ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों ने ठेकेदार पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. सफाई कर्मियों ने ठेकेदार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. सफाई कर्मियों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार मानकों के मुताबिक तनख्वाह नहीं दे रहा है. कर्मचारियों ने चेतावनी दी यदि उनकी मांग पर ठेकेदार और नगर निगम ने संज्ञान नहीं लिया तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
आज नगर निगम परिसर में आउटसोर्स कर्मचारियों ने ठेकेदार को घेरते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया. उन्होंने ने आरोप लगाया कि ठेकेदार कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहा है. मानकों के मुताबिक जहां उनको तनख्वाह नहीं दी जा रही है. वहीं, ईएसआई स्वास्थ्य कार्ड और अन्य फंड की सुविधा भी नहीं मिल रही है. भर्ती प्रक्रिया के दौरान भी ठेकेदार रिश्वत लेने का काम करने में लगा है. वर्तमान समय में पर्यावरण मित्रों को तनख्वाह 15 हजार रुपए दी जा रही है. अन्य चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की तनख्वाह पहले की अपेक्षा कम कर दी गई है.
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सफाई कर्मियों ने आरोप लगाया कि पहले 10,500 रुपए की तनख्वाह ठेकेदार कर्मचारियों को देता था, जो अब घटकर 8,700 रह गई है. ऐसे में कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी चलाने का संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारियों ने जल्दी ही समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
सहायक नगर आयुक्त रमेश रावत ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है, लेकिन लिखित रूप से कोई शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने कर्मचारियों को लिखित शिकायत देने को कहा है. रमेश रावत ने कहा लिखित शिकायत मिलने के बाद नगर निगम मामले में संज्ञान लेकर अग्रिम कार्रवाई करेगा. शिकायत मिलने के बाद किसी भी प्रकार का कंप्रोमाइज बाहर नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा होता है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि मिनिमम वेजेज एक्ट के अनुसार ठेकेदार आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रहा है. उन्होंने सफाई कर्मचारियों की मांगों को जायज ठहराते हुए कर्मचारियों को समर्थन देने का ऐलान किया. उन्होंने कहा इस मामले को लेकर अगर भविष्य में सफाई कर्मचारी कोई आंदोलन करते हैं तो, व्यापार मंडल उनके साथ खड़ा होगा.