देहरादूनः पुलिस ने आढ़त बाजार में बुजुर्ग से हुई टप्पेबाजी की घटना का खुलासा कर दिया है. मामले में पुलिस ने एक शातिर गिरोह को गिरफ्तार किया है. जिसमें तीन लोग शामिल हैं. मौके पर आरोपियों के पास से लूट और टप्पेबाजी के हजारों रुपये भी बरामद हुए हैं. इतना ही नहीं इस गिरोह का मुख्य सरगना 80 साल का बुजुर्ग है. वहीं, पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
बता दें कि देहरादून के आढ़त बाजार में नौकरी करने वाले बुजुर्ग जगदीश प्रसाद बीते 21 अक्टूबर 2019 की दोपहर एक लाख रुपये लेकर एचडीएफसी बैंक में जमा कराने जा रहे थे, तभी सामने से आ रहे एक व्यक्ति ने साइकिल से टक्कर मारकर दी और नगदी लूटकर मौके से फरार हो गया.
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घटना के बाद पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले. जिसके आधार पर पुलिस ने कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की शिनाख्त की. जिसके बाद पुलिस ने दबिश देते हुए एक शातिर गिरोह के तीनों लोगों को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया.
एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि आरोपियों का नाम हारून फारुख, मोहम्मद गनी और मोहनलाल है. सभी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर के रहने वाले हैं. हैरानी की बात ये है कि गिरोह का सरगना 80 साल का बुजुर्ग मोहनलाल है.
जो किसी भी वारदात से पहले बैंक, एटीएम जैसे संस्थानों के आसपास रेकी कर लोगों को टारगेट करने का काम करता था. पुलिस की मानें तो तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास भी है. आरोपी लूट, टप्पेबाजी, चोरी जैसे कई मामलों में जेल जा चुके हैं.
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इस तरह से देते थे घटना को अंजाम-
गिरोह का सरगना बुजुर्ग मोहनलाल एटीएम, बैंक और भीड़भाड़ जैसे जगहों के आसपास घूमकर ऐसे लोगों की पहचान करता था. जिनके पास ज्यादा नकदी और जेवरात हो. हारून रेकी करने के बाद मोहम्मद गनी नाम के अपने साथी को इशारा करता था. जिसके बाद मोहम्मद गनी साइकिल या खुद से टक्कर मारकर चिह्नित किए व्यक्ति को गिरा देते थे.
ऐसे में भ्रम की स्थिति पैदा होने के बाद सहायता करने के नाम पर गिरोह के लोग मौके फायदा उठाकर रुपये और कीमती सामान लेकर घटनास्थल से फरार हो जाते थे. इतना ही नहीं गिरोह के लोग जिस भी शहर में टप्पेबाजी और लूट जैसी की घटना को अंजाम देने जाते थे वो अपने साथ एक साइकिल लेकर जाते थे, जिससे छोटी सी छोटी भीड़भाड़ वाली जगह में भी आसानी से वारदात को अंजाम दिया जा सके.