि अधिकरण के विरोध में काले झंडे दिखाकर आक्रोश व्यक्त करने वाले रोडवेज परिषद के उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार परिवहन निगम के अस्तित्व को खत्म करना चाहती है, इसी के तहत सरकार रोडवेज वर्कशॉप के 30 बीघा भूमि की कीमत मात्र 20 करोड रुपए देकर वर्कशॉप के इतने बड़े संसाधनों निगम के खस्ताहाल हालत पर छोड़ना चाहती है। ऐसे में वर्षों से निगम की सेवा कर रहा कर्मचारी खुद को ठगा महसूस कर रहा है। सरकार को जल्दी इस भूमि अधिकरण मामले में सकारात्मक रूप अपनाना होगा अन्यथा कर्मचारी यूनियन एक बड़े आंदोलन को लेकर सड़क पर उतरेगा।

बाईट- दिनेश गुसाईं, रोडवेज परिषद यूनियन प्रदेश उपाध्यक्ष

वही रोड परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उत्तराखंड रोडवेज के अलग-अलग जिलों में स्थित भूमि और वर्कशॉप सहित बस अड्डों को अधिकरण निजी कंपनियों के हाथों में देने की मन बना चुकी है। इसी के चलते सरकार हल्द्वानी, टनकपुर,भवाली और हरिद्वार जैसे बड़े रोडवेज की बेशकीमती भूमियों को अधिकरण कर रोडवेज के पूरे अस्तित्व को भविष्य में खत्म कर देना चाहती है। महामंत्री पन्त के मुताबिक एक तरफ सरकार निगम के हजारों कर्मचारियों को इस बात के लिए समय-समय पर प्रेरित करती है कि वह अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए निगम आर्थिक भविष्य सुधार करने में मदद करें,वहीं दूसरी तरफ सरकार एक-एक कर निगम की प्रॉपर्टी को अधिकरण करने में जुटी है। ऐसे में सरकार के इस दोहरे चरित्र के खिलाफ आगामी 25 नवंबर को प्रदेशभर के सभी यूनियनों की कार्यकारिणी बैठक में एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

बाइट-दिनेश पंत, रोडवेज परिषद यूनियन, प्रदेश महामंत्री


कर्मचारी की मांगे इस प्रकार

1-कार्यशाला भूमिका अधिकरण सरकार बंद करें
2-कार्यशाला भूमि का उचित मुआवजा दिया जाए
3-आईएसबीटी देहरादून का स्वामित्व परिवहन निगम को प्रदान किया जाए
4-रोडवेज कार्यशाला भूमि के बदले परिवहन निगम को बाजारी मूल्य 300 करोड़ रुपए धनराशि ट्रांसफर की जाए
5- ट्रांसपोर्ट नगर में आधुनिक कार्यशाला का निर्माण किया जाए


Conclusion:
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